नोवाक जोकोविच ने पैरिस ओलंपिक 2024 के अहर्ता मानदंडों पर उठाए सवाल

नोवाक जोकोविच ने पैरिस ओलंपिक 2024 के अहर्ता मानदंडों पर उठाए सवाल
द्वारा swapna hole पर 29.07.2024

नोवाक जोकोविच का आसान जीत के बाद अहर्ता मानदंड पर सवाल

दुनिया के तीसरे नंबर के टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने हालिया में मैथ्यू एबडेन पर अपनी आसान जीत के बाद पैरिस ओलंपिक 2024 के लिए वर्तमान अहर्ता मानदंडों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जोकोविच ने एबडेन को 6-3, 6-2 से हराकर अगले दौर में प्रवेश किया, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी असंतुष्टि जाहिर की।

वर्तमान योग्यता मानदंड पर विवाद

जोकोविच ने कहा कि वर्तमान योग्यता मानदंड उन खिलाड़ियों को प्राथमिकता देते हैं जिन्होंने पहले ही ओलंपिक में पदक जीता है। उनके अनुसार, यह अन्य योग्य खिलाड़ियों के प्रति अन्यायपूर्ण है जो शायद विश्व रैंकिंग में उच्च स्थान में हैं। उन्होंने यह तर्क दिया है कि योग्यता का आधार विश्व रैंकिंग पर होना चाहिए, न कि पिछले ओलंपिक प्रदर्शन पर।

दूसरे खिलाड़ियों और अधिकारियों की राय

इस मुद्दे पर टेनिस खिलाड़ियों और अधिकारियों में बहस छिड़ गई है। कुछ लोग जोकोविच के इस विचार से सहमत हैं और मानते हैं कि योग्यता मानदंड को बदलना चाहिए, जबकि अन्य वर्तमान प्रणाली का समर्थन करते हैं। जोकोविच के बयान से टेनिस समुदाय में एक नई चर्चा शुरू हो गई है।

पैरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी

पैरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी

पैरिस ओलंपिक 2024 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच आयोजित होने जा रहे हैं। इसके मद्देनजर विभिन्न खेल संघों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान, अहर्ता मानदंड की समीक्षा और इसमें संभावित बदलाव को लेकर गंभीर चर्चाएं हो सकती हैं।

महत्वपूर्ण सवाल

यह सवाल उठता है कि क्या वर्तमान योग्यता मानदंड वास्तव में न्यायसंगत हैं और क्या उन्हें विश्व रैंकिंग के आधार पर बदलना चाहिए। विभिन्न एजेंसियों और खिलाड़ियों का कहना है कि यह विषय विस्तार से परखा जाना चाहिए ताकि कोई भी योग्य खिलाड़ी ओलंपिक में खेलने से वंचित न रह जाए।

जोकोविच की हालिया फॉर्म

जोकोविच की हालिया फॉर्म

जोकोविच की इस जीत ने एक बार फिर उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को साबित कर दिया है। वो दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं और उनकी फॉर्म अद्वितीय है। उनकी आपत्ति यह भी दर्शाती है कि शीर्ष खिलाड़ी भी मानदंडों के प्रति जागरूक और परिवर्तन के लिए तैयार हैं।

भविष्य की रणनीतियां

इस मुद्दे को लेकर विभिन्न टेनिस संघ और अधिकारी आने वाले समय में चर्चा करेंगे और आवश्यक सुधारों पर विचार-विमर्श करेंगे। टैविससमाज और खिलाड़ी दोनों आशान्वित हैं कि योग्यता मानदंड को अधिक पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाया जाएगा।

पैरिस ओलंपिक 2024 के आयोजन से पहले यह महत्वपूर्ण होगा कि टेनिस संघ और खिलाड़ी एक साथ मिलकर इस मुद्दे का समाधान करें और सुनिश्चित करें कि सभी योग्य खिलाड़ियों को समान अवसर मिलें।

टिप्पणि

Vishal Raj
Vishal Raj

असल में, ये सिर्फ रैंकिंग का सवाल नहीं है, बल्कि इंसानी इतिहास का सवाल है। ओलंपिक तो खेल का मैदान है, लेकिन इसका मन का भी मैदान होना चाहिए। जिसने पहले जीता, उसका दिल उसकी रैंकिंग से ज्यादा कहता है। अगर हम इसे सिर्फ अंकों में बाँट दें, तो खेल की आत्मा कहाँ रह जाएगी?

जुलाई 29, 2024 AT 02:31
Reetika Roy
Reetika Roy

जोकोविच की बात समझ में आती है, लेकिन ओलंपिक में पदक जीतने वालों को प्राथमिकता देना उनके समर्पण का सम्मान है। ये सिर्फ रैंकिंग नहीं, बल्कि दिल की लड़ाई है।

जुलाई 29, 2024 AT 02:32
Pritesh KUMAR Choudhury
Pritesh KUMAR Choudhury

मैं तो बस देख रहा हूँ कि जब एक खिलाड़ी चर्चा में आ जाता है, तो दुनिया उसके बारे में बात करने लगती है। जोकोविच ने एक बार फिर से टेनिस को एक नए लेवल पर ले गया है। अब ये बहस आगे बढ़ेगी, और शायद एक अच्छा बदलाव भी आएगा।

जुलाई 30, 2024 AT 23:24
Mohit Sharda
Mohit Sharda

मुझे लगता है कि दोनों तरफ की बातें सही हैं। रैंकिंग तो तार्किक है, लेकिन ओलंपिक पदक वाले खिलाड़ियों का अनुभव भी कोई छोटी बात नहीं। शायद एक कॉम्बिनेशन हो सकता है - 70% रैंकिंग, 30% पिछला प्रदर्शन। ऐसे कोई भी योग्य खिलाड़ी बाहर नहीं रह जाएगा।

अगस्त 1, 2024 AT 21:34
Sanjay Bhandari
Sanjay Bhandari

ye sab kya baat hai?? jokovic ko to bas apni form ke liye tension hai, nahi to ye sab kyu bol rha??

अगस्त 2, 2024 AT 11:24
Mersal Suresh
Mersal Suresh

यह एक गंभीर और व्यवस्थित अनियमितता है। टेनिस फेडरेशन द्वारा वर्तमान मानदंडों का अनुपालन अंतरराष्ट्रीय खेल न्याय के नियमों के विरुद्ध है। विश्व रैंकिंग को अनदेखा करना एक अनैतिक और अवैज्ञानिक दृष्टिकोण है। यह न्याय के लिए एक आपातकालीन सुधार की मांग है।

अगस्त 3, 2024 AT 03:25
Pal Tourism
Pal Tourism

अरे भाई, जोकोविच को तो अपने रैंकिंग के बारे में चिंता करनी चाहिए, न कि ओलंपिक के मानदंडों के बारे में। वो तीसरे नंबर पर हैं, लेकिन फेडर और नाल्दा के सामने उनकी फॉर्म अभी भी गलत है। और ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ी तो वाकई अलग होते हैं - वो तो दिल से खेलते हैं, न कि रैंकिंग से।

अगस्त 4, 2024 AT 08:10
Sunny Menia
Sunny Menia

मैं भी मानता हूँ कि दोनों दृष्टिकोणों को जोड़ने की जरूरत है। शायद एक नया फॉर्मूला बनाया जाए - जैसे वर्तमान रैंकिंग के साथ पिछले ओलंपिक प्रदर्शन का वजन। ऐसे सभी खिलाड़ियों को न्याय मिलेगा।

अगस्त 5, 2024 AT 02:27
Abinesh Ak
Abinesh Ak

अरे यार, जोकोविच तो बस अपने रैंकिंग ड्रॉप के बाद एक ड्रामा बना रहे हैं। ओलंपिक पदक वालों को प्राथमिकता देना एक विरासत का सम्मान है, न कि एक बायस। अगर तुम्हारा रैंकिंग गिर गया, तो फिर भी तुम एक लेजेंड हो - लेकिन ओलंपिक तो एक अलग खेल है। अब तुम इसे बदलने की कोशिश कर रहे हो, तो शायद तुम्हारी वास्तविकता बदलने की जरूरत है।

अगस्त 5, 2024 AT 13:15

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