जम्मू-कश्मीर में ड्रग रेगुलेटर की बड़ी कार्रवाई: 8 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द, 75 दुकानों पर ताला

जम्मू-कश्मीर में ड्रग रेगुलेटर की बड़ी कार्रवाई: 8 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द, 75 दुकानों पर ताला
द्वारा swapna hole पर 6.08.2025

जम्मू-कश्मीर में ड्रग रेगुलेटर का सख्त एक्शन

फार्मेसी की दुकानों पर दवाओं की खरीदी-बिक्री पहले जैसी बात नहीं रह गई है। जम्मू-कश्मीर ड्रग्स एंड फूड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने पूरे इलाके में भारी छापेमारी की। आठ मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द कर दिए गए और 75 दुकानों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया। यह कार्रवाई सीधे उस वक्त हुई जब नियमों की धज्जियां उड़ती दिखीं—खासकर नशीली और जम्मू-कश्मीर में पर्ची पर मिलने वाली दवाओं की गैर-कानूनी बिक्री पर।

फार्मेसियों से न केवल जरूरी रिकॉर्ड गायब थे बल्कि कई दुकानों में कंप्यूटराइज्ड बिलिंग सिस्टम भी लागू नहीं था। इसका मतलब, कोई ट्रांजेक्शन पकड़ना या पता लगाना लगभग नामुमकिन। इससे नशीली दवाओं और सायकोट्रॉपिक सब्स्टेंस की अवैध खरीद-फरोख्त आसान हो जाती है। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला तथ्य ये रहा कि देर रात बिना डॉक्टर की पर्ची के भी दवा बेची जा रही थी।

किन दुकानों पर गिरा गाज, वजह क्या रही?

किन दुकानों पर गिरा गाज, वजह क्या रही?

जिन लाइसेंस का रद्द किया गया, उनमें आतिर एंटरप्राइजेज गंजिवाड़ा अनंतनाग, अल-मेहदी मेडिकेट, शहजर फार्मेसी बडगाम, मेडिसिटी फार्मेसी चडूरा, न्यू भट मेडिकेट चडूरा, दार मेडिकेट काजीपोरा, फार्मा प्लस मेडिकेयर राजौरी और हैप्पी सैनी मेडिकल हॉल मढ़ीन शामिल हैं। इन स्टोर्स पर लगातार नियमों का उल्लंघन पाया गया—न रिकॉर्ड, न सही बिलिंग, और न सही निगरानी। ऐसी दुकानों से अवैध या बिना रसीद वाली दवाओं का निकलना बिलकुल भी मुश्किल नहीं था।

ड्रग रेगुलेटर की स्पेशल टीम ने यह साफ कर दिया कि किसी भी हाल में बिना रेगुलेटरी मानकों के फार्मेसी चलाने की छूट अब नहीं दी जाएगी। नशीली दवाओं की ट्रैकिंग के लिए कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लागू करना अब अनिवार्य बनाया गया है, ताकि हर दवा का पूरा हिसाब-किताब उपलब्ध रहे। ये कदम समाज में नशे के बढ़ते खतरे को रोकने और डॉक्टरी दवाओं के दुरुपयोग को टोकने की दिशा में बेहद जरूरी है।

स्थानीय जनता से लेकर प्रशासन तक सभी को उम्मीद है कि इस तरह की सख्ती से बिना लाइसेंस और नियमों के उल्लंघन में चल रही फार्मेसियों पर लगाम लगेगी और दवाओं की बिक्री अधिक पारदर्शी और सुरक्षित हो सकेगी।

टिप्पणि

Avinash Shukla
Avinash Shukla

अच्छा हुआ कि कुछ तो किया गया। ये दवाओं का अंधाधुंध बिक्री तो बस बच्चों को नशे की ओर धकेल रहा था। 🙏

अगस्त 8, 2025 AT 05:47
Harsh Bhatt
Harsh Bhatt

अरे भाई, ये सब तो सिर्फ दिखावा है। जब तक बाजार में डॉक्टर की पर्ची के बिना दवा मिलती रहेगी, तब तक ये छापेमारियाँ बस एक नाटक होंगी। असली बीमारी तो उस डॉक्टर में है जो बिना जाँच के पर्ची देता है।

अगस्त 9, 2025 AT 06:55
dinesh singare
dinesh singare

मैंने अपने गाँव में एक दवाई की दुकान पर देखा था-बिना पर्ची के ऑक्सीजन टैंक भी बेच रहे थे! ये सिर्फ जम्मू-कश्मीर की बात नहीं, पूरे देश की बात है। अगर ये टीम अब दवाइयों के बारे में नहीं जाँचेगी, तो मैं खुद रिपोर्ट कर दूँगा।

अगस्त 10, 2025 AT 02:34
Anuj Tripathi
Anuj Tripathi

अच्छा हुआ भाई, अब थोड़ा संभाल के चलो। बस एक बार दवाई नहीं देना, बल्कि दवाई के बारे में जागरूकता भी बढ़ानी पड़ेगी 😅

अगस्त 11, 2025 AT 22:22
Hiru Samanto
Hiru Samanto

मैंने अपने दोस्त के बेटे को देखा जो एंटीबायोटिक्स के लिए डॉक्टर की जगह फार्मेसी जाता था... ये तो बहुत खतरनाक है। अच्छा हुआ कि कुछ हुआ।

अगस्त 12, 2025 AT 18:03
Divya Anish
Divya Anish

इस प्रक्रिया के तहत, जब तक डिजिटल बिलिंग सिस्टम अनिवार्य नहीं हो जाता, तब तक यह एक अस्थायी समाधान मात्र है। एक सुसंगठित, ट्रेसेबल और एकीकृत फार्मेसी नेटवर्क की आवश्यकता है, जिसमें हर दवा का रिकॉर्ड राष्ट्रीय डेटाबेस में अपलोड हो।

अगस्त 14, 2025 AT 12:39
md najmuddin
md najmuddin

ये तो बहुत अच्छी बात है। मैंने अपने बाजार में भी ऐसी ही दुकानें देखी हैं। अब तो दवाई लेने के लिए डॉक्टर के पास जाना ही पड़ेगा। शायद यही सच्ची सेहत की शुरुआत है 🤝

अगस्त 15, 2025 AT 01:54
Ravi Gurung
Ravi Gurung

कुछ तो हुआ अच्छा भी तो। बस अब लोगों को समझाना होगा कि दवाई खरीदने के लिए डॉक्टर जरूरी है।

अगस्त 16, 2025 AT 08:05
SANJAY SARKAR
SANJAY SARKAR

क्या ये सभी दुकानें असली थीं? क्या कोई चेक किया कि इनमें से कितनी दुकानें असली डॉक्टर्स के साथ जुड़ी थीं?

अगस्त 16, 2025 AT 12:51
Ankit gurawaria
Ankit gurawaria

इस तरह की कार्रवाई के बाद भी अगर लोग अभी भी बिना पर्ची के दवाई खरीदते रहे, तो समस्या ड्रग्स या फार्मेसिस्ट में नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक संस्कृति में है। हम अपने आप को डॉक्टर समझने लगे हैं। बुखार हुआ? अमोक्सिसिलिन। सिरदर्द? पैरासिटामोल। अब तो डॉक्टर की जगह गूगल डॉक्टर बन गया है। इस बात को बदलना होगा, न कि सिर्फ दुकानें बंद करना।

अगस्त 16, 2025 AT 19:09
AnKur SinGh
AnKur SinGh

यह एक बहुत ही आवश्यक और उचित कदम है। ड्रग रेगुलेशन का अभाव न केवल स्वास्थ्य संकट का कारण बन रहा है, बल्कि यह एक आर्थिक और नैतिक अपराध भी है। इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए, हमें न केवल लाइसेंस रद्द करने की आवश्यकता है, बल्कि डिजिटल ट्रैकिंग, लोकल अवॉर्ड सिस्टम, और नागरिक साक्षरता अभियान भी शुरू करने की आवश्यकता है। यह एक राष्ट्रीय प्राथमिकता होनी चाहिए।

अगस्त 17, 2025 AT 22:20
Sanjay Gupta
Sanjay Gupta

ये सब तो बस नेहरू के बाद के सरकारों की नाकामी है। अगर इतने सालों में ये सब नहीं हुआ, तो ये लोग तो बस अपनी नौकरी बचाने के लिए आज ये एक्शन कर रहे हैं। किसी को नहीं परवाह।

अगस्त 19, 2025 AT 05:25
Kunal Mishra
Kunal Mishra

क्या आपने कभी सोचा है कि इन दुकानों के मालिक अक्सर उन्हीं लोगों के रिश्तेदार होते हैं जो इस रेगुलेटरी बॉडी में नौकरी करते हैं? ये सब एक खेल है। एक बड़ा, बहुत बड़ा धोखा।

अगस्त 21, 2025 AT 00:14
Anish Kashyap
Anish Kashyap

अच्छा हुआ भाई! अब तो दवाई लेने के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा... शायद अब लोग अपनी बीमारी से लड़ने की कोशिश करेंगे 😎

अगस्त 21, 2025 AT 08:49
Poonguntan Cibi J U
Poonguntan Cibi J U

मैंने अपने भाई को एक दवाई दी थी बिना पर्ची के... अब वो बीमार है। अब तक कोई नहीं बता पाया कि ये दवाई क्या थी। मैंने इस बात को नहीं सोचा था। अब मैं अपने आप को दोषी महसूस कर रहा हूँ।

अगस्त 21, 2025 AT 21:19
Vallabh Reddy
Vallabh Reddy

इस प्रारंभिक निर्णय के संदर्भ में, यह आवश्यक है कि एक व्यापक नीतिगत समीक्षा की जाए, जिसमें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में फार्मास्यूटिकल एक्सेस के लिए संरचनात्मक विकल्पों का विश्लेषण शामिल हो।

अगस्त 22, 2025 AT 19:31
Mayank Aneja
Mayank Aneja

कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लागू करना बहुत अच्छा है, लेकिन क्या ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और बिजली की सुविधा है? इसे लागू करने के लिए बुनियादी ढांचे की भी आवश्यकता है।

अगस्त 23, 2025 AT 10:44
Vishal Bambha
Vishal Bambha

अब तो दवाई लेने के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा... अच्छा हुआ! लेकिन अगर डॉक्टर भी बिना जाँच के पर्ची देने लगे तो? इस बारे में क्या किया जा रहा है? 🤔

अगस्त 24, 2025 AT 18:54
Raghvendra Thakur
Raghvendra Thakur

दवाई नहीं, डॉक्टर चाहिए।

अगस्त 26, 2025 AT 00:19
Vishal Raj
Vishal Raj

हम सब इस बात को भूल गए कि असली समस्या ये है कि लोगों को दवाई के बारे में जानकारी नहीं है। अगर हम जागरूकता बढ़ाएं, तो ये सब अपने आप ठीक हो जाएगा।

अगस्त 27, 2025 AT 13:52

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