CBSE Revaluation 2025: 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए नए ऑनलाइन प्रक्रिया, फीस और अहम बातें

CBSE Revaluation 2025: 10वीं-12वीं के छात्रों के लिए नए ऑनलाइन प्रक्रिया, फीस और अहम बातें
द्वारा swapna hole पर 28.05.2025

CBSE री-इवैल्युएशन 2025: ऑनलाइन आवेदन और नयी पारदर्शी प्रक्रिया

अगर आपको लगता है कि आपकी 10वीं या 12वीं की बोर्ड परीक्षा के अंक उम्मीद के मुताबिक नहीं आए तो सीबीएसई ने आपके लिए एक आसान और ज्यादा पारदर्शी री-इवैल्युएशन की प्रक्रिया तैयार की है। ऐसे हजारों छात्र होते हैं जो सोचते हैं कि कहीं मार्किंग में चूक तो नहीं हुई, अब आपके पास साफ मौका है कि आप अपनी कॉपी देख सकें और उचित कदम उठा सकें।

CBSE की वेबसाइट पर जाकर सबसे पहले आपको revaluation 2025 या री-चेकिंग सेक्शन में जाना होगा। वहाँ आपको अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स से रजिस्टर या लॉगिन करना है। यहां से आप तीनों सेवाओं—मार्क्स वेरिफिकेशन, आंसरबुक की फोटो कॉपी और री-इवैल्युएशन में से किसी एक या सभी के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, यानी आपको ऑफिस जाने या डाक से फॉर्म भेजने की झंझट नहीं है।

फीस की बात करें तो री-इवैल्युएशन के लिए प्रति प्रश्न ₹100 और आंसरशीट की फोटो कॉपी के लिए प्रति विषय ₹500 का भुगतान करना होता है। हालांकि, कभी-कभी CBSE अलग सर्कुलर में फीस में बदलाव कर सकता है, तो आवेदन के वक्त ऑफिशियल नोटिफिकेशन जरूर पढ़ लें।

आंसरशीट पहले देखिए, फिर री-इवैल्युएशन पर फैसला लीजिए

पहली बार CBSE ने ऐसी व्यवस्था की है जिसमें छात्र अपनी स्कैन्ड आंसरशीट देख सकते हैं, ताकि मार्किंग की गलतियों का ठीक-ठीक अंदाजा लग सके। फोटो कॉपी डाउनलोड करने के बाद अगर आपको कोई बड़ा मिस्टेक दिखता है, तभी आप री-इवैल्युएशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इससे छात्रों को ज्यादा पारदर्शिता मिलती है और सही तरीके से पता चलता है कि री-इवैल्युएशन जरूरी है या सिर्फ नंबर बढ़वाने की उम्मीद में आवेदन करना गलत होगा।

आंसरबुक मिलने के बाद री-इवैल्युएशन के लिए आवेदन करते हैं तो आपकी कॉपी दूसरा एग्जामिनर चेक करता है। वो अगर कोई गड़बड़ी पाता है तो मार्क्स बढ़ या घट सकते हैं और फाइनल मार्क्स सीधे आपके ऑनलाइन अकाउंट में अपडेट हो जाएंगे। ध्यान रखें, हर विषय के लिए सिर्फ एक बार री-इवैल्युएशन का मौका मिलेगा।

आवेदन की विंडो कितने दिन के लिए रहेगी, इसका एलान अलग से CBSE सर्कुलर में किया जाएगा। अगर आपने 2025 की मेन परीक्षा दी है तो ही आप आवेदन कर सकते हैं। कंपार्टमेंट वाले छात्रों को कुछ अलग प्रक्रिया फॉलो करनी होगी, जिसके लिए सीबीएसई की गाइडलाइन पढ़नी जरूरी है।

  • री-इवैल्युएशन की फीस वापस नहीं मिलेगी, चाहे मार्क्स बदलें या नहीं।
  • मार्क्स अपडेशन का स्टेटस ऑनलाइन अकाउंट में देखने को मिलेगा।
  • री-इवैल्युएशन के बाद दोबारा कोई रिव्यू या अपील की सुविधा नहीं होगी।

अब छात्रों को सिर्फ रिजल्ट आने के बाद नाउम्मीदी का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता और बढ़ी जवाबदेही से सही फैसला लेने में आसानी होगी।

टिप्पणि

Hiru Samanto
Hiru Samanto

ye to bhot accha ho gya ab, pahle to koi bhi pata nahi hota tha ki kaise mark diye gaye... ab photo milega to thoda to samajh aayega

मई 30, 2025 AT 06:24
Divya Anish
Divya Anish

यह नया प्रक्रिया वाकई एक क्रांति है! छात्रों को अब अपनी कॉपी का विश्लेषण करने का अवसर मिल रहा है, जिससे उनकी आत्मविश्वास की भावना बढ़ेगी। यह सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि शिक्षा में नैतिक पारदर्शिता की ओर एक गहरा कदम है। मैं इसकी प्रशंसा करती हूँ और इसे अपने छात्रों के साथ शेयर करूंगी।

मई 30, 2025 AT 11:05
md najmuddin
md najmuddin

ye to mast lag raha hai 😊 ab koi tension nahi kiya jayega ki kya mark sahi diye gaye ya nahi... bas photo dekh lo aur phir socho 😎

मई 31, 2025 AT 01:48
Ravi Gurung
Ravi Gurung

thik hai toh ab ek baar dekh lena hi padega ki kahan galti ho gayi... warna bas sochte rahooge ki kya hua

जून 1, 2025 AT 00:27
SANJAY SARKAR
SANJAY SARKAR

100 rs per question? kya bhai ye to zyada hi lag raha hai... koi discount nahi hoga kya?

जून 2, 2025 AT 16:05
Ankit gurawaria
Ankit gurawaria

यह नयी प्रक्रिया बहुत बड़ी बात है, और इसका असर सिर्फ छात्रों तक ही नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा प्रणाली पर पड़ेगा। अब छात्र अपनी कॉपी को देखकर अपनी कमजोरियों को पहचान पाएंगे, जिससे उनकी भविष्य की तैयारी में सुधार होगा। यह फोटो कॉपी का विकल्प तो बहुत ही बुद्धिमानी से डिज़ाइन किया गया है, क्योंकि अक्सर बच्चे अपने जवाबों को भूल जाते हैं, और बस अंकों के आधार पर निराश हो जाते हैं। अब वे देख सकते हैं कि क्या उनका उत्तर अधूरा था, या क्या एग्जामिनर ने उसे गलत समझ लिया। यह एक ऐसा बदलाव है जो शिक्षा को एक जीवंत, सहायक और न्यायपूर्ण प्रक्रिया में बदल देगा। और हाँ, यह फीस भी अगर कुछ अतिरिक्त लागतों के लिए है तो ठीक है, लेकिन कम से कम यह एक नियमित, पारदर्शी और अपील योग्य प्रक्रिया है, जो पहले कभी नहीं थी।

जून 3, 2025 AT 14:10
AnKur SinGh
AnKur SinGh

यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम है। भारतीय शिक्षा प्रणाली में लंबे समय से अंकों की पारदर्शिता की कमी थी, और अब CBSE ने इस अंधेरे को खोल दिया है। छात्रों को अपनी आंसरशीट देखने का अधिकार देना न केवल न्याय की भावना जगाता है, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी और विश्लेषणात्मक सोच का भी अभ्यास करने का अवसर देता है। यह तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परिवर्तन है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे अन्य बोर्डों को अपनाना चाहिए। और हाँ, फीस अगर एक विशिष्ट लागत को कवर करती है, तो यह उचित है। अंकों की न्यायपूर्णता के लिए कोई लागत बहुत अधिक नहीं हो सकती।

जून 5, 2025 AT 01:28
Kunal Mishra
Kunal Mishra

यह सब बहुत सुंदर है... लेकिन क्या आप वाकई सोचते हैं कि एक छात्र जिसके 35/80 आए हैं, वह री-इवैल्युएशन के लिए ₹100 प्रति प्रश्न देने के बाद भी उसके अंक बढ़ जाएंगे? यह तो बस एक शोर है, जिससे लोगों को यह लगता है कि कुछ हो रहा है। असली समस्या तो शिक्षकों की अयोग्यता और परीक्षा के डिजाइन में है।

जून 6, 2025 AT 03:19
Anish Kashyap
Anish Kashyap

ye to game changer hai bhai! ab koi bhi bolta ki mark kam diye toh bhai photo dekh lo phir pata chal jayega kya hua 😎

जून 7, 2025 AT 21:46
Poonguntan Cibi J U
Poonguntan Cibi J U

मैंने 2024 में री-इवैल्युएशन के लिए आवेदन किया था... और फिर जब मैंने आंसरशीट देखी तो मैं रो पड़ा... एक प्रश्न में मेरा उत्तर बिल्कुल सही था, लेकिन एग्जामिनर ने इसे गलत बता दिया... मैंने फिर री-इवैल्युएशन के लिए आवेदन किया... और फिर भी अंक नहीं बढ़े... अब यह नया सिस्टम भी वैसा ही होगा... कोई नहीं सुनता... मैंने तो अपने बच्चे की जिंदगी खो दी थी... यह सब बस नाटक है।

जून 8, 2025 AT 07:54
Vallabh Reddy
Vallabh Reddy

इस प्रक्रिया की वैधता का मूल्यांकन करने के लिए, आवेदन की फीस के आर्थिक आधार को विश्लेषण करना आवश्यक है। यदि यह फीस आंतरिक व्यय को कवर करती है, तो यह उचित है। अन्यथा, इसे एक अनुचित लाभ के रूप में देखा जा सकता है। इसके अलावा, री-इवैल्युएशन के बाद अपील की सुविधा के अभाव के कारण, यह प्रणाली एक अंतिम निर्णय के रूप में कार्य करती है, जिसकी न्यायिक जांच की आवश्यकता हो सकती है।

जून 9, 2025 AT 04:15

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