अगर आप अडानी ग्रुप के बारे में हर नई जानकारी चाहते हैं, तो यही सही जगह है। यहाँ हम आपको सबसे हालिया प्रोजेक्ट अपडेट, शेयर मूवमेंट और सरकारी नीतियों का असर बताते हैं—सब कुछ आसान भाषा में। पढ़ते ही समझेंगे कि आपके निवेश या करियर पर क्या असर पड़ेगा।
अडानी ने पिछले महीने अपने नए सोलर पार्क का लोकेशन फाइनल किया है, जो गुजरात के वादनगर में 5 GW क्षमता वाला होगा। इस प्रोजेक्ट से न सिर्फ भारत की रिन्यूएबल ऊर्जा लक्ष्य को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार भी बहुत बढ़ेगा। सरकार भी इस योजना को ‘ग्रीन इंडिया’ पहल के तहत समर्थन दे रही है, इसलिए आगे फंडिंग जल्दी आने की उम्मीद है।
पोर्ट सेक्टर में अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन (अडानी SEZ) का विस्तार कर रहा है। नई टर्मिनल पर कंटेनर हैंडलिंग क्षमता 15 मिलियन TEU तक बढ़ाने की योजना है, जिससे भारत‑एशिया ट्रेड में तेज़ी आएगी। व्यापारियों ने बताया कि इस बदलाव से शिपमेंट डिलीवरी टाइम आधा हो सकता है।
ऊर्जा के क्षेत्र में अडानी गैस प्रोजेक्ट भी गति पकड़ रहा है। राजस्थान में नया LNG टर्मिनल बन रहा है, जो देश की गैस आयात लागत को घटाएगा। इस टर्मिनल से आने वाली गैस का हिस्सा पावर प्लांट्स और औद्योगिक यूज़ में जाएगा, जिससे बिजली बिलों पर हल्का असर पड़ेगा।
शेयर मार्केट में अडानी ग्रुप का स्टॉक पिछले दो हफ़्ते में 8% ऊपर गया है, लेकिन इसका कारण सिर्फ प्रोजेक्ट अपडेट नहीं। विदेशी संस्थागत फंडों ने हाल ही में बड़े पैमाने पर खरीदारी की, जिससे भरोसा बढ़ा। फिर भी, बाजार में अस्थिरता के संकेत हैं—विशेषकर जब सरकार नई पर्यावरण नीतियों को लागू कर रही है।
वित्तीय रिपोर्ट देखी तो अडानी ने FY25 के पहले क्वार्टर में 15% राजस्व वृद्धि दर्ज की। लाभ मार्जिन भी बेहतर हुआ, मुख्य कारण लागत घटाने वाले प्रोजेक्ट्स और टैक्स छूट। अगर आप दीर्घकालिक निवेश सोच रहे हैं, तो इन फंडामेंटल नंबरों को देखना ज़रूरी है।
एक बात ध्यान में रखिए—अडानी ग्रुप पर अक्सर पर्यावरणीय मुद्दे और नियामक जांच के कारण सुर्खियां मिलती रहती हैं। इसलिए शेयर खरीदते समय जोखिम प्रोफ़ाइल समझें, और अगर संभव हो तो पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करें। छोटे निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड्स या ETFs में अडानी एक्सपोज़र लेना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
अंत में यह कहना सही रहेगा कि अडानी ग्रुप की योजनाएं भारत की इन्फ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से बदल रही हैं। चाहे आप निवेशक हों, व्यापारिक भागीदार या सिर्फ सामान्य पाठक—इन अपडेट्स को फॉलो करना आपके लिए फ़ायदेमंद होगा। शौर्य समाचार पर रोज़ नई जानकारी आते रहें, तो कोई भी खबर आपको मिस नहीं होगी।
हाइडेनबर्ग रिसर्च ने भारत में एक और बड़ा खुलासा करने के संकेत दिए हैं। जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर दिए गए रिपोर्ट के बाद, अब नए घटनाक्रम में सेबी ने मार्क किंगडन और हाइडेनबर्ग के बीच हुई सांठगांठ को उजागर किया है। सेबी का दावा है कि रिपोर्ट के पहले संस्करण को किंगडन के साथ साझा किया गया था, जिससे उन्हें भारी मुनाफा हुआ।