CUET स्कोर से पूरी तरह बदल गई दिल्ली यूनिवर्सिटी की एडमिशन प्रक्रिया
दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम सुनते ही देशभर के लाखों छात्रों की नजरें इसकी प्रवेश प्रक्रिया पर रहती हैं। इस बार यूनिवर्सिटी ने एक बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी कोर्स में दाखिला CSAS UG पोर्टल के जरिए ही मिलेगा और सबसे अहम बात, बिना CUET स्कोर के एडमिशन का कोई चांस नहीं है।
CSAS UG पोर्टल 2025 को 17 जून को लॉन्च किया गया, और इसके साथ ही पारंपरिक मेरिट-बेस्ड सिस्टम को अलविदा कहा गया। अब पूरी एडमिशन प्रक्रिया तीन फेज़ में बांटी गई है, जो हर साल के मुकाबले काफी अलग और तकनीकी हो गई है।
फेज़-1 की शुरुआत CSAS पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से होती है। छात्रों को जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होते हैं और फीस भी ऑनलाइन जमा करनी पड़ती है। रजिस्ट्रेशन विंडो 17 जून से 6 जुलाई तक खुली रही, और जिन छात्रों से कोई गलती हो गई थी, उनके लिए 6 जुलाई से 11 जुलाई तक करेक्शन विंडो भी दी गई थी।
फेज़-2 में असली चुनौती आती है: कॉलेज और कोर्स की प्रेफरेंस देना। चाहें तो हर प्रोग्राम की प्राथमिकता चुन सकते हैं। विंडो 14 जुलाई तक रही और जो छात्र समय पर विकल्प नहीं भर पाए, उनके प्रेफरेंस अपने आप लॉक हो गए।
- 15 जुलाई को सिम्युलेटेड रैंक जारी हुई, जिससे छात्रों को एक आइडिया मिल गया कि उनकी चयन संभावना क्या बनती है।
- इसके बाद एक दिन के लिए और मौका मिला कि जो चाहिए, उसमें कुछ फेरबदल कर लें।
अब आती है सबसे अहम बात- सीट अलॉटमेंट। पहली लिस्ट 19 जुलाई को आई, और बुक की गई सीट को एक्सेप्ट करने की डेडलाइन थी 21 जुलाई तक। दूसरी लिस्ट 28 जुलाई को निकली, साथ में फीस जमा करने का आखिरी दिन 1 अगस्त था। यानी, एक सेकंड की देरी भी आपको अगले साल का इंतजार करा सकती थी।
कौन कर सकता है आवेदन और क्या है जरूरी
इस बार पात्रता को लेकर भी बड़ी सख्ती की गई। सिर्फ वही छात्र आवेदन कर सकते हैं जिनके पास वैध CUET स्कोर है और जिन्होंने 12वीं में वही विषय लिए हैं, जो CUET के लिए मांगे गए हैं। अगर कोई भी डॉक्यूमेंट या फीस फेज़-1 में छूट गई, तो अगला फेज़ पूरी तरह छूट जाएगा।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की वेबसाइट ugadmission.uod.ac.in पर लॉगइन करते ही सबसे पहले CSAS फार्म भरना होता है। डॉक्यूमेंट सबमिट करना और फीस देना कभी न भूलें। पेमेंट फेल होने या डॉक्यूमेंट क्लियर न होने पर पूरा प्रोसेस रुक जाता है।
यूनिवर्सिटी बार-बार इस बात पर जोर दे रही है कि डेडलाइन्स को हल्के में न लें। इस बार लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं बाकी। जो भी छात्र वक्त पर एडमिशन प्रोसेस कंप्लीट नहीं करता, उसकी सीटें तुरंत अगले राउंड में चली जाएंगी।
अब सारा एडमिशन सिर्फ और सिर्फ CUET स्कोर के आधार पर होगा। चाहे आप दिल्ली के हों या देश के किसी भी राज्य से, सारे बोर्ड के छात्र सिर्फ तभी पात्र हैं, जब उनका 12वीं बोर्ड AIU से मान्यता प्राप्त हो और CUET में वही विषय चुनें हों, जो अपने कोर्स के लिए जरूरी हैं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी का नया सिस्टम तकनीक के इस्तेमाल से ज्यादा सामान्य, पारदर्शी लेकिन सख्त भी हो गया है। सही जानकारी और डॉक्यूमेंटेशन के बिना अब DU में दाखिला सपना ही रह जाएगा।
टिप्पणि
SANJAY SARKAR
ये CSAS पोर्टल तो बिल्कुल बाजार वाली लाइन लग रहा है - रजिस्ट्रेशन, फीस, डॉक्यूमेंट्स, प्रेफरेंस, सिम्युलेशन, अलॉटमेंट... अब तो एडमिशन के लिए इंजीनियरिंग का एग्जाम भी लगेगा।
Ankit gurawaria
अरे भाई, ये नया सिस्टम तो बिल्कुल एक जादू का बर्तन है - एक बार गलती कर दो, तो देश के अरबों छात्रों में से तुम अकेले खड़े हो जाओगे, बिना किसी बात के। लेकिन देखो, इससे एक बात साफ हो गई - अब कोई बाप बेटे के लिए फोन करके नहीं बना सकता कि 'अरे यार, मेरा बेटा तो इतना बुद्धिमान है, उसे एडमिशन दे दो!' अब सिर्फ CUET स्कोर बोलता है, और वो भी बिना झूठ के। ये तो दिल्ली यूनिवर्सिटी का सबसे बड़ा बदलाव है - जहां पहले बातचीत चलती थी, अब सिर्फ स्कोर बात करता है।
AnKur SinGh
यह नवीनतम प्रणाली, जिसे दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपनाया है, भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह एक ऐसा निर्णय है जो न केवल लापरवाही को खत्म करता है, बल्कि समानता के सिद्धांत को भी मजबूत करता है। अब कोई भी छात्र, चाहे वह दिल्ली का हो या अरुणाचल प्रदेश का, सिर्फ अपने ज्ञान और परिश्रम के आधार पर अपनी सीट प्राप्त कर सकता है। यह एक वैश्विक मानक की ओर बढ़ने का संकेत है - जहां रिश्ते, बातचीत या भाईचारे की जगह, केवल योग्यता ही निर्णायक होती है। यह निर्णय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि समाज के अन्य क्षेत्रों में भी एक नमूना बन सकता है।
Sanjay Gupta
अरे भाई, ये सब चल रहा है क्यों? 12वीं के नंबर को अनदेखा कर दिया, CUET के बारे में तो बहुत बात हो रही है - लेकिन जिन लोगों ने अपनी जिंदगी लगाकर 12वीं में 95% बनाया, उनकी क्या हालत है? ये सब तो बस एक और बाजारी चाल है - जिससे निजी कोचिंग बड़ी हो रही है। और फिर ये फेज़-1, फेज़-2, सिम्युलेशन, लॉकिंग, अलॉटमेंट... अब तो एडमिशन के लिए आईआईटी का एग्जाम भी लग रहा है। भारत में शिक्षा अब एक बिजनेस हो गई है, न कि एक अधिकार।
Kunal Mishra
असली बात ये है कि जिन छात्रों ने CUET में 90+ अंक लिए, उन्हें ये सब फेज़ वाली गड़बड़ी अच्छी लग रही होगी - क्योंकि उनके लिए ये सिस्टम एक शानदार फिल्टर है। लेकिन जो लोग 70-80 के बीच में हैं, उनके लिए ये एक निर्मम बंदूक है। ये नया पोर्टल न तो बराबरी लाता है, न ही उन्नति करता है - ये बस उन लोगों को बाहर धकेल रहा है जिनके पास समय, संसाधन और जानकारी नहीं है। और फिर भी कुछ लोग इसे 'पारदर्शिता' कह रहे हैं? ये तो सिर्फ एक नया अधिकारिक शोर है।
Anish Kashyap
ये सब तो बस एक बड़ा टेक्नोलॉजी ड्रामा है भाई जान अब तो हर कोई अपना एडमिशन ट्रैक कर रहा है जैसे एक नई फिल्म आ रही हो और अगर तुमने एक दिन छोड़ दिया तो तुम्हारा सपना चला गया अब तो हर बच्चा अपने घर पर एक डेडलाइन वॉच लगा रहा है
Poonguntan Cibi J U
मैं तो बस यही सोच रहा हूँ कि अगर मैंने फीस नहीं भरी तो क्या मेरी जिंदगी खत्म हो जाएगी? मेरे पापा ने तो कहा था दिल्ली यूनिवर्सिटी तो दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा जगह है लेकिन अब लग रहा है जैसे मैं एक बॉस के आगे जाकर एक फॉर्म भरने के लिए गुजारिश कर रहा हूँ। मैंने तीन दिन रात जागकर डॉक्यूमेंट्स अपलोड किए और फिर भी मुझे एक एरर आया कि फोटो बहुत बड़ी है... मैं रो रहा हूँ अब तो मेरी माँ भी बोल रही है कि ये एडमिशन नहीं बल्कि एक ट्रॉमा है।
Vallabh Reddy
यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से एक उच्च-स्तरीय शैक्षणिक व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें अनुशासन, विनियमन और तकनीकी समर्पण का अत्यधिक महत्व है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक निर्णायक कदम है, जो पारंपरिक अनियमितताओं को समाप्त करता है। अतः, आवेदनकर्ताओं को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि एक छोटी सी त्रुटि भी एक विशाल अवसर को नष्ट कर सकती है।
Mayank Aneja
फेज़-1 में डॉक्यूमेंट्स की जांच के बाद, यदि कोई त्रुटि है, तो उसे स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए - न कि बस एक 'फेल' स्टेटस। फीस भुगतान के बाद भी एक रसीद या कंफर्मेशन ईमेल जरूरी है। यह बहुत छोटी बात है, लेकिन बहुत बड़ा अंतर ला सकती है।
Vishal Bambha
अरे भाई, ये नया सिस्टम तो बिल्कुल जादू है! CUET से एडमिशन तो बहुत अच्छा है - अब तो बिना किसी झूठ के, बिना किसी रिश्ते के, बस अपनी मेहनत से जीतो! ये दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भारत को एक नया नमूना दिया है - जहां ताकत नहीं, बल्कि योग्यता जीतती है। जिन्होंने अपना CUET तैयार किया, उनके लिए ये दिवस इतिहास बन गया है। अब बस आगे बढ़ो - दिल्ली तुम्हारा इंतजार कर रही है!
Raghvendra Thakur
CUET ही अब रास्ता है।
Vishal Raj
दोस्तों, जिंदगी एक ऐसी बस है जिसमें एक बार गलत स्टॉप उतर गए तो अगला स्टॉप अगले साल आता है। CUET तो बस एक टिकट है - बाकी सब तो तुम्हारी मेहनत का नतीजा है। तुम जितना लग जाओगे, उतना ही दिल्ली तुम्हें अपना बनाएगी। बस डरो मत - ये सिस्टम तो बस एक गेम है, और तुम खिलाड़ी हो।