नाग पंचमी हर साल शरद ऋतु में आती है, जब सर्प देवता को श्रद्धा‑भक्ति से पूजते हैं। इस बार यह उत्सव 15 जुलाई 2025 (गुरु वार) को पड़ता है, इसलिए कैलेंडर में तुरंत नोट कर लें। कई लोग इसे बस एक छुट्टी मानते हैं, पर असली बात तो सर्पों के साथ जुड़ी कहानियों और प्रकृति की सुरक्षा में है।
हिंदू पौराणिक कथा अनुसार, भगवान विष्णु ने महाबली राक्षस को मारने के लिए सर्पों की मदद ली थी। उसी कारण हर साल इस दिन लोग नागों को फूल, दूध और मोती अर्पित करते हैं। खास बात यह है कि कई शहरों में मेला भी लगता है—तिरुवणंतपुर (आंध्र प्रदेश) का स्नेक फेस्टिवल सबसे बड़ा माना जाता है, जहाँ सैकड़ों साप दिखाए जाते हैं और लोग उनसे फोटो खिंचवाते हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में अलग‑अलग रिवाज़ होते हैं। उत्तर भारत में सांप को दंडा (कोर) से सजाकर घर की छत पर लटकाया जाता है, जबकि दक्षिण में स्नान के बाद काले रंग का कुशा (कुशाबंधन) बांधकर नाग पंछी को अर्पित किया जाता है। अगर आप बिहार या उत्तर प्रदेश में हैं तो आम तौर पर नदी किनारे स्नेक पूजा होती है और लोग रेशमी कपड़े पहनते हैं।
अगर आपके पास सच्चा सांप नहीं है, तो घर में छोटा सा साँप का पुतला या चित्र रख सकते हैं। सबसे पहले साफ़ बर्तन में पानी भरें, उसमें थोड़ा तुलसी के पत्ते और चंदन डालें। फिर दूध, शहद और गुलाबजल मिलाकर स्नान कराएं। पूजा की थाली में कलेजे (कुंबा), लाल फूल, नैनीशिंदा या लवण रखें।
पूजन में सबसे पहले ‘ओम् नमः नागाय’ मंत्र दोहराएँ, फिर हल्दी और कुमकुम से पुतले को रंगें। इसके बाद सर्प देवता को मोती, धान्य और मिठाई (जैसे लड्डू) अर्पित करें। अंत में एक छोटी सी दीप जलाईए और उसे जलाते हुए “सर्व जीवों की रक्षा हो” कहें। यह रिवाज़ सरल है, लेकिन मन की शांति देता है।
अगर आप बाहर जाना चाहते हैं तो निकटतम मंदिर या स्नेक फेस्टिवल देखें। कई शहर में इस दिन सांप प्रदर्शनी और स्वास्थ्य शिविर भी लगते हैं—इसे एक अच्छा अवसर समझें अपनी जानकारी बढ़ाने का। कुछ प्रमुख आयोजन: तिरुवणंतपुर (आंध्र), वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और हेमचंद राजवाड़ी (महाराष्ट्र)।
ध्यान रखने योग्य बात यह है कि आजकल कई लोग सोशल मीडिया पर नाग पंचमी की तस्वीरें शेयर करते हैं। अगर आप भी फोटो ले रहे हों तो साप को परेशान न करें, दूर से ही क्लिक करें। साथ ही, जल प्रदूषण और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए इस अवसर का इस्तेमाल जागरूकता बढ़ाने में कर सकते हैं।
नाग पंचमी सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ हमारा संबंध मजबूत करने की याद दिलाता है। आप भी परिवार या दोस्तों के साथ मिलकर सरल पूजा करें, मिठाई बाँटें और इस पावन दिन को खास बनाएं। शुभ नाग पंचमी!
नाग पंचमी हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है, जो 9 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन को भगवान कृष्ण की काली नाग पर विजय के रूप में मनाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अनूठे और पारंपरिक तरीकों से मनाया जाता है। इस त्यौहार का उद्देश्य मानव, देवता और प्रकृति के बीच संबंध स्थापित करना है।