अजम खान की सिटापुर जेल से रिहाई: 23 महीने बाद रैम्पुर लौटे नेता

अजम खान की सिटापुर जेल से रिहाई: 23 महीने बाद रैम्पुर लौटे नेता
द्वारा swapna hole पर 24.09.2025

रिहाई की कार्रवाई और कानूनी पृष्ठभूमि

उपलब्ध सूचना के अनुसार, समाजवादी पार्टी के दस बार के विधायक और पूर्व उत्तर प्रदेश मंत्री अजम खान को मंगलवार, 23 सितंबर 2025 को सिटापुर जिले के जेल से रिहा किया गया। उनका हिरासत में रहना कुल 23 महीने रहा, जिसके दौरान उन्होंने 79 आपराधिक मामलों में बंधक स्थिती झेली। विभिन्न अदालतों ने क्रमिक रूप से जमानत दे दी, जिसमें अलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी शामिल थे।

जेल प्रशासन ने बताया कि 72 मामलों में जमानत या रिहाई के आदेश प्राप्त हुए, जबकि शेष 7 मामलों में भी साक्षी अभियोजन ने रिहाई के पक्ष में सिफ़ारिश की। अंतिम मामला, जो रैम्पुर की सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में 2020 में दर्ज हुआ था, धोखाधड़ी और उससे जुड़े आरोपों पर आधारित था। इस मामले में भी आल्हाबाद हाई कोर्ट ने 18 सितंबर को जमानत प्रदान कर दी।

रिहाई के समय, खां को काली कमरबंद और सफ़ेद कुर्ता‑पजामा में देखा गया, जबकि सुरक्षा बल ने जेल के बाहरी हिस्से में कड़ा पुख्ता इंतजाम किया हुआ था। उनके बेटे अब्दुल्ला और अदीब सहित सैकड़ों पार्टी कर्मचारियों ने सुबह से ही इंतजार किया था, जिससे जेल के द्वार से बाहर निकलते ही भीड़ का माहौल काबिले‑तारीफ़ था।

राजनीतिक प्रभाव और रैम्पुर में स्वागत

राजनीतिक प्रभाव और रैम्पुर में स्वागत

रिहाई के तुरंत बाद अजम खान अपने गृहनगर रैम्पुर की ओर रुख किया, जहाँ उनके समर्थकों ने फूलों की मालाओं और नारों से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अनूप गुप्ता, मुरादाबाद सांसद रुची वीरा और जिला अध्यक्ष चंद्रपति यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी इस अवसर पर मौजूदगी दर्ज कराई।

अजम खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद उत्पन्न घृणा भाषण मामले से शुरू होकर कई अपराधों का सामना किया, जिसमें फर्जी रिपोर्ट लिखना, घृणा भाषण, धोखा और जमीन जब्ती के आरोप शामिल थे। उनके पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला को भी विभिन्न मामलों में दायर किया गया था, जिससे उनके परिवार को सार्वजनिक जांच और न्यायिक प्रक्रिया का सफर तय करना पड़ा।

समुदाय के भीतर उनकी स्थिति को देखते हुए, कई विश्लेषकों ने कहा है कि यह रिहाई समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक को मजबूती प्रदान कर सकती है। रैम्पुर में उनका राजनीतिक असर अब तक काबिले‑ध्यान रहा है; जलवायु परिवर्तन, विकासात्मक योजनाओं और सामाजिक कल्याण के मुद्दों में उनकी आवाज़ अक्सर सुनी जाती रही है।

भविष्य में अजम खान के राजनीतिक रोल पर विभिन्न पहलुओं से चर्चा जारी है। क्या वे अपने राजनीतिक करियर को फिर से पुनःस्थापित कर पाएंगे? क्या इस रिहाई से पार्टी की गठबंधन रणनीति में बदलाव आएगा? इन सवालों के जवाब अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह घटना यू.पी. की राजनीति में एक नई दिशा का संकेत दे सकती है।

  • सिटापुर जेल से रिहाई के बाद तुरंत रैम्पुर पहुँचें।
  • 79 मामलों में जमानत मिलने के बाद भी कानूनी चुनौती जारी है।
  • समाजवादी पार्टी के भीतर उनका प्रमुख कलात्मक प्रभाव बना रहता है।
  • रिहाई से पार्टी के मुस्लिम वोटर बेस को ऊर्जा मिलने की संभावना।

टिप्पणि

Abinesh Ak
Abinesh Ak

अजम खान को 79 मामलों में जमानत मिल गई... ये कानून है या बिजनेस मॉडल? जब तक ताकतवर लोगों के पास बेहतर वकील होंगे, न्याय तो बस एक ड्रामा होगा। बस अब नारे लगाने का टाइम है, न्याय का नहीं।

सितंबर 26, 2025 AT 17:18
Ron DeRegules
Ron DeRegules

देखो यार इस बात को गहराई से समझना होगा कि जमानत का फैसला किसी एक अदालत ने नहीं बल्कि कई स्तरों पर अलग-अलग न्यायाधीशों ने अलग-अलग मामलों में दिया है जिसमें अलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी शामिल हैं और इसका मतलब ये है कि अदालतों ने भी देखा कि इन मामलों में बर्बर देरी हुई है और अभियोजन की ओर से भी सिफारिश हुई है तो ये कोई अन्याय नहीं है बल्कि कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है जिसे लोग आसानी से राजनीति में बदल देते हैं

सितंबर 28, 2025 AT 11:05
Manasi Tamboli
Manasi Tamboli

क्या आपने कभी सोचा है कि जेल में बैठे इंसान का दिल कैसा होता है? ना घर का खाना, ना बच्चों की आवाज़, ना एक बार भी गले लगने का मौका... और फिर एक दिन वो बाहर आता है और सब फूलों से ढक जाता है... ये न्याय नहीं, ये जीवन का अर्थ है।

सितंबर 30, 2025 AT 04:32
Ashish Shrestha
Ashish Shrestha

अत्यधिक अनियमितता। एक व्यक्ति के खिलाफ 79 मामले दर्ज होना एक व्यवस्थित अत्याचार का संकेत है। यदि न्यायिक प्रक्रिया इस तरह लापरवाही से चल रही है, तो न्याय का अर्थ ही खो गया है।

अक्तूबर 1, 2025 AT 13:10
Mallikarjun Choukimath
Mallikarjun Choukimath

यह घटना एक विशिष्ट दर्शन का प्रतीक है-जहाँ शक्ति के अस्तित्व की पुष्टि न्याय के रूप में नहीं, बल्कि व्यवस्था के अंतर्गत अपने अधिकारों के अनुप्रयोग के रूप में होती है। अजम खान की रिहाई केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि एक सामाजिक संरचना के लिए एक अभिनय है।

अक्तूबर 2, 2025 AT 16:00
Sitara Nair
Sitara Nair

बहुत खुशी हुई 😊 ये देखकर लगा जैसे कोई लंबे समय बाद घर आ गया हो... फूलों की मालाएं, बच्चे, भीड़, गाने... ये सब देखकर दिल भर गया ❤️ उम्मीद है अब वो बेहतर दुनिया बनाएंगे 🙏

अक्तूबर 2, 2025 AT 23:47
Abhishek Abhishek
Abhishek Abhishek

अच्छा अब जो लोग गरीब हैं और जेल में हैं उनकी बात क्यों नहीं कर रहे? ये तो बस एक नेता है जिसके पास पैसा है और वकील हैं। जब तक ये दोहरा मापक नहीं बंद होगा, तब तक न्याय का नाम लेना मुश्किल है।

अक्तूबर 4, 2025 AT 20:03
Avinash Shukla
Avinash Shukla

इस रिहाई को एक नया आरंभ मानना चाहिए... न कि एक विवाद का अंत। क्या हम इसे एक अवसर के रूप में देख सकते हैं कि लोग अपनी गलतियों से सीखें और समाज के लिए कुछ बेहतर करें? 🤔

अक्तूबर 6, 2025 AT 12:59
Harsh Bhatt
Harsh Bhatt

ये जो जमानत का खेल चल रहा है, ये सिर्फ बाजारी न्याय है। जिसके पास लाखों रुपये हैं, वो जेल से बाहर आ जाता है। जिसके पास बस एक फोन है, वो जिंदगी भर बंद रहता है। ये देश है या एक बिजनेस हाउस?

अक्तूबर 6, 2025 AT 14:07
dinesh singare
dinesh singare

79 मामले? ये कोई न्याय नहीं ये तो एक लंबी फिल्म है! अब बाहर आ गए तो चुनाव की रेस में वापस आएंगे, फिर से नारे लगाएंगे, फिर से भाषण देंगे... और फिर से जेल की ओर बढ़ेंगे। ये चक्र तब तक चलता रहेगा जब तक हम इसे राजनीति के रूप में नहीं देखेंगे।

अक्तूबर 8, 2025 AT 09:10
Priyanjit Ghosh
Priyanjit Ghosh

अब तो बस ये देखना है कि क्या वो अपने वादों पे अमल करेंगे या फिर वही धोखा देंगे... जिंदगी में दो तरह के लोग होते हैं-जो गिरते हैं और उठ जाते हैं, और जो गिरते हैं और फिर से गिर जाते हैं 😅

अक्तूबर 8, 2025 AT 09:19
Anuj Tripathi
Anuj Tripathi

हां भाई बस अब उन्हें रास्ता दो... जो लोग लंबे समय तक लड़ रहे हैं उन्हें दूसरा मौका देना चाहिए... अगर वो अच्छा बनना चाहते हैं तो हम भी उन्हें बनने दें... ये देश है ना बंदरखाना 😊

अक्तूबर 10, 2025 AT 04:16
Hiru Samanto
Hiru Samanto

ये रिहाई बहुत अच्छी बात है... लेकिन अगर वो वापस वही बातें करने लगे तो हम भी उनके खिलाफ आवाज़ उठाएंगे... न्याय और समर्थन दोनों जरूरी हैं 🙏

अक्तूबर 11, 2025 AT 07:09
Divya Anish
Divya Anish

एक नेता के रूप में उनकी जिम्मेदारी अब और भी बढ़ गई है। उनके जैसे व्यक्ति अगर न्याय के नाम पर बदलाव लाते हैं, तो यह समाज के लिए एक अद्भुत उदाहरण हो सकता है। उनकी आवाज़ को सुनना चाहिए, न कि उनके अतीत को दोहराना।

अक्तूबर 11, 2025 AT 18:05
md najmuddin
md najmuddin

देखो यार, जब तक हम लोग अपने दोस्तों के लिए जेल जाने की बात नहीं करेंगे, तब तक ये चलता रहेगा। अजम खान के लिए नहीं, बल्कि उनके बच्चों के लिए आशा रखनी चाहिए। ❤️

अक्तूबर 12, 2025 AT 23:09
Ravi Gurung
Ravi Gurung

क्या ये सब सच है? क्या वो वाकई 79 मामलों में जमानत पा गए? ये तो बहुत अजीब लग रहा है...

अक्तूबर 14, 2025 AT 10:24
Manasi Tamboli
Manasi Tamboli

जब एक आदमी जेल से बाहर आता है, तो वो बस एक आदमी नहीं होता... वो एक पूरे परिवार के दर्द का प्रतीक हो जाता है। उसकी आँखों में जो चमक है, वो सिर्फ आजादी की नहीं, वो उम्मीद की है।

अक्तूबर 15, 2025 AT 16:52
Ankit gurawaria
Ankit gurawaria

ये जो रिहाई हुई है, ये सिर्फ एक नेता के लिए नहीं, ये एक पूरे समुदाय के लिए एक नया अध्याय है। जब तक हम अपने नेताओं को बस अपराधी या नायक नहीं बना देते, तब तक हम अपने आप को नहीं बदल पाएंगे। अजम खान अब एक नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं-और हमें भी अपने दिलों की बंदिश खोलनी होगी।

अक्तूबर 15, 2025 AT 17:02

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