हर सुबह बाहर निकलते ही आप देखेंगे धुएँ की परत, ट्रैफ़िक का काला धुआँ या कारख़ानों से उठती बदबू। यही वायु प्रदूषण है – हवा में मौजूद हानिकारक पदार्थों का इकट्ठा होना। ये चीजें हमारे फेफड़े, दिल और यहाँ तक कि पौधों को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
सबसे बड़ा कारण गाड़ियाँ और ट्रैफ़िक जाम है। पेट्रोल‑डिज़ेल इंजन में ईंधन जलते समय कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कणीय पदार्थ निकलते हैं। दूसरा बड़ा कारक औद्योगिक धुएँ हैं। फैक्ट्री में कोयला या गैस जलाने से सल्फर डाइऑक्साइड व फाइन पार्टिकुलेट मैटर हवा में मिल जाता है।
भवनों की ठंडी करने वाली एसी और पावर जेनरेटर भी छोटे‑बड़े शहरों में धुंध को बढ़ाते हैं। साथ ही, कचरा जलाना, बायोमास के दहन (जैसे खेतों में फसल के अवशेष) और खुले आग के कारण भी हवा खराब होती है।
सरकार की नीतियों पर भरोसा तो करें, लेकिन घर-घर में छोटी‑छोटी बातें बड़ी असर डालती हैं। सबसे पहले, जहाँ तक संभव हो निजी गाड़ी के बजाय सार्वजनिक परिवहन, साइकिल या पैदल चलें। कारपूलिंग भी फ्यूल बचाती है और धुंध कम करती है।
अगर आप घर पर एसी इस्तेमाल करते हैं तो सेटिंग को 24 °C से थोड़ा नीचे रखें और फ़िल्टर नियमित रूप से बदलें। किचन में लिक्विड गैस या इलेक्ट्रिक चुल्हा चुनें, क्योंकि लकड़ी‑कोयला की जलती धुएँ सबसे ज़्यादा हानिकारक होते हैं।
पेड़ लगाना आसान उपाय है – हर साल दो पेड़ लगाएँ और उन्हें सही देखभाल दें। पौधे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को खींचते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे शहरी धुंध कम होती है।
बाहरी काम करते समय मास्क पहनें, खासकर सुबह के समय जब ट्रैफ़िक का धुआँ सबसे ज़्यादा होता है। बच्चों की स्कूल टाइम टेबल को हल्का‑फुलका रखें और उन्हें भी घर में वेंटिलेशन पर ध्यान देने को कहें।
अगर आपके पड़ोस में कोई फैक्ट्री या बड़े निर्माण काम चल रहे हैं, तो स्थानीय निकाय से शिकायत करें और पर्यावरण मानकों का पालन करवाएँ। अक्सर छोटे‑छोटे कदम, जैसे जल निकासी की जाँच और धुंध के समय विंडो बंद रखना, बड़ा फ़रक ला सकते हैं।संक्षेप में, वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है पर इसे रोकना हमारे हाथ में है। रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी आदतें, सही जागरूकता और सामुदायिक सहयोग से हम साफ हवा का आनंद फिर से ले सकते हैं।
दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां कई क्षेत्रों में हानिकारक प्रदूषण स्तर दर्ज किए गए हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से अधिक हो गया है, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति बन गई है। परिस्थितियां अगले तीन दिनों में और अधिक बिगड़ने की आशंका है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों से उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियां, और पराली जलाना शामिल हैं।