जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और जल्दी विधानसभा चुनाव पर पीएम मोदी के बयान से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और जल्दी विधानसभा चुनाव पर पीएम मोदी के बयान से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
द्वारा नेहा शर्मा पर 22.06.2024

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा और जल्दी चुनाव पर पीएम मोदी का बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने और वहाँ जल्दी विधानसभा चुनाव करवाने की घोषणा की। इस घोषणा के बाद से राजनीतिक क्षेत्र में हलचल मची हुई है। यह कदम विभिन्न राजनीतिक दलों और जनता के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर रहा है।

मिली-जुली राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

मिली-जुली राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

नेशनल कांफ्रेंस की प्रतिक्रिया

नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता, इमरान नबी दार ने पीएम मोदी के इस बयान की सराहना की है। उन्होंने इसे एक सकारात्मक पहल बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस घोषणा में चुनाव की तारीख और राज्य का दर्जा बहाल करने की विशिष्ट जानकारी नहीं दी गई है, जो चिंता का विषय है।

अपनी पार्टी की प्रतिक्रिया

अपनी पार्टी के अध्यक्ष, अल्ताफ बुखारी ने इस कदम को एक महत्वपूर्ण विकास बताया है जिससे जम्मू-कश्मीर की जनता में उम्मीद जगी है। बुखारी ने इस घोषणा का खुले दिल से स्वागत किया और इसे राज्य के विकास की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना।

डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी की प्रतिक्रिया

गुलाम नबी आजाद की पार्टी, डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (DAP) ने भी इस पहल की सराहना की। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता, सलमान निज़ामी ने इसे एक अच्छा कदम बताया और कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता लाने में मदद मिलेगी।

आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं

आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिक्रिया

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने इस घोषणा को एक और 'जुमला' करार दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार ने इसी प्रकार के कई वादे किए थे जो अब तक अधूरे पड़े हैं।

कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया

कांग्रेस पार्टी ने भी इस घोषणा पर संदेह व्यक्त किया है। पार्टी का कहना है कि वे इस तरह के वादों को पहले भी सुन चुके हैं और सरकार को अपनी बातों में अधिक व्यावहारिकता दिखानी चाहिए।

राजनीतिक माहौल का विश्लेषण

राजनीतिक माहौल का विश्लेषण

जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक माहौल लंबे समय से अस्थिर और जटिल है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील किया गया और वहां की राजनीतिक स्थिति में कई बड़े बदलाव हुए। पीएम मोदी की इस घोषणा से क्षेत्र में उम्मीद की एक नयी किरण जगती है, लेकिन इस पर अमल कब और कैसे होगा, इस पर शक बरकरार है।

चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही केंद्र सरकार और भारतीय चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव करवाने का निर्देश दिया है। इस संदर्भ में पीएम मोदी की घोषणा को सही दिशा में एक कदम माना जा सकता है, लेकिन इसकी क्रियान्वयन को लेकर सवाल अब भी उठते हैं।

अभी भी, कई राजनीतिक दल और जनता इस घोषणा को लेकर असमंजस में हैं। सभी की नजरें अब केंद्र सरकार के अगले कदमों पर टिकी हैं। जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है और वहाँ की राजनीतिक स्थिरता देश के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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