रिलायंस जियो का IPO 2025 में, रिटेल यूनिट की सूची आगामी वर्षों में: सूत्रों के हवाले से

रिलायंस जियो का IPO 2025 में, रिटेल यूनिट की सूची आगामी वर्षों में: सूत्रों के हवाले से
द्वारा नेहा शर्मा पर 5.11.2024

रिलायंस जियो का IPO: महत्वाकांक्षी योजना

भारत के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो जल्द ही एक बड़ा कदम लेने जा रही है। कंपनी 2025 में अपने टेलीकॉम बिजनेस का आरम्भिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) लॉन्च करने की योजना बना रही है, जो भारत के लिए एक अभूतपूर्व घटना हो सकती है। इस IPO की संभावित वैल्यूएशन $112 बिलियन आंकी गई है। यह IPO भारतीय बाजार में सबसे बड़ा हो सकता है, जिसे Hyundai India के $3.3 बिलियन के IPO से भी बड़ा माना जा सकता है।

रिटेल यूनिट का IPO: आगे की राह

रिटेल यूनिट का IPO: आगे की राह

रिलायंस रिटेल, जिसने भारत में तेजी से वृद्धि की है, अभी अपनी आंतरिक प्राथमिकताओं को सुलझाने में लगी हुई है। यह कंपनी के विस्तार और विविध खुदरा प्रारूपों में प्रवेश के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी समाधान कर रही है। इसके ICO को बाद में लॉन्च करने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि कंपनी अपनी आंतरिक संचालन को स्थिर कर सके। अनुमान है कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है और इसे 2025 के बाद लॉन्च किया जा सकेगा।

जियो की चुनौती और अवसर

रिलायंस जियो ने 479 मिलियन सब्सक्राइबर्स के साथ भारत के शीर्ष टेलीकॉम प्लेयर के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। अब कंपनी का उद्देश्य भारतीय बाजार में एलन मस्क के स्टारलिंक के साथ मुकाबला करना है। इसके अलावा, कंपनी ने गूगल और मेटा के साथ साझेदारी की है और एनवीडिया के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सहयोग भी किया है।

आर्थिक सफलताओं का विस्तार

रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल दोनों ने निवेशकों से $25 बिलियन जुटाए हैं, जिसमें KKR, जनरल अटलांटिक, और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण जैसे निवेशक शामिल हैं। यह पूरा बिजनेस मॉडल रिलायंस की आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। कंपनी ने 2019 में IPO के समयसीमा का संकेत दिया था और करीब 5 वर्षों में इसे पूरा करने की बात कही थी।

अंबानी की यह योजना निवेशकों और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह बाजार में एक बड़ी हलचल पैदा कर सकती है जबकि निवेश की एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। भारत के लिए यह एक आर्थिक छलांग है, जो न केवल निवेशकों के लिए बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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