जीका वायरस (Zika) एक मच्छर से फैलने वाला संक्रमण है जो अक्सर हल्का या बिना किसी लक्षण के रहता है, लेकिन कभी‑कभी सिरदर्द, बुखार, रैश और जोड़ों में दर्द कर सकता है। हाल ही में भारत के कुछ क्षेत्रों में केस रिपोर्ट हुए हैं, इसलिए इस वायरस को समझना बहुत जरूरी हो गया है। आप अगर यात्रा की योजना बना रहे हैं या अपने बच्चे का ख्याल रख रहे हैं तो नीचे बताई गई जानकारी आपके काम आएगी।
अधिकतर लोग इस संक्रमण को नहीं notice करते, पर जब लक्षण दिखते हैं तो वे आमतौर पर 3‑7 दिन में शुरू होते हैं:
महिलाओं में यह वायरस गर्भधारण के दौरान गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, जैसे बच्चे की दिमागी विकास में बाधा (microcephaly)। इसलिए गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए। यदि आप इन लक्षणों का अनुभव करते हैं और हाल ही में मच्छर वाले क्षेत्र गये हों तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
जीका वायरस के लिए अभी कोई विशिष्ट दवा नहीं है, इसलिए बचाव पर ज़्यादा ध्यान देना पड़ता है:
यदि आपको या आपके किसी परिचित को जीका वायरस का संदेह है तो तुरंत मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए। रक्त परीक्षण से वायरस की उपस्थिति पता चलती है और डॉक्टर उचित देखभाल दे सकते हैं। अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, पर शोध लगातार चल रहा है। इसलिए दैनिक जीवन में मच्छर नियंत्रण ही सबसे असरदार उपाय है।
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एक सामान्य चिकित्सक ने जीका वायरस और डेंगू बुखार के बीच के अंतर को समझाया, जो दोनों मच्छरों द्वारा फैलते हैं। गंभीर मामलों में, डेंगू डेंगू रक्तस्रावी बुखार (DHF) या डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) में परिवर्तित हो सकता है जिसमें प्लाज्मा का रिसाव और रक्तस्राव शामिल है। यह लेख प्रत्येक रोग के विशिष्ट लक्षणों और जोखिमों पर प्रकाश डालता है, और उनके अंतर को समझने के महत्व को दृष्टिगत करता है।