राजस्थान में जोर पकड़े प्री-मानसून, बारिश के आंकड़े बढ़े
राजस्थान में प्री-मानसून प्री-मानसून बारिश ने आखिरकार ठीक-ठाक दस्तक दे दी है। 17 जून 2025 को, पिलानी में सबसे ज़्यादा 53.1 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद चूरू (51.6 मिमी) और जयपुर (37.6 मिमी) रहे। जालौर और अलवर में भी 16 मिमी और 14 मिमी बारिश हुई। इनके अलावा दौसा, सिरोही, सीकर और जोधपुर में भी बादल जमकर बरसे। जो लोग कई हफ्तों से गर्मी और उमस से परेशान थे, उनके लिए यह बारिश थोड़ी राहत भरी रही। खेतों के लिए भी ये फुहारें संजीवनी साबित हुई हैं।
इन बारिश के पीछे की वजह गुजरात की तरफ बना कम दबाव का क्षेत्र है। मौसम विभाग का कहना है कि यह सिस्टम अगले 24 घंटों में दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ सकता है। विभाग ने अनुमान जताया है कि इसी सिस्टम के चलते अगले 1-2 दिनों में राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून की औपचारिक एंट्री हो सकती है। यानी अब तेज बारिश और कड़कती बिजली का खेल आगे और तेज होने वाला है।
आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग ने साफ चेतावनी जारी की है। 18 जून से 20 जून के बीच जयपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर संभागों में हल्की से लेकर मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश, तथा गरज-चमक के साथ तेज़ हवाओं का अनुमान है। इन दिनों खेतों में काम कर रहे किसानों के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। शहरों में ट्रैफिक और जलभराव के हालात भी देखने को मिल सकते हैं।
21 जून से 22 जून के बीच कोटा और भरतपुर इलाके में ज्यादा भारी वर्षा के आसार हैं। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में बारिश की रफ्तार और दायरा दोनों ही बढ़ने वाले हैं। राज्य के कई छोटे क्षेत्रों में अचानक तेज़ बारिश और बिजली गिरने की संभावना बनी रहेगी।
- पिलानी: 53.1 मिमी
- चूरू: 51.6 मिमी
- जयपुर: 37.6 मिमी
- जालौर: 16 मिमी
- अलवर: 14 मिमी
मौसम विभाग के मुताबिक, 20 जून के बाद पूर्वी राजस्थान में और ज़्यादा तगड़ी बारिश की उम्मीद है। इस बार की प्री-मानसून बरसात ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मानसून से पहले भी आसमान खूब मेहरबान हो सकता है। अब देखना होगा कि मानसून पंजाब और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों की तरह राजस्थान में कितना जल्दी पैर पसारता है और कब तक अपने रंग में दिखता है।
टिप्पणि
Ron DeRegules
पिलानी में 53 मिमी बारिश? ये तो राजस्थान के लिए जबरदस्त है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि यहाँ इतनी तेज़ बारिश हो सकती है। अब तो खेतों का जीवन वापस आ गया है। बस अब बारिश रुके नहीं तो बेहतर है।
और हाँ गर्मी से तो बच गए लेकिन अब बारिश के बाद नमी और जलभराव का खेल शुरू हो गया है।
Manasi Tamboli
ये बारिश बस एक तरह का आसमानी आशीर्वाद है... जैसे जीवन में कभी-कभी एक अचानक बूंद तुम्हें जीने का मतलब याद दिला दे। लेकिन क्या ये बूंदें असल में तुम्हारे दर्द को बहा रही हैं या सिर्फ तुम्हारे अंदर के बादलों को और गहरा कर रही हैं? ये सवाल तो बारिश के बाद भी बाकी रह जाता है।
Ashish Shrestha
मौसम विभाग के अनुमानों को लेकर आप इतने आशावादी क्यों हैं? ये सिस्टम तो हर साल आता है और हर साल अधूरा रह जाता है। बारिश के आंकड़े तो बढ़ गए लेकिन जल संसाधनों की बात करें तो फिर भी शून्य। ये निरंतर आशा का खेल तो अब बेकार है।
Mallikarjun Choukimath
इस प्री-मानसून की बारिश में एक अद्भुत सौंदर्य छिपा है - जैसे एक अनकही कविता जो बिना शब्दों के बरस रही हो। यह वह क्षण है जब पृथ्वी अपने आप को फिर से जन्म देती है। पिलानी की बूंदें न केवल धरती को भीगा रही हैं, बल्कि हमारे अंदर के उन रेत के रुखे तालाबों को भी भर रही हैं। इस वर्षा का अर्थ केवल जल नहीं, बल्कि आध्यात्मिक तृप्ति है।
Sitara Nair
ये बारिश तो बस जानवरों के लिए नहीं... बल्कि हमारे दिलों के लिए भी बरस रही है 😊☔️
मैंने आज सुबह खिड़की से देखा तो एक बच्चा बारिश में नाच रहा था... उसकी हंसी ने मुझे भी गर्मियों की थकान भूलने को मजबूर कर दिया।
किसानों के लिए ये बरसात बस जीवन है... बस अब इसे नुकसान न हो जाए यार 😭
Abhishek Abhishek
तुम सब बारिश के चक्कर में भूल गए कि ये सब जल्दी खत्म हो जाएगा। इस बार तो पिलानी में 53 मिमी हुए, लेकिन पिछले साल तो 2 मिमी भी नहीं हुए थे। ये बारिश बस एक ट्रेंड है, एक चैनल के लिए वीडियो के लिए बनाया गया ड्रामा।
Avinash Shukla
बारिश के बाद हवा में वो खुशबू आती है ना... जैसे धरती ने सांस ली हो। ये छोटी बूंदें बहुत कुछ बदल देती हैं। मैंने अपने गाँव में देखा, बच्चे गीली धरती पर खेल रहे थे, बुजुर्ग चाय पी रहे थे... ये लगता है जैसे समय रुक गया हो। 🌧️
Harsh Bhatt
तुम लोग बारिश के आंकड़े देखकर खुश हो रहे हो? ये तो बस बादलों की नाटकीय रचना है। असली समस्या तो ये है कि हम बारिश के बाद जल संग्रहण के लिए कुछ नहीं करते। ये बूंदें बह जाती हैं और फिर एक साल तक भूखे रहते हैं। बारिश का जादू तो बस एक धोखा है।
dinesh singare
ये बारिश तो बस एक चैनल के लिए बनाया गया ड्रामा है! जयपुर में 37 मिमी? ये तो बरसात का नाम लेने के लिए बहुत कम है। अगर ये मानसून है तो मैं अपना घर बेच दूंगा। इससे ज्यादा बारिश तो दिल्ली के बाहरी इलाकों में भी हो जाती है। ये सब बस जल्दबाजी में बनाई गई खबर है।
Priyanjit Ghosh
अरे भाई ये बारिश तो बस राजस्थान को एक बार फिर जिंदा कर दी गई है 😎
मैंने अपने बाइक पर बैठकर बारिश में गाड़ी चलाई और लगा जैसे दुनिया ने मुझे गले लगा लिया हो।
किसानों के लिए ये बरसात बस एक बरकत है... अब देखो बारिश के बाद खेत कैसे हरे हो जाते हैं। 🙌
Anuj Tripathi
बारिश आई तो लोग खुश हो गए लेकिन अब बारिश के बाद जलभराव और ट्रैफिक का खेल शुरू हो गया है। जयपुर में तो आज सुबह 2 घंटे ट्रैफिक में फंस गया। लेकिन फिर भी... ये बारिश जरूरी थी। धरती ने आवाज़ लगाई और हमने सुन लिया।
Hiru Samanto
मैं जयपुर से हूँ और आज सुबह बारिश हुई तो मैंने अपनी चाय के साथ खिड़की से देखा... बच्चे नाच रहे थे, बुजुर्ग बाहर आए थे... ये लगा जैसे दुनिया ने फिर से जीना सीख लिया हो। बारिश का असली जादू तो ये है कि ये सब लोगों को एक साथ ला देती है।
Divya Anish
मौसम विभाग के अनुमानों के आधार पर यह बारिश अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके द्वारा भूजल स्तर में वृद्धि होगी, जिससे ग्रामीण जल आपूर्ति में सुधार होगा। इस घटना को आधिकारिक रूप से दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि भविष्य के जल संसाधन नीति में इसका उपयोग किया जा सके।
md najmuddin
ये बारिश तो बस एक चमत्कार है... जैसे धरती ने हमें एक बार फिर बचाने के लिए अपना दिल खोल दिया हो। मैंने अपने गाँव में देखा, एक बूढ़ी दादी ने अपने बर्तन में बारिश की बूंदें इकट्ठा कीं... बस यही दृश्य मुझे रो देता है। 🌧️❤️
Ravi Gurung
बारिश आई तो लोग खुश हो गए... लेकिन अगले महीने जब खेतों में फसल खराब हो जाएगी तो कौन सुनेगा? ये बारिश तो बस एक छोटी राहत है... असली समस्या तो जल संग्रहण की है।
SANJAY SARKAR
पिलानी में 53 मिमी? वाह बहुत अच्छा हुआ। लेकिन ये बारिश तो अब तक की सबसे बड़ी नहीं है। 2019 में तो जोधपुर में 70 मिमी हुआ था। ये तो अभी शुरुआत है।
Ankit gurawaria
ये बारिश तो राजस्थान के लिए बस एक अल्पकालिक राहत नहीं... ये तो एक नया आशा का संकेत है। मैंने अपने गाँव में एक बूढ़े किसान को देखा जो बारिश के बाद अपने खेत में बैठकर आंखें बंद कर ली थीं। उसके चेहरे पर एक शांति थी... जैसे उसका दिल फिर से धड़क रहा हो। ये बारिश बस पानी नहीं है... ये जीवन है।
AnKur SinGh
मौसम विभाग के अनुसार, यह प्री-मानसून घटना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दक्षिण-पश्चिम मानसून की आगमन की संभावना को बढ़ाती है। राजस्थान के लिए यह जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में एक ऐतिहासिक घटना हो सकती है। इसके आंकड़ों का विश्लेषण भविष्य के जल संसाधन योजनाओं के लिए आवश्यक है। इस बारिश के बाद जल संग्रहण व्यवस्था को तुरंत सुधारने की आवश्यकता है।