14 साल के वैभव सूर्यवंशी बने बिहार रंजि ट्रॉफी के सबसे युवा उप-कप्तान

14 साल के वैभव सूर्यवंशी बने बिहार रंजि ट्रॉफी के सबसे युवा उप-कप्तान
द्वारा swapna hole पर 15.10.2025

जब वैभव सूर्यवंशी, वामहाथी बैटर को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने 14 वर्ष की आयु में रंजि ट्रॉफी 2025-26 के पहले दो मैचों के लिए उप‑कप्तान नियुक्त किया, तो यह भारतीय प्रथम‑श्रेणी क्रिकेट में एक नई मानदंड स्थापित हो गया। घोषणा रविवार, 12 अक्टूबर 2025 को आधी रात तक आधिकारिक प्रेस रिलीज़ के माध्यम से की गई, जिसमें साकिबुल गनी को कप्तान चुना गया।

इतिहास और रिकॉर्ड का सफर

वैभव का सफर वास्तव में कभी‑नहीं‑भूलने वाला है। 2023‑24 सीज़न में मात्र 12 साल की उम्र में रंजि ट्रॉफी में पदार्पण करके वह सबसे कम उम्र के डेब्यूटेंट बन गया। दूसरा बड़ी उपलब्धि आई 2025 की आईपीएल ड्राफ्ट में, जब राजस्थान रॉयल्स ने उसे केवल 13 साल की उम्र में ठेके पर ले लिया – यह भारतीय खेल इतिहास में सबसे छोटा आईपीएल अनुबंध था।

और फिर आया वह अनोखा टक्क‑शतक—१३ अक्टूबर 2025 को राजस्थान रॉयल्स बनाम गुजरात टाइटन्स के मैच में 35 गेंदों पर 100 रन बनाकर वैभव ने न सिर्फ सबसे छोटे पुरुष क्रिकेटर का विश्व‑रिकॉर्ड बनाया, बल्कि वह आईपीएल में दूसरा सबसे तेज़ टक्क‑शतक भी बन गया। यह उपलब्धि उसके बाद के रंजि मैच में 15 अक्टूबर 2025 को पद्म-उल-हाक स्टेडियम (पंजा) में 14 रन, 5 गेंदों पर 280% स्ट्राइक‑रेट के साथ शुरू हुई, लेकिन यब निया द्वारा पहले ओवर की पाँचवीं गेंद पर उसका आउट हो गया।

रंजि ट्रॉफी में नई भूमिका

बिहार टीम का सिचुएशन देखना जरूरी है। पिछले सीज़न में टीम कोई जीत नहीं कर पाई, इसलिए प्लेट लीग में डिग्रेड हुई। अब BCA चाहती है कि युवा प्रतिभा को नेतृत्व के अवसर मिले, ताकि टीम की पहचान बदल सके। वैभव को उप‑कप्तान बनाकर यह कदम दोहरा लाभ लाएगा – उसका असामान्य अनुभव टीम के ताज़ा ऊर्जा के साथ जुड़ जाएगा, और साथ ही जनता का ध्यान भी बढ़ेगा।

टीम के कोच, आधी रात के बाद टिप्पणी करते हुए कहा, "वैभव की तकनीकी समझ और खेल भावना अद्भुत है; उसे इस जिम्मेदारी देना सिर्फ उसके भविष्य के लिए नहीं, बल्कि बिहार की क्रिकेट पुनरुद्धार के लिए भी आवश्यक है।" (कोच का नाम आधिकारिक रूप से अभी घोषित नहीं हुआ)।

  • उप‑कप्तान नियुक्ति की तिथि: 12 अक्टूबर 2025
  • पहला प्लेट लीग मैच: 15 अक्टूबर 2025, मोइन‑उल‑हाक स्टेडियम, पटना
  • वैभव की उम्र: 14 वर्ष, 2 महीने
  • बीसीए की कुल 15‑खिलाड़ी सूची में शामिल: पियूष कुमार सिंह, भास्कर दुबे, साकिबुल गनी (कप्तान), वैभव सूर्यवंशी (उप‑कप्तान), अर्नव किशोर, आयुष लोहरुका, बिपिन सौरभ, अमोद यादव, नवाज़ खान, साकिब हुसैन, रघवेंद्र प्रताप सिंह, सचिन कुमार सिंह, हिमांशु सिंह, खालिद अलम, सचिन कुमार

बिहार टीम की रणनीति और अपेक्षाएँ

उप‑कप्तान के रूप में वैभव का मुख्य काम दो‑तीन चीज़ें होगी: शुरुआती ओवरों में आक्रमण को तेज़ करना, युवा को प्रेरित करना, और कप्तान को मैदान में रणनीतिक निर्णयों में मदद करना। साकिबुल गनी ने पहले इंटरव्यू में कहा, "वैभव की फ़्लाइटिंग‑बीट्स और माइंडसेट हमें हर गेंद पर विकल्प देता है। हम उसके साथ मिलकर आउट‑फ़ील्ड प्ले को और लिवर करेंगे।"

टीम के दावेदारों में अरविंद सिंह (स्पिन), अभिषेक रॉय (फास्ट‑बॉलर) और नवाज़ खान (ऑल‑राउंडर) शामिल हैं, जो वैभव के साथ मिलकर बैटिंग क्रम में नई गतिशीलता लाने की उम्मीद है। अगले दो मैचों में बिहार का पहला मुकाबला अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ होगा, फिर 17 अक्टूबर को नयादाद में मणिपुर के खिलाफ दूसरा मुकाबला तय है।

वैभव का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव

वैभव का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव

एक 14‑साल के उम्र में इतना बड़ा मंच नहीं मिलता। वैभव पहले ही भारत अंडर‑19 टीम के साथ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के टूर पर गया है। इन दौरे में उसने 200+ रन का एकत्रित स्कोर बनाया, जिससे वह बोर्डर के तहत तेज़ी से अंतर्राष्ट्रीय पहचान बना रहा। अब वह जल्द ही 2026 के प्रारंभ में ज़िम्बाब्वे‑नामीबिया में आयोजित अंडर‑19 क्रिकेट विश्व कप के भारतीय स्क्वॉड के संभावित विकल्प के रूप में तैयार है। इस वजह से बीसीए ने कहा है कि वह पूरी रंजि सीज़न में उपलब्ध नहीं रहेगा, ताकि वह राष्ट्रीय चयन प्रक्रिया में बाधा न बनें।

क्रिकेट विशेषज्ञ, रमेश कश्यप ने टिप्पणी की, "वर्तमान में वैभव की तकनीकी कौशल और मानसिक मजबूती ऐसे स्तर की है, जो अधिकांश प्रथम‑श्रेणी खिलाड़ियों से कई कदम आगे है। अगर वह U‑19 विश्व कप में भी चमकता है, तो जल्द ही भारत की मुख्य टीम में जगह बना सकता है।"

आगे का मार्ग और संभावित चुनौतियाँ

अब बात आती है चुनौतियों की। सबसे बड़ी समस्या है शारीरिक विकसित होना – अभी भी वह किशोरावस्था की सीमा में है, इसलिए लगातार दो‑तीन महीनों के अत्यधिक क्रिकेट शेड्यूल से चोट का जोखिम बढ़ सकता है। बीसीए ने कहा है कि वैभव के लिए विशेष फिटनेस प्रोग्राम तैयार किया गया है, जिसमें मनोवैज्ञानिक समर्थन भी शामिल है।

दूसरी चुनौती है बाल्यावस्था से व्यावसायिक दबाव। आईपीएल में अकेले ही वह कई विज्ञापनों और मीडिया के बीच फँस सकता है, और साथ ही स्कूल की पढ़ाई भी जारी रखनी होगी। इस बारे में वैभव के परिवार ने बताया कि उन्होंने उसकी पढ़ाई के लिए निजी ट्यूशन और ऑनलाइन क्लासेज़ की व्यवस्था कर ली है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि वैभव सूर्यवंशी का उप‑कप्तान बनना सिर्फ एक व्यक्तिगत माइलस्टोन नहीं, बल्कि बिहार क्रिकेट के पुनरुत्थान की कहानी में एक नया अध्याय है। चाहे वह प्लेट लीग में पहला जीत हासिल करे या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चमके, उसका भविष्य अभी बहुत उज्ज्वल दिख रहा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वैभव सूर्यवंशी के उप‑कप्तान पद का बिहार टीम पर क्या असर पड़ेगा?

उप‑कप्तान पद से वैभव को रणनीतिक निर्णयों में अधिक भागीदारी मिलेगी, जिससे टीम को शुरुआती ओवरों में तेज़ स्कोर बनाने की संभावना बढ़ेगी। साथ ही उसकी युवा ऊर्जा युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी और दर्शकों का ध्यान भी टीम की ओर खींचेगा।

क्या वैभव पूरी रंजि ट्रॉफी सीज़न खेलेंगे?

नहीं। बीसीए के बयान के अनुसार, वैभव को भारत अंडर‑19 टीम के चयन प्रक्रिया के लिये समय देना होगा, इसलिए वह केवल पहले दो प्लेट लीग मैचों में खेलेंगे। शेष मैचों में वह राष्ट्रीय चयन की तैयारी में रहेंगे।

वैभव का आईपीएल में बना रिकॉर्ड क्या है?

वह 2025 आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए 35 गेंदों पर 100 रन बनाकर सबसे छोटे पुरुष क्रिकेटर का विश्व‑रिकॉर्ड बना। यह दूसरा सबसे तेज़ टक्क‑शतक भी है, जो केवल 35 गेंदों में आया।

अंडर‑19 विश्व कप में वैभव की संभावनाएँ क्या हैं?

उसे टीम में स्थान पक्की करने की उम्मीद है क्योंकि उसने already भारत अंडर‑19 के साथ इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के टूर पर प्रभावी प्रदर्शन किया है। यदि वह फॉर्म में रहता है, तो वह विश्व कप में शीर्ष क्रम का हिस्सा बन सकता है।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने इस नियुक्ति से क्या लक्ष्य रखा है?

बीसीए का लक्ष्य युवा प्रतिभा को नेतृत्व देना और प्लेट लीग में टीम की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना है। वैभव जैसी चमकती सितारा को मंच पर लाकर वे टीम के भविष्य को ठोस बनाना चाहते हैं।

टिप्पणि

Sonia Arora
Sonia Arora

वाह! वैभव का सफर पढ़के ऐसा लगा जैसे किसी सपने की कहानी हो।
चार साल की उम्र में ही इतने बड़े मंच पर कदम रखना असाधारण है।
उसके अंकुरित टैलेंट को देखते हुए भाई, मैं कहना चाहूँगी कि बिहार का भविष्य अब चमक रहा है।
जो लोग कहते थे कि युवा क्रिकेटर अभी तैयार नहीं होते, उन्हें अब बार-बार साबित करना पड़ेगा।
वैभव ने न सिर्फ अपना रिकॉर्ड बनाया, बल्कि पूरी टीम के मनोबल को भी ऊँचा उठाया है।
उसके उप‑कप्तान बनने से छोटे‑छोटे खिलाड़ी भी अपनी क्षमताओं पर भरोसा करेंगे।
कोच की बात सुनकर लगता है कि तकनीकी समझ में वह कहीं आगे है।
हर ओवर में उसकी “फ़्लाइटिंग‑बीट्स” जैसी ऊर्जा देखने को मिलेगी।
आईपीएल में जो तेज़ टक्क‑शतक बना, वह एक नया मानदंड स्थापित करता है।
अब सवाल यह नहीं है कि वह कब‑कब जलवे बिखेरेगा, बल्कि कब‑कब हमारे दिलों को जीत लेगा।
उसके फिटनेस प्रोग्राम को देखते हुए चोट की आशंका कम हो रही है।
साथ ही स्कूल की पढ़ाई भी जारी है, इसका मतलब है कि वह बॉलिंग और बैटिंग दोनों में संतुलन बना रखता है।
मीडिया की लहरें तो हमेशा आती ही रहती हैं, लेकिन उसने खुद को संभाल कर रखा है।
परिवार की समर्थन और ट्यूशन की व्यवस्था उसे आत्मविश्वास देती है।
इस सारी बातों को मिलाकर कहा जाए तो वैभव एक प्रेरणा स्रोत है।
आख़िरकार, युवा ऊर्जा और अनुभवी मार्गदर्शन का संगम ही टीम को नई दिशा देता है।

अक्तूबर 15, 2025 AT 23:01

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