उम्र बढ़ना रोका नहीं जा सकता, पर इसे धीमा करने की कोशिश हर किसी को करनी चाहिए। एंटी‑एजिंग का मतलब है सिर्फ बाहरी दिखावट में बदलाव नहीं, बल्कि अंदर से भी स्वस्थ रहना। नीचे बताये गए छोटे‑छोटे कदम रोज़मर्रा की जिंदगी में जोड़िए, फर्क खुद महसूस करेंगे।
सबसे पहला काम है खाने‑पीने का ध्यान रखना। ताज़ी सब्जियां, फल और नट्स एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं जो फ्री रैडिकल को कम करते हैं। सुबह का नाश्ता अगर ओट्स या दालिया में बादाम और बेरी डालें तो ऊर्जा लंबा टिकेगी। प्रोसेस्ड स्नैक्स, ज्यादा शक्कर और तले‑भुने खाने से बचें; ये त्वचा की लचीलापन घटाते हैं।
पानी भी एंटी‑एजिंग में बड़ा रोल निभाता है। कम से कम आठ गिलास पानी रोज़ पिएँ, इससे कोशिकाएं हाइड्रेट रहती हैं और टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। अगर पानी बोर लगे तो नींबू या खीरे के स्लाइस डाल कर थोड़ा फ्लेवर जोड़ सकते हैं।
सिर्फ खाने‑पीने से काम नहीं चलता, शरीर चलाना भी ज़रूरी है। हल्का cardio जैसे तेज़ चलना या साइकिल चलाना 30 मिनट रोज़ दिल की धड़कन बढ़ाता है और रक्त संचार सुधरता है। इससे त्वचा में ऑक्सीजन पहुँचेगी, लकीरें घटेंगी। अगर समय कम हो तो घर पर ही 10‑15 मिनिट के स्ट्रेचिंग या योग से भी काफी लाभ मिलता है।
नींद का असर अक्सर नजरअंदाज़ किया जाता है। रात को 7‑8 घंटे की गहरी नींद शरीर को रिपेयर करती है, हॉर्मोन बैलेंस बनता है और त्वचा में नई कोशिकाएं बनती हैं। सोने से पहले मोबाइल स्क्रीन बंद कर दें, कमरे को अंधा और ठंडा रखें – ये छोटे कदम बड़ी राहत देंगे।
स्किनकेयर भी सरल रखिए। रोज़ दो बार हल्का क्लेंज़र इस्तेमाल करें, फिर मॉइस्चराइज़र लगाएँ जिसमें विटामिन C या रेटिनॉल हो। सनस्क्रीन को बाहर जाने से पहले ज़रूर लगाएं, चाहे बादल छाए हों। धूप में UV किरणें उम्र की लकीरों को तेज़ करती हैं, इसलिए यह कदम सबसे महत्वपूर्ण है।
तनाव को कम करना भी एंटी‑एजिंग का हिस्सा है। हर दिन 5‑10 मिनट ध्यान या गहरी साँसों के अभ्यास से माइंड शांत रहता है और कोर्टिसोल लेवल घटता है। जब तनाव कम होता है तो शरीर की मरम्मत प्रक्रिया तेज़ होती है, जिससे त्वचा में चमक आती है।
अंत में छोटा लेकिन असरदार टिप: हफ्ते में दो बार मसाज या फेशियल करवाएँ। यह रक्त परिसंचरण बढ़ाता है और मांसपेशियों को रिलैक्स करता है, जिससे झुर्रियां कम दिखती हैं। अगर प्रोफेशनल नहीं ले सकते तो घर पर तेल से हल्का मालिश भी कर सकते हैं।
इन सब उपायों को एक साथ अपनाने की जरूरत नहीं; आज जो आसान लगे वही शुरू करें। धीरे‑धीरे नई आदतें बनेंगे और आप खुद देखेंगे कि उम्र के साथ आपका शरीर कैसे बेहतर हो रहा है। याद रखें, एंटी‑एजिंग का राज़ निरंतरता में है, न कि बड़े बदलावों में।
टेक उद्यमी ब्रायन जॉनसन अपनी अत्यधिक एंटी-एजिंग परियोजना 'प्रोजेक्ट ब्लूप्रिंट' के लिए प्रसिद्ध हैं। हाल ही में उन्होंने 'प्रोजेक्ट बेबी फेस' के तहत एक डोनर की वसा को चेहरे में इंजेक्ट किया, लेकिन यह प्रक्रिया गंभीर एलर्जिक रिएक्शन में बदल गई। कुछ समय के लिए उनकी दृष्टि प्रभावित हो गई। यह घटना दर्शाती है कि एंटी-एजिंग प्रयोग में जोखिम होता है, भले ही वित्तीय साधन उपलब्ध हों।