आसमान में क्या चल रहा है, ये जानना हर शौकीन को पसंद आता है। चाहे आप रात के तारे गिनना चाहते हों या ग्रहों की चाल समझना चाहते हों, सही जानकारी आपके पास होनी चाहिए. इस लेख में हम आज की प्रमुख खगोलीय घटनाओं का आसान सार दे रहे हैं, ताकि आप बिना किसी जटिल गणना के सीधे बाहर निकल कर देख सकें.
1. शुक्र ग्रह का उज्ज्वल प्रदर्शन – आज शाम 6 बजे से शुक्र पश्चिमी क्षितिज पर स्पष्ट दिखाई देगा। शहर के बाहर साफ़ आसमान वाले जगहों पर आप इसे पीले रंग की चमक में देख सकते हैं.
2. ज्योतिर्मयी नक्षत्र ‘ओरियन’ – रात 9 बजे से ओरियन का तिरछा आकार स्पष्ट होगा। इस नक्षत्र के तीन सितारे एक सीधी रेखा बनाते हैं, जो नई दिशा बताने वाले होते हैं.
3. उल्का वर्षा ‘एलिड्स’ की हल्की सक्रियता – आज रात 2‑4 बजे तक कुछ छोटी उल्काएँ दिखाई दे सकती हैं। शहर में प्रकाश प्रदूषण ज्यादा है, इसलिए खुले मैदान या पहाड़ी इलाकों से बेहतर देखेंगे.
4. मंगल ग्रह का प्रतिलोम (रिट्रोग्रेड) प्रभाव – आज रात 11 बजे से मंगल जमीन के करीब लगता है, जिससे इसका आकार थोड़ा बड़ा दिखता है। इसे देखते समय दूरबीन की ज़रूरत नहीं, सिर्फ़ आँखों से ही पहचान सकते हैं.
अगर आप अब तक का अनुभव बढ़ाना चाहते हैं तो अगले हफ्ते के कैलेंडर को एक नज़र देखें. 10 अगस्त को चंद्रमा पूर्णिमा होगी, और उस रात धूमकेतु ‘हैल्बर्ट’ की छोटी चमक देखी जा सकती है। 15 अगस्त से शुरू होने वाला शनि का वलय (रिंग) विशेष रूप से स्पष्ट होगा, अगर आप टेलीस्कोप या हाई‑डिफ़िनिशन कैमरा रखते हैं तो फोटो लेना आसान रहेगा.
इन घटनाओं को याद रखने के लिए अपने फोन में रिमाइंडर सेट कर लें या किसी विश्वसनीय आकाशीय कैलेंडर की मदद ले। रोज़ाना 5‑10 मिनट बाहर बैठकर आसमान देखना न केवल ज्ञान बढ़ाता है, बल्कि मन को शांति भी देता है.
ध्यान रखें – साफ़ रात और कम प्रकाश वाला स्थान आपके देखने के अनुभव को बेहतर बनाते हैं. अगर मौसम खराब हो तो अगले दिन की भविष्यवाणी देखें; अधिकांश खगोलीय घटनाएँ दो‑तीन दिनों तक दिख सकती हैं.
तो, आज ही अपना बिनोद या टेलीस्कोप ले कर बाहर निकलें और इन सरल टिप्स के साथ आसमान का आनंद लें. आप देखेंगे कि सितारे कितने करीब लगते हैं जब आप सही समय पर देखते हैं।
शुक्रवार, 21 जून को स्ट्रॉबेरी मून और ग्रीष्म संक्रांति का दुर्लभ संयोग होगा। यह घटना वर्ष का सबसे लंबा दिन और गर्मियों की पहली पूर्णिमा को दर्शाती है, जिसे 'स्ट्रॉबेरी मून' कहा जाता है। यह चंद्रमा क्षितिज के करीब होने के कारण लालिमा लिए दिखाई देगा। यह घटना ऐतिहासिक महत्व रखती है और कई संस्कृतियों में अलग-अलग नामों से जानी जाती है।