महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: उधव ठाकरे का बीजेपी पर 'कैश फॉर वोट' विवाद के कारण तीखा प्रहार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: उधव ठाकरे का बीजेपी पर 'कैश फॉर वोट' विवाद के कारण तीखा प्रहार
द्वारा swapna hole पर 19.11.2024

महाराष्ट्र चुनावों में 'कैश फॉर वोट' की गूंज

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के मौके पर एक नया राजनीतिक कोलाहल खड़ा हुआ है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे पर बहुजन विकास आघाड़ी (बीवीए) ने लगाव लगाया कि वे वोटरों को प्रभावित करने के लिए नकद राशि वितरित कर रहे थे। यह आरोप उस वक्त लगा जब बीवीए कार्यकर्ताओं ने तावडे को विरार के एक होटल में रंगे हाथ पकड़ा। रिपोर्ट के अनुसार बीवीए के कार्यकर्ताओं ने तावडे के कमरे में छापा मारा, जहाँ उन्होंने 5 करोड़ रुपये की नकदी और 15 करोड़ रुपये की वितरण संबंधी डायरी बरामद की। इस घटना का वीडियो भी जारी किया गया, जिसमें तावडे बीजेपी के एक उम्मीदवार राजन नाइक के साथ दिखे।

राजनैतिक तनाव और भाजपा की प्रतिक्रिया

बीवीए नेता हिटेंद्र ठाकुर और उनके पुत्र क्षितिज ठाकुर ने तावडे का आमना-सामना किया और उनसे यह जानने की कोशिश की कि वे चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद भी उस क्षेत्र में क्यों मौजूद थे। उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि होटल के सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि नकद वितरण में लिप्त होने के आरोप को छुपाने का प्रयास किया गया था। तावडे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे सिर्फ वोटिंग मशीनों की सीलिंग के बारे में बात करने के लिए आए थे और बीवीए के कार्यकर्ताओं ने उनके मकसद को गलत समझा।

उधव ठाकरे और विपक्ष का बयान

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उधव ठाकरे ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए बताया कि जब वह क्षेत्र में गए थे तो उनकी जाँच की गई थी लेकिन उनमें कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं की ठीक से जाँच नहीं होती। ठाकरे ने एनसीपी नेता अनिल देशमुख पर हमले की घटना का भी जिक्र किया, जिन्होंने पोल पर नज़र रखनी थी। विरोधी नेताओं जैसे शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने चुनाव आयोग से मामले की गहन जांच की मांग की।

कानूनी कार्रवाई की मांग

इस पर उपजे विवाद से होटल के बाहर प्रदर्शन तेज हो गया और बीवीए कार्यकर्ताओं ने तावडे की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस ने होटल सील कर दिया और तावडे को वहां से निकालने की कोशिश के दौरान उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इस पूरे मसले ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसके चलते विभिन्न नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

इस मामले ने चुनावों के पूर्व ही राजनीतिक गहमा-गहमी बढ़ा दी है। यह सवाल उभर कर आया है कि क्या महाराष्ट्र की राजनीति में अभी भी कैश फॉर वोट जैसे पुराने हथकंडे चल रहे हैं? ऐसा लगता है कि सच्चाई और न्याय की स्थिति को समझाने के लिए एक निष्पक्ष जांच की अनिवार्यता है।

टिप्पणि

Ravi Kumar
Ravi Kumar

ये सब नाटक है भाई, वोटर की आवाज़ तो कोई सुनता ही नहीं। जब तक कैश फॉर वोट का रियलिटी चेक नहीं होगा, तब तक ये धोखा चलता रहेगा।

नवंबर 21, 2024 AT 13:35
pritish jain
pritish jain

यह घटना राजनीतिक न्याय के नियमों के खिलाफ है। यदि वास्तव में नकदी का वितरण हुआ है, तो यह भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला है। आइए आधिकारिक जांच के लिए दबाव बनाएं, न कि राजनीतिक नाटक।

मैं यह भी देखना चाहता हूं कि वीडियो की असलियत कैसे जांची गई - क्या वह एडिटेड है? क्या टाइमस्टैम्प बदले गए? इस तरह के आरोपों के लिए डिजिटल साक्ष्य की जांच अनिवार्य है।

हम लोग अक्सर भावनाओं से निर्णय लेते हैं, लेकिन जनता के लिए सिर्फ भावनाएं काफी नहीं हैं। हमें तथ्यों की तलाश करनी चाहिए।

क्या हमने कभी सोचा कि यह घटना एक राजनीतिक जाल का हिस्सा हो सकती है? शायद यह बीजेपी के खिलाफ एक नकली आरोप है, जिसे बीवीए ने बनाया है।

या फिर यह वास्तविक है, और हम सब इसे अनदेखा कर रहे हैं क्योंकि हम अपनी पार्टी के लिए लड़ रहे हैं।

सामाजिक न्याय के लिए, हमें एक निष्पक्ष न्यायाधीश की जरूरत है, न कि एक राजनीतिक बयानबाज।

यदि यह वास्तविक है, तो तावड़े को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यदि यह झूठ है, तो बीवीए के नेताओं को दंडित किया जाना चाहिए।

कोई भी पार्टी इस तरह के आरोपों का उपयोग अपने लाभ के लिए नहीं कर सकती। यह लोकतंत्र की नींव को तोड़ता है।

हमें अपनी भावनाओं को रोकना होगा, और तथ्यों की ओर बढ़ना होगा।

इस घटना को एक राजनीतिक टूल के रूप में नहीं, बल्कि एक न्यायिक मामले के रूप में देखना चाहिए।

अगर हम इसे अनदेखा कर देंगे, तो अगले चुनाव में यही बात दोहराई जाएगी।

हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामाजिक आंदोलन शुरू करना चाहिए।

नवंबर 22, 2024 AT 04:26
Sumeet M.
Sumeet M.

बीजेपी के खिलाफ ये सब बकवास बस इसलिए है क्योंकि वो जीत रहे हैं! ये लोग अपनी हार को छुपाने के लिए किसी भी झूठे आरोप को फैला देते हैं! जांच करवाओ? हां बिल्कुल, जब तक आपको नतीजा पसंद नहीं आता, तब तक जांच करवाते रहोगे! ये लोग तो चुनाव जीतने के बाद भी बर्बरता करते हैं!

नवंबर 23, 2024 AT 01:23
rashmi kothalikar
rashmi kothalikar

ये बीवीए वाले तो बस दिखावा कर रहे हैं! एक होटल में घुसकर नकदी बरामद करने का नाटक करना? ये लोग न्याय के नाम पर अपराध कर रहे हैं! ये लोग तो बस अपने नेताओं के लिए दिखावा कर रहे हैं! इनकी जमीन पर जान लेना चाहिए!

नवंबर 24, 2024 AT 03:56
Shailendra Thakur
Shailendra Thakur

हर पार्टी के खिलाफ ऐसे आरोप लगते हैं। अगर ये सच है, तो कानून का हाथ लगना चाहिए। अगर झूठ है, तो झूठे आरोप लगाने वालों को भी दंड मिलना चाहिए। बस इतना ही।

नवंबर 24, 2024 AT 17:38
Muneendra Sharma
Muneendra Sharma

क्या होटल के CCTV के फुटेज को भी जांचा गया? अगर नहीं, तो ये बस एक अफवाह है। और अगर वो फुटेज गायब है, तो वो भी एक बड़ा सवाल है।

नवंबर 25, 2024 AT 16:33
Anand Itagi
Anand Itagi

क्या कोई जानता है कि वो 5 करोड़ की नकदी कहाँ से आई थी और किसके नाम पर थी ये बात तो कोई नहीं बता रहा और अब बस दिखावा कर रहे हैं

नवंबर 26, 2024 AT 00:45
Kisna Patil
Kisna Patil

हम सब चुनावों में वोट देते हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि वोट के लिए पैसा देने वाले भी हमारे ही लोग हैं? ये सिर्फ नेताओं की गलती नहीं, हमारी भी लापरवाही है।

हम जब वोट देते हैं तो बस ये सोचते हैं कि कौन बोल रहा है, न कि वो क्या कर रहा है।

हम अपने आप को बलिदानी समझते हैं, लेकिन असल में हम बस एक निष्क्रिय दर्शक हैं।

अगर हम वोटर के रूप में जागृत नहीं हुए, तो ये चक्र अनंत तक चलता रहेगा।

हमें अपने वोट की जिम्मेदारी समझनी होगी।

नवंबर 26, 2024 AT 05:57
ASHOK BANJARA
ASHOK BANJARA

ये सब तो पुरानी बात है। लेकिन अब तो बस दिखावा हो गया है। कोई जांच नहीं, कोई अदालत नहीं, बस टीवी पर दिखावा।

जब तक हम अपने चुनावों को डिजिटल और पारदर्शी नहीं बनाएंगे, तब तक ये बातें चलती रहेंगी।

बीजेपी चाहे जो भी हो, लेकिन बीवीए के इस तरह के तरीके से भी कोई फायदा नहीं।

हमें एक ऐसी जांच की जरूरत है जो सार्वजनिक हो, जिसे सब देख सकें।

ये नाटक बंद करो, और जांच शुरू करो।

नवंबर 28, 2024 AT 00:40
Sahil Kapila
Sahil Kapila

इतना बड़ा मामला है और कोई जांच नहीं हो रही? ये तो बस एक बड़ा धोखा है जिसे सब ने अनदेखा कर दिया है। अगर ये सच है तो तावड़े को गिरफ्तार करो अगर झूठ है तो बीवीए को जेल भेजो। ये बस एक नाटक है जिसमें सब ने अपना अपना भूमिका निभाया है

नवंबर 28, 2024 AT 14:12
Rajveer Singh
Rajveer Singh

बीजेपी के खिलाफ ये सब आरोप बस एक राजनीतिक ताकत के लिए है। ये लोग अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए नहीं लड़ रहे हैं। ये लोग तो बस अपनी जीत के लिए झूठ बोल रहे हैं।

नवंबर 29, 2024 AT 15:01
Ankit Meshram
Ankit Meshram

जांच करो। बस।

नवंबर 30, 2024 AT 22:15
Shaik Rafi
Shaik Rafi

हम लोग इतने जल्दी निष्कर्ष निकाल लेते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये वीडियो और नकदी का दावा किसके लिए बनाया गया है? क्या ये बीजेपी के खिलाफ है? या बीवीए के खिलाफ? क्या ये एक आंतरिक संघर्ष का हिस्सा है? हमें इसके पीछे की गहराई देखनी चाहिए।

हर आरोप के पीछे एक कहानी होती है। और अक्सर वो कहानी हमारे बारे में होती है - हम किस तरह सोचते हैं, किस तरह जीते हैं।

हम अपने भावों को तथ्यों के रूप में नहीं देखते। हम अपनी भावनाओं को सच मान लेते हैं।

लेकिन जब हम अपनी भावनाओं को तथ्यों से अलग कर देंगे, तो हम असली सच को देख पाएंगे।

दिसंबर 1, 2024 AT 14:59
Shivateja Telukuntla
Shivateja Telukuntla

मैं तो सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि अगर ये सच है, तो न्याय होना चाहिए। अगर झूठ है, तो झूठे आरोपी को दंड मिलना चाहिए। बस इतना ही।

दिसंबर 2, 2024 AT 06:11
vinoba prinson
vinoba prinson

अरे भाई, ये तो बस एक बड़ा ब्रांडिंग फ्रेमवर्क है। बीजेपी के खिलाफ एक नकली नेगेटिव न्यूज़ फ्रेम बनाया जा रहा है। जिस तरह से ये वीडियो और डायरी लीक हुई, ये एक विशेषज्ञ नेटवर्क का काम है।

क्या आपने कभी सोचा कि ये डायरी किसने बनाई? किसने इसे लीक किया? किसने इसे वीडियो में बदला? ये सब एक स्मार्ट कैम्पेन है।

हम लोग इसे एक राजनीतिक घटना समझ रहे हैं, लेकिन ये एक डिजिटल युद्ध है।

एक जानबूझकर बनाया गया फेक न्यूज़ स्कैंडल, जिसका उद्देश्य एक नेता के ब्रांड को नष्ट करना है।

और हम लोग उसके लिए बात कर रहे हैं।

हम अपनी नज़रों को बदलना चाहिए।

हम अपने दिमाग को बदलना चाहिए।

हम अपने विचारों को बदलना चाहिए।

दिसंबर 3, 2024 AT 12:58
Gowtham Smith
Gowtham Smith

बीजेपी के खिलाफ ये सब फेक न्यूज़ है जिसे विदेशी फंड्स द्वारा फैलाया जा रहा है। ये लोग भारत के विकास को रोकना चाहते हैं। इन आरोपों को जांचने के बजाय इन्हें ट्रेनिंग दी जानी चाहिए कि भारत का नेतृत्व कैसे करना है।

दिसंबर 4, 2024 AT 06:24
Ashmeet Kaur
Ashmeet Kaur

ये सब तो बस एक बड़ा बाजार अभियान है। हम लोग अपने वोट को बेच रहे हैं, और फिर उसके लिए दोष दूसरों को दे रहे हैं।

क्या हमने कभी सोचा कि अगर हम वोट नहीं देते, तो ये नकदी वितरण का अर्थ क्या होगा?

हम अपनी आज़ादी के नाम पर अपनी आज़ादी को बेच रहे हैं।

हम अपने भविष्य के लिए एक असली बदलाव नहीं चाहते, बल्कि एक तात्कालिक फायदा चाहते हैं।

ये बस एक चक्र है - जब तक हम इसे नहीं तोड़ेंगे, तब तक ये चलता रहेगा।

दिसंबर 5, 2024 AT 21:37
Ravi Kumar
Ravi Kumar

हम लोग बस दिखावा कर रहे हैं। जांच हो या न हो, ये बात अब बहुत देर हो चुकी है।

दिसंबर 6, 2024 AT 20:25

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