छठ पूजा के लिए बिहार में मौसम चिंताजनक: आईएमडी ने 27 अक्टूबर को बारिश की संभावना बताई

छठ पूजा के लिए बिहार में मौसम चिंताजनक: आईएमडी ने 27 अक्टूबर को बारिश की संभावना बताई
द्वारा swapna hole पर 30.10.2025

बिहार के लाखों भक्त जो आज नदियों के किनारे छठ पूजा के लिए तैयार हो रहे हैं, उनके लिए आज का दिन एक अज्ञात के साथ खेल रहा है। छठ पूजा के दिन, बिहार में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 40% बारिश की संभावना की भविष्यवाणी की है, जिससे दर्शनीय जल अर्चना के लिए जाने वाले तीर्थ स्थलों पर अनिश्चितता बढ़ गई है। दोपहर 2:30 बजे जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आज का तापमान 24°C से 29°C के बीच रहेगा, लेकिन आकाश में बिखरे बादल और बारिश की संभावना ने भक्तों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है।

छठ पूजा के लिए मौसम का निर्णायक महत्व

छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ एक गहरा संबंध है। यहां भक्त नदियों के किनारे खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं — जिसमें शाम के समय और सुबह के समय दो बार जल अर्चना की जाती है। बारिश या बादलों का घना ढक जाना इन अनुष्ठानों को बाधित कर सकता है। कई गांवों में तो यह दिन पूरे साल का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है, जहां परिवार एक साथ आकर तीन-चार दिनों तक व्रत रखते हैं। अब यह सवाल उठ रहा है: क्या भगवान सूर्य की आराधना के लिए आकाश खुलेगा?

अलग-अलग भविष्यवाणियां, एक ही अनिश्चितता

किसी एक स्रोत पर भरोसा करना अब बहुत खतरनाक है। AccuWeather ने बिहार के लिए 33.3°C तक का अधिकतम तापमान बताया है, जबकि climate-data.org के अनुसार यह 29°C तक ही रहेगा। गया के लिए तो एक जगह 23°C और दूसरी जगह 31°C का अंतर है। यह अंतर बिहार की विविध भूगोलिक स्थिति के कारण है — गंगा के मैदानी इलाकों में गर्मी ज्यादा है, जबकि उत्तरी और पूर्वी जिलों में नदियों के पास नमी और ठंडक बढ़ जाती है। इसलिए एक ही राज्य में दो अलग-अलग मौसम की स्थिति बन सकती है।

गया, पटना, भागलपुर: जहां बारिश का खतरा सबसे ज्यादा

गया के लिए आईएमडी के अनुसार 5.7 मिलीमीटर बारिश की भविष्यवाणी है — यह छोटी लग सकती है, लेकिन जब यह नदी के किनारे हो रही हो, तो यह अर्घ्य देने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या बन सकती है। पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लिए आईएमडी ने ओरेंज और रेड अलर्ट की सूचना जारी की है। यह अलर्ट सिर्फ बारिश के लिए नहीं, बल्कि अचानक बाढ़, बिजली की चमक और तेज हवाओं के लिए भी है। शहरी क्षेत्रों में जहां नालियां बंद हैं, वहां जलभराव का खतरा भी है।

मौसम भविष्यवाणी की सीमाएं: क्यों अलग-अलग आंकड़े?

आईएमडी की विज्ञप्ति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जितना लंबा समय आगे भविष्यवाणी की जाए, उतनी ही कम हो जाती है उसकी सटीकता। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे अक्सर भूल दिया जाता है। वेदर25.कॉम के अनुसार अक्टूबर में बिहार में 3 से 8 दिन बारिश हो सकती है — यानी छठ के बाद भी बारिश की संभावना बनी रहती है। यह बताता है कि यह एक लंबी अवधि की भविष्यवाणी है, न कि एक दिन के लिए विश्वसनीय अनुमान। इसलिए भक्तों को अपनी योजना में लचीलापन रखना चाहिए।

आईएमडी की चेतावनी: ओरेंज और रेड जोन में क्या करें?

आईएमडी की चेतावनी: ओरेंज और रेड जोन में क्या करें?

आईएमडी ने विशेष रूप से उन जिलों के लिए ओरेंज और रेड कलर की चेतावनी जारी की है, जहां भारी बारिश की संभावना है। यह अलर्ट सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक निर्देश है। अगर आप गया या पटना में हैं, तो बारिश के दौरान नदी के किनारे न जाएं। अगर आप पहले से ही जाने के लिए तैयार हैं, तो बारिश के लिए तैयार रहें — बरसाती कपड़े, जूते, और एक अतिरिक्त टोकरी में सूखे कपड़े ले जाएं। अधिकारी बता रहे हैं कि यदि रेड अलर्ट जारी हो जाए, तो नदी के किनारे जाने की सलाह नहीं दी जाएगी।

क्या अगले दिन बेहतर होगा?

28 अक्टूबर के लिए आईएमडी की भविष्यवाणी में आंशिक बादलों की बात की गई है, लेकिन यह अभी भी अनिश्चित है। अगर आज बारिश हो जाती है, तो कल सुबह आकाश साफ हो सकता है — यह बिहार के मौसम की खासियत है। लेकिन अगर आज बारिश नहीं होती, तो भी बादल आ सकते हैं। यहां कोई नियम नहीं है। एक बात तो निश्चित है — छठ के दिन जो भी हो, भक्तों की श्रद्धा बारिश से ज्यादा मजबूत है।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • 27 अक्टूबर 2025: बिहार में बारिश की संभावना 40%, तापमान 24°C-29°C
  • गया: 5.7 मिमी बारिश की भविष्यवाणी, तापमान 23°C-31°C
  • आईएमडी: ओरेंज और रेड अलर्ट जारी, विशेष रूप से पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर और गया के लिए
  • अक्टूबर 2025: बिहार में कुल 3-8 बारिश वाले दिन, 97 मिमी वर्षा
  • छठ पूजा: जल अर्चना के लिए निर्धारित दिन, जिसमें मौसम निर्णायक भूमिका निभाता है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

छठ पूजा के दिन बारिश होने पर क्या करें?

अगर बारिश हो रही है, तो नदी के किनारे जाने की बजाय घर पर छठ की पूजा करें। बहुत से घरों में नदी की तस्वीर या एक बाल्टी में पानी रखकर अर्घ्य देने की परंपरा है। सुरक्षा के लिए बारिश में नदी के किनारे न जाएं, खासकर ओरेंज या रेड अलर्ट वाले इलाकों में।

क्यों अलग-अलग वेबसाइट्स पर अलग-अलग तापमान दिख रहे हैं?

यह बिहार के विविध भूगोल के कारण है — गंगा के मैदानी इलाकों में गर्मी अधिक होती है, जबकि नदियों के किनारे और पहाड़ी इलाकों में तापमान कम होता है। अलग-अलग सेवाएं अलग-अलग स्थानों के आंकड़े दिखाती हैं, इसलिए आईएमडी की जिलावार भविष्यवाणी ही सबसे विश्वसनीय है।

आईएमडी का ओरेंज और रेड अलर्ट क्या बताता है?

ओरेंज अलर्ट का मतलब है कि भारी बारिश या तूफान की संभावना है, जबकि रेड अलर्ट का मतलब है कि खतरनाक हालात बन सकते हैं — जैसे बाढ़, बिजली की चमक, या बहुत तेज हवाएं। इन इलाकों में लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी जाती है।

क्या छठ पूजा को दूसरे दिन स्थगित किया जा सकता है?

नहीं, छठ पूजा का दिन चांद्र मास के अनुसार निर्धारित होता है और इसे बदला नहीं जा सकता। भक्त इसे चाहे बारिश में या धूप में निर्धारित दिन पर ही करते हैं। यह उनकी श्रद्धा का प्रतीक है — मौसम नहीं, विश्वास ही इसका आधार है।

टिप्पणि

Vitthal Sharma
Vitthal Sharma

बारिश हो या न हो, छठ तो होगी ही।

अक्तूबर 31, 2025 AT 15:40
Yogesh Dhakne
Yogesh Dhakne

मैं गया से हूँ। पिछले साल भी बारिश हुई थी, लेकिन जब अर्घ्य देने लगे तो बादल खुल गए। भगवान सूर्य को तो कोई फर्क नहीं पड़ता।
मैंने अपनी बहन को बताया - बस घर पर दीप जलाओ, और दिल से भजो।

नवंबर 1, 2025 AT 19:11
Abhishek Deshpande
Abhishek Deshpande

यह आईएमडी की भविष्यवाणी... बस एक और आंकड़ा है, जिसे लोग असली सच समझ लेते हैं... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये मॉडल तो डेटा पर आधारित हैं, और डेटा तो बदलता रहता है... और फिर भी, हम इसे भगवान की बात समझ लेते हैं... ये तो बस एक आधुनिक धर्म है, जिसका नाम 'मौसम विज्ञान' है।

नवंबर 3, 2025 AT 00:52
Sutirtha Bagchi
Sutirtha Bagchi

अरे भाई, बारिश हो गई तो क्या हुआ? तुम तो घर पर भी कर सकते हो छठ! लेकिन फिर भी तुम लोग नदी के किनारे जाने के लिए तैयार हो रहे हो? बस बारिश का इंतजार कर रहे हो कि तुम्हारी फोटो वायरल हो जाए? 😒

नवंबर 4, 2025 AT 10:29
Hannah John
Hannah John

ये सब बारिश की बातें बस एक धोखा है... आईएमडी और वेदर ऐप्स सब एक ही कंपनी के हैं... जो बिहार के लोगों को डरा कर घरों में बंद रखना चाहते हैं... ताकि वो अपने टेलीविजन और मोबाइल ऐप्स बेच सकें... तुम सब जागो... बारिश नहीं, नियंत्रण है जो चाहते हैं!

नवंबर 4, 2025 AT 16:37
vikram yadav
vikram yadav

छठ का अर्थ ही यही है - प्रकृति के साथ संगठित होना। बारिश हो या धूप, जो भी हो, वो भगवान की इच्छा है।
मैंने अपने गाँव में देखा - बारिश में भी लोग नदी किनारे खड़े हो गए, बरसाती कपड़े पहनकर, बाल्टी में पानी लेकर... और फिर जब धूप निकली, तो लोगों ने आंखें बंद कर लीं - और चांदनी जैसा महसूस हुआ।

नवंबर 5, 2025 AT 19:41
Tamanna Tanni
Tamanna Tanni

मैं भी बिहार से हूँ... और मैंने अपनी बेटी को सिखाया है कि छठ बारिश में भी होती है... और जब बारिश होती है, तो वो अर्घ्य देने के लिए नदी के किनारे नहीं, घर के आंगन में जाती है... और फिर वो कहती है - माँ, भगवान तो बारिश में भी दिखते हैं।
मैं गर्व से भर गई।

नवंबर 7, 2025 AT 06:49
simran grewal
simran grewal

ये सब भविष्यवाणियाँ तो बस एक शोर है... लेकिन छठ का असली अर्थ तो ये है कि तुम अपने दिल की गहराई में जाओ... और उस शांति को ढूंढो जो बारिश या धूप नहीं ले जा सकती।
हमारे पूर्वजों ने इसे इतने सालों तक क्यों बनाए रखा? क्योंकि ये एक अनुभव है... न कि एक निर्णय।

नवंबर 9, 2025 AT 04:40
kuldeep pandey
kuldeep pandey

क्या आपने कभी सोचा कि अगर बारिश नहीं होती, तो क्या छठ इतनी अहम होती? शायद नहीं।
बारिश ने ही इसे एक रहस्य बना दिया... एक अंतर्ज्ञान... एक अप्राप्य चीज जिसे तुम बार-बार चाहते हो... और जब वो आती है, तो तुम उसे भगवान की इच्छा समझ लेते हो।
ये तो बस एक बड़ा मनोवैज्ञानिक ट्रिक है।

नवंबर 9, 2025 AT 23:05
chandra aja
chandra aja

आईएमडी का डेटा फेक है... बारिश की भविष्यवाणी बस एक चाल है... लोगों को डराने के लिए... ताकि वो अपने घरों में बैठे रहें... और टीवी देखें... और फिर वो टीवी के लिए पैसे दें... और ये सब बिहार के लोगों के लिए है... जो अभी भी भगवान को नदी में देखते हैं।

नवंबर 10, 2025 AT 21:24
dhananjay pagere
dhananjay pagere

बारिश होगी... तो भी तुम जाओगे... और फिर तुम्हारी फोटो इंस्टाग्राम पर वायरल होगी... और लोग कहेंगे - 'वाह, कितनी श्रद्धा!'
लेकिन असली श्रद्धा तो वो है जो बारिश में भी घर में रहती है... और बिना फोटो के भगवान को याद करती है... 🙏

नवंबर 11, 2025 AT 10:37
Dr.Arunagiri Ganesan
Dr.Arunagiri Ganesan

मैं तमिलनाडु से हूँ... लेकिन छठ की भावना मुझे बहुत पसंद है... ये एक ऐसा अनुष्ठान है जो प्रकृति के साथ जुड़ा हुआ है... बारिश हो या धूप, ये भक्ति बदलती नहीं...
हमारे यहाँ तो तीर्थयात्रा के लिए भी मौसम की भविष्यवाणी करते हैं... लेकिन लोग जाते हैं... क्योंकि विश्वास बड़ा होता है।

नवंबर 12, 2025 AT 02:16

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