G7 शिखर सम्मेलन में रिची सुनक पर 'नीति निष्क्रियता' के आरोप

G7 शिखर सम्मेलन में रिची सुनक पर 'नीति निष्क्रियता' के आरोप
द्वारा नेहा शर्मा पर 14.06.2024

G7 शिखर सम्मेलन में रिची सुनक की नीति पर सवाल

G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रिची सुनक ने उन आरोपों को खारिज किया है कि उन्हें अन्य वैश्विक नेताओं द्वारा निरस्तीकरण का सामना करना पड़ा है। इस सम्मेलन की शुरुआत एक असहज स्थिति के साथ हुई, जब इतालवी प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जो सुनक के करीबी सहयोगी हैं, ने सुनक की भलाई को लेकर चिंता जाहिर की। एक वीडियो में मेलोनी को सुनक से पूछते हुए देखा गया कि क्या वह ठीक हैं।

रिची सुनक की कंजरवेटिव पार्टी वर्तमान में जनता के सर्वेक्षणों में लेबर पार्टी से 20 अंक पीछे है, जबकि मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने यूरोपीय संसद चुनावों में महत्वपूर्ण वृद्धि हासिल की है। इसके बावजूद, सुनक और मेलोनी ने इंस्टाग्राम पर एक साझा पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने साझा मूल्यों पर जोर दिया।

अनौपचारिक संवादों का महत्व

अनौपचारिक संवादों का महत्व

शिखर सम्मेलन के पहले दिन रिची सुनक की किसी भी नेता के साथ द्विपक्षीय बैठकें नहीं थी, लेकिन उन्होंने कई नेताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत की। इन नेताओं में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ शामिल थे। उन्होंने इन मुलाकातों की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डाला और बताया कि ऐसे आयोजनों में अनौपचारिक संवाद कितने अहम होते हैं।

आने वाले दिनों में रिची सुनक यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करेंगे। G7 जैसे वैश्विक मंचों पर इन बैठकों का विशेष महत्व होता है, जहां विभिन्न देशों के नेता न केवल औपचारिक वार्ताएं करते हैं, बल्कि सामान्य मुद्दों और अनौपचारिक चर्चाओं पर भी जोर देते हैं।

वैश्विक राजनीतिक चुनौतियाँ

वैश्विक राजनीतिक चुनौतियाँ

रिची सुनक अकेले नहीं हैं जिनके सामने घरेलू राजनीति में चुनौतियां हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा जैसे अन्य नेता भी घरेलू राजनीतिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन नेताओं की चुनौतियों से यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक राजनीति में स्थिरता और समर्थन बनाए रखना कितना कठिन हो सकता है।

इस तरह के सम्मेलन आपसी समझ बढ़ाने और संभावित सहयोग के साधन के रूप में कार्य करते हैं। यह बातचीत अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, जिससे सभी देशों के लिए एक सहमति और भागीदारी का माहौल बनता है।

स्थानीय और वैश्विक नीतियों में संतुलन

स्थानीय और वैश्विक नीतियों में संतुलन

रिची सुनक को अपने स्थानीय नीति लक्ष्यों और वैश्विक जिम्मेदारियों को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ा है। ऐसे सम्मेलनों में आमतौर पर देशों के नेता आपसी संवाद और सहमति के माध्यम से विश्व मुद्दों का हल निकालने का प्रयास करते हैं।

सुनक का जोर था कि अनौपचारिक नगद बातचीतें, इन सम्मेलनों का एक प्रमुख हिस्सा होती हैं और वह उनके लिए अपनी स्थिति को स्पष्ट और मजबूत करने का अवसर होती हैं। समृद्ध और विवाद मुक्त संवाद के जरिये ये नेता अंततः अपने देशों के नागरिकों के लाभ और विकास को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।

सारांश

रिची सुनक ने G7 शिखर सम्मेलन में अन्य नेताओं द्वारा 'निष्प्रभावी' किए जाने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने अनौपचारिक संवादों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और बताया कि ऐसे मंचों पर अनौपचारिक बैठकों से समान विचारधारा वाले नेताओं के साथ सहयोग बढ़ाने का मौका मिलता है।

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