भारत बनाम कुवैत: एक ऐतिहासिक मुकाबला
6 जून 2024 को भारत और कुवैत के बीच होने वाले फीफा विश्व कप 2026 क्वालिफायर मैच के लिए प्रशंसकों और खिलाड़ियों में बेचैनी का माहौल है। यह मुकाबला भारतीय फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है क्योंकि इस मैच में सुनील छेत्री अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने जा रहे हैं।
सुनील छेत्री, जिन्होंने 120 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं और 90 से अधिक गोल किए हैं, भारतीय फुटबॉल के प्रतीक बन गए हैं। युवा खिलाड़ी उनकी यात्रा से प्रेरित होते हैं और उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस बार, यह देखना होगा कि क्या छेत्री का यह अंतिम प्रदर्शन भारत को एक महत्वपूर्ण जीत दिला सकता है या नहीं।
भारत की हाल की फॉर्म में गिरावट आई है। वर्ष 2024 में अभी तक कोई जीत नहीं मिली है और केवल एक गोल ही किया गया है जबकि आठ गोल खाए गए हैं। इसके अलावा, टीम के मुख्य खिलाड़ी संदीप झिंगान, प्रीतम कोटल, और अशिक कुरुनियान भी इस मैच में शामिल नहीं होंगे। यह भारत के लिए चिता का विषय है क्योंकि ये खिलाड़ी टीम के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दूसरी ओर, कुवैत की फॉर्म भी मिलीजुली रही है। उन्होंने बहरीन, सीरिया और अफगानिस्तान के खिलाफ जीत हासिल की है, लेकिन उन्हें कतर और भारत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। उनके गोलकीपर सुलेमान अब्दुलगफूर ने पिछले दो मैचों में पांच गोल खाए हैं, जिससे उनकी टीम के रक्षा स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं।
भारत और कुवैत: आमने-सामने
दोनों टीमों के बीच अब तक का मुकाबला कड़ा रहा है। हर बार जब ये दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, तो यह एक रोचक खेल बन जाता है। ऐतिहासिक रूप से, भारत का पलड़ा भारी रहा है लेकिन हाल की फॉर्म को देखते हुए कुछ भी पूर्वानुमानित कहना मुश्किल है।
यह मैच भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है, लेकिन स्थानीय दर्शकों की हुंकार और खिलाड़ियों के मनोबल को देखते हुए, उम्मीद है कि वे जीत हासिल करेंगे। मैच का सीधा प्रसारण स्पोर्ट्स18 नेटवर्क पर और लाइव स्ट्रीमिंग जियो सिनेमा पर की जाएगी।
जब सुनील छेत्री मैदान पर उतरेंगे तो यह समस्त खेल प्रेमियों के लिए एक भावुक क्षण होगा। उनके करियर का समापन एक यादगार मैच में होना चाहिए और पूरी टीम यही चाहती है कि छेत्री की अंतिम यात्रा विजयी रहे।
उम्मीद है कि यह मैच न केवल फुटबॉल प्रेमियों के लिए बल्कि खेल के प्रति नवयुवकों के लिए भी एक प्रेरणादायक रहेगा। भारतीय फुटबॉल को दुनिया के मंच पर एक नया मुकाम देना होगा और इस मुकाबले में जीत उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
टिप्पणि
Manasi Tamboli
ये मैच सिर्फ एक गोल या जीत का नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के सपनों का समापन है। सुनील छेत्री ने जिस दर्द से खेला, वो दर्द अब हम सबका है। उनके बिना भारतीय फुटबॉल का कोई अर्थ नहीं।
क्योंकि जब तक वो मैदान पर थे, हम भी थे।
Ashish Shrestha
यह टीम फीफा विश्व कप क्वालिफाई करने के लायक नहीं है। छेत्री के अंतिम मैच को नाटकीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तथ्य यह है कि भारत की टीम अब तक एक भी जीत नहीं मिली। इस बार भी नहीं मिलेगी।
Mallikarjun Choukimath
छेत्री की यात्रा एक आध्यात्मिक संगम है - जहाँ व्यक्तिगत परिश्रम, राष्ट्रीय अभिमान, और निरंतर असफलता का अद्वितीय संगम हुआ है।
यह मैच केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक अनुष्ठान है, जिसमें भारतीय फुटबॉल का आत्मा अपने अंतिम श्वास ले रहा है।
क्या हमने कभी सोचा कि एक खिलाड़ी के लिए 120 मैच खेलना एक अकेला संघर्ष है? वो जिस दबाव में खेला, वो दबाव एक देश के अंतर्निहित असहमति का प्रतीक है।
हमने उसे गोल नहीं, बल्कि उसके दर्द को देखना चाहिए।
हमारी टीम के लिए यह अंतिम अवसर है - या फिर, यह अंतिम अपराध है? क्योंकि जब तक हम एक व्यक्ति को अपने सारे सपनों का बोझ नहीं उतार देते, हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
Sitara Nair
मैं बस यही चाहती हूँ कि सुनील भैया का आखिरी मैच उनके लिए खुशियों से भरा हो... ❤️
और हाँ, ये मैच देखने के लिए मैं अपनी चाय का कप बंद कर दूँगी... 🤫☕
मैं जानती हूँ कि टीम की फॉर्म खराब है, लेकिन अगर एक आदमी ने 120 मैच खेले हैं, तो उसके लिए एक जीत तो बननी ही चाहिए... ना?
मैं अपने दादाजी के साथ इस मैच को देखूँगी... वो भी छेत्री के बारे में बहुत बात करते हैं... 🥹
क्या आप लोग जानते हैं कि उनकी बांधी गई टोपी अब एक राष्ट्रीय प्रतीक बन गई है? 😭
Abhishek Abhishek
क्या आपने कभी सोचा कि अगर छेत्री नहीं होते, तो क्या यह मैच इतना बड़ा होता? ये सब एक बड़ा बहाना है। कुवैत भी बहुत खराब है, लेकिन हम उनके खिलाफ नहीं खेल रहे हैं - हम छेत्री के खिलाफ खेल रहे हैं।
Avinash Shukla
मैं तो बस उम्मीद कर रहा हूँ कि छेत्री अपना आखिरी मैच खुशी से खेल पाएं... 🙏
टीम की फॉर्म ठीक हो या न हो, ये मैच एक अलग ही भावना है।
हमें बस इतना चाहिए - कि वो खुश रहें।
और अगर जीत भी हो जाए, तो तो बस... एक अनोखा अंत होगा। 😊
Harsh Bhatt
ये सब नाटक है। छेत्री को शायद एक दशक पहले ही रिटायर कर देना चाहिए था। अब वो टीम का बोझ है।
जो खिलाड़ी अपने आप को इतना बड़ा समझता है कि उसके बिना टीम नहीं चलती, वो अपनी शक्ति का भ्रम में है।
हमें भारतीय फुटबॉल के लिए नए खिलाड़ियों की जरूरत है - न कि एक अंतिम दर्शन की।
dinesh singare
छेत्री के बारे में बात करने के लिए बस एक बात बताऊँ - जब वो बच्चे थे, तो उन्होंने अपने घर के बाहर एक टूटी हुई बास्केटबॉल बास्केट को गोल के लिए इस्तेमाल किया था।
आज वो एक देश के लिए खेल रहे हैं - जिसने उन्हें कभी अपना नहीं माना।
और अब हम उनकी फॉर्म के बारे में बात कर रहे हैं? बेवकूफी है।
वो एक राष्ट्रीय नायक हैं - और ये मैच उनका अंतिम युद्ध है।
जीत या हार, वो जीत चुके हैं।
Priyanjit Ghosh
अगर छेत्री को इस मैच में गोल नहीं मिला, तो क्या वो एक असफल खिलाड़ी हैं? 😏
बस एक बार देखो उनके बाद वाले खिलाड़ियों को - किसी के पास भी उतनी आत्मा नहीं है।
मैं तो अभी भी उनके वो बारीक ड्रिबल याद कर रहा हूँ जब वो दो खिलाड़ियों के बीच से निकल गए थे - जैसे वो बारिश की बूंदें बह रही हों।
अब ये मैच उनके लिए है - न कि जीत के लिए।
हम सब उनके लिए खेल रहे हैं। 💪❤️
Anuj Tripathi
कोई फर्क नहीं पड़ता कि जीते या हारे - छेत्री के लिए ये मैच जीत है
हमें बस उन्हें खेलने दो
और उनकी चादर उतार दो
वो तो अब तक सब कुछ दे चुके हैं
अब बस खुशी से खेले
Hiru Samanto
मैंने छेत्री के पहले मैच को टीवी पर देखा था... और अब उनका आखिरी मैच...
मैं बस उम्मीद करता हूँ कि वो खुश होंगे...
हम सब उनके लिए खड़े हैं...
धन्यवाद सुनील भैया... ❤️
Divya Anish
यह मैच केवल एक खेल नहीं है - यह एक ऐतिहासिक घटना है।
सुनील छेत्री के लिए, यह एक जीवन का समापन है।
उन्होंने जिस असमानता के बीच खेला, वह एक अद्भुत अध्याय है।
उनके बिना, भारतीय फुटबॉल का कोई विरासत नहीं है।
हमें उनके लिए एक विजयी अंत चाहिए - न कि एक निराशाजनक समापन।
हमारी टीम के लिए यह अंतिम अवसर है - जिसे हमें अपने अंदर के दर्द के साथ जीना होगा।
हमारी उम्मीदें, हमारी आँखों के आँसू, हमारी धड़कन - सब उनके लिए हैं।
उनकी यात्रा का अंत एक जीत के साथ होना चाहिए - क्योंकि वे इसके लायक हैं।
md najmuddin
छेत्री के लिए ये मैच बस एक खेल नहीं - ये एक भावना है।
हम उनके लिए खड़े हैं।
जीते या हारे, वो हमारे लिए जीत चुके हैं।
धन्यवाद बॉस ❤️⚽
Ravi Gurung
मुझे लगता है कि ये मैच बहुत जरूरी है...
लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या होगा...
मैं बस उम्मीद कर रहा हूँ...
Manasi Tamboli
तुम लोगों ने बस एक खिलाड़ी के अंत को एक खेल के रूप में देखा...
लेकिन जब तुम्हारे दादा ने तुम्हें बचपन में छेत्री का टीशर्ट पहनाया, तो क्या वो भी एक खेल की बात कर रहे थे?
नहीं। वो एक विरासत दे रहे थे।
और आज तुम उस विरासत को खारिज कर रहे हो।
SANJAY SARKAR
क्या कुवैत के गोलकीपर को बदल दिया जा सकता है? उन्होंने पिछले दो मैच में 5 गोल खाए हैं... ये तो बहुत खराब है।