आप अक्सर समाचारों में रूसी युद्धपोतों के बारे में देखते होंगे, लेकिन उनका असली मतलब और महत्व आपके लिए स्पष्ट नहीं होता। यहाँ हम आसान शब्दों में बतायेंगे कि ये जहाज़ कौनसे हैं, उनकी ताकत क्या है और भारत में इनके बारे में किन खबरें चल रही हैं।
रूसी नौसैनिक शक्ति कई तरह के जहाज़ों से बनी है – एयरक्राफ्ट कैरियर, डेस्ट्रीयर्ड फ्रिगेट और क्रूज़र। सबसे चर्चित हैं कर्ग़ुंद क्लास (Kirov‑class) की एंटी‑एयरक्राफ्ट डेस्ट्रॉयर्स, जो 24,000 टन से भी भारी होते हैं और कई मिसाइलों को ले जा सकते हैं। फिर है ‘अड्मिराल सूडोव’ क्लास के फ्रिगेट, जो तेज गति से समुद्र में घूमते हैं और एंटी‑सुबमर सिस्टम रखते हैं। इन जहाज़ों की मुख्य ताकत उनके रडार और लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, जिससे वे किसी भी क्षेत्र में दबाव बना सकते हैं।
भारत ने कई दशकों से रूस से जहाज़ खरीदे हैं – जैसे ‘विक्रमादित्य’ क्लास के डेस्ट्रीयर्ड फ्रिगेट और ‘रावण’ वर्ग के एंटी‑सबस्मरीन वॉटरफ्लाइट्स। जब भी रूसी नौसेना अपने नए या रिफिट किए हुए युद्धपोत भारतीय जल क्षेत्र में दिखती है, तो सुरक्षा विशेषज्ञ तुरंत इसका विश्लेषण करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की समुद्री सुरक्षा और तेल ट्रांस्पोर्ट पर संभावित असर हो सकता है।
उदाहरण के तौर पर, 2024 के अंत में ‘व्लादिमीर मोरोज़’ नामक एक रूसी क्रूज़र ने अडन समुद्र में अभ्यास किया था। इस दौरान भारत की नौसेना ने तुरंत अपने तटस्थ क्षेत्र की निगरानी बढ़ा दी और द्विपक्षीय संवाद शुरू किया। यह दिखाता है कि किसी भी बड़े युद्धपोत का मूवमेंट दो देशों के बीच रणनीतिक संवाद को तेज कर सकता है।
अगर आप इस टैग पेज पर आते हैं, तो संभवतः इन ही खबरों की तलाश में होंगे – चाहे वह एक नई मिसाइल टेस्ट हो या भारत‑रूस नौसैनिक अभ्यास। नीचे हम कुछ हालिया घटनाओं का संक्षिप्त सारांश दे रहे हैं:
इन घटनाओं को समझने के लिए आपको तकनीकी शब्दावली की जरूरत नहीं है – बस यह जानना कि कौन सा जहाज़ कहाँ है और उसका उद्देश्य क्या हो सकता है, पर्याप्त है। अगर आप नौसेना में रुचि रखते हैं या व्यापारिक शिपिंग से जुड़े हैं, तो इन अपडेट्स का फॉलो‑अप रखना आपके निर्णयों को बेहतर बना सकता है।
अंत में, याद रखें कि समुद्री क्षेत्र हमेशा बदलता रहता है और रूसी युद्धपोत इस बदलाव के बड़े हिस्से बनते हैं। इसलिए जब भी नया समाचार आए, जल्दी से पढ़ें, समझें और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ की राय लें। यही तरीका है वास्तविक जानकारी को सही उपयोग करने का।
क्यूबा के बंदरगाह पर पहुंचे रूसी युद्धपोत एडमिरल गोर्शकोव के दौरे का अनुभव लेख में वर्णित है। रूसी बेड़े की यह नाव अति आधुनिक है और यह हाइपरसोनिक मिसाइल प्रक्षेपण करने में सक्षम है। नाव पर चढ़ने की प्रक्रिया से लेकर इसके विभिन्न हथियार प्रणाली की जानकारी दी गई है। लेख में अमेरिका और रूस के बीच जारी तनाव का भी जिक्र किया गया है।