विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू मुक्त भविष्य की ओर
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसमें तंबाकू के उपयोग और उसके हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष का विषय विशेष रूप से बच्चों और युवाओं को तंबाकू उद्योग के प्रभाव से बचाने पर केंद्रित है।
भारत में तंबाकू का उपयोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यहां के लगभग 28.6% वयस्क और 13-15 आयु वर्ग के 14.6% बच्चे तंबाकू का किसी न किसी रूप में उपयोग करते हैं। यह आँकड़ा चिंताजनक है क्योंकि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए कई समस्याएँ पैदा करता है, जिसमें ओरल कैंसर मुख्य है।
तंबाकू से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएं
तंबाकू का उपयोग न केवल कैंसर बल्कि दिल, फेफड़े और कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, युवा बच्चों में तंबाकू की लत उनके शारीरिक और मानसिक विकास को भी प्रभावित कर सकती है।
हाल के वर्षों में, नए तंबाकू उत्पाद जैसे ई-सिगरेट, हुक्का और वेपिंग युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। इन उत्पादों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वे पारंपरिक तंबाकू उत्पादों से कम हानिकारक हैं, लेकिन उनका वास्तविक प्रभाव शीघ्र ही दिख सकता है।
बच्चों को तंबाकू से बचाने के उपाय
बच्चों को तंबाकू के हानिकारक प्रभाव से बचाने के लिए विशेषज्ञों ने कई रणनीतियों की सिफारिश की है, जिनमें शामिल हैं:
- प्रारंभिक वार्तालाप: माता-पिता को अपने बच्चों के साथ तंबाकू के हानिकारक प्रभावों पर शुरुआती उम्र से ही चर्चा करनी चाहिए।
- तंबाकू-मुक्त रोल मॉडल: बच्चों के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करना बहुत महत्वपूर्ण है। माता-पिता और शिक्षक खुद तंबाकू-मुक्त रहकर बच्चों को अच्छा संदेश दे सकते हैं।
- तंबाकू-मुक्त ज़ोन: घर, स्कूल और खेलने की जगहों में तंबाकू-मुक्त क्षेत्र स्थापित करना आवश्यक है, जिससे बच्चे तंबाकू के संपर्क में न आएं।
- अतिरिक्त गतिविधियाँ: बच्चों को खेल, कला, संगीत जैसे अन्य गतिविधियों में व्यस्त रखना चाहिए, जिससे वे तंबाकू की तरफ आकर्षित न हो।
- जानकारी रखें: माता-पिता और शिक्षक खुद को तंबाकू के नए उत्पादों और उनकी हानियों के बारे में जानकारी रखें।
- कड़ी नीति: सरकार और संस्थानों को तंबाकू नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू करने चाहिए और उनका पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
तंबाकू-मुक्त भविष्य की ओर
हमारे समाज में तंबाकू उपयोग को कम करने के लिए एक संयुक्त प्रयास आवश्यक है। बच्चों को तंबाकू से दूर रखने के लिए समुदाय, स्कूल और सरकार की सामूहिक भागीदारी महत्वपूर्ण है।
इसके अलावा, तंबाकू उद्योग के प्रभाव को कम करने के लिए सामूहिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह केवल कानून और नियमों के निर्माण से नहीं होगा, बल्कि सामूहिक जागरूकता और व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी आवश्यक है।
अंत में, हमें याद रखना चाहिए कि हर बच्चे को स्वस्थ और तंबाकू-मुक्त वातावरण में बड़ा होने का अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा।
टिप्पणि
Pal Tourism
तंबाकू का इस्तेमाल बंद करो बस और जिंदगी बचाओ ये सब बकवास नहीं चलेगा
Mersal Suresh
यह जागरूकता अब तक बहुत धीमी है। तंबाकू उद्योग के लिए लाखों करोड़ का लाभ है, इसलिए वे युवाओं को बचाने के बजाय उन्हें बेच रहे हैं। सरकार को एक्शन लेना चाहिए, न कि सिर्फ संकल्प लेना।
ई-सिगरेट और हुक्का बच्चों के लिए एक ट्रैप हैं। इन्हें 'हल्का' और 'सुरक्षित' बताकर बाजार में घुसाया जा रहा है। लेकिन निकोटिन का असर वही है।
माता-पिता को अपने बच्चों के साथ बात करनी चाहिए, लेकिन अगर वे खुद धूम्रपान करते हैं तो बात करने का क्या फायदा? रोल मॉडल बनो, न कि सिर्फ सलाह दो।
स्कूलों में तंबाकू-मुक्त जोन का नियम है, लेकिन कौन इसकी निगरानी करता है? शिक्षक खुद चुपचाप धूम्रपान कर रहे हैं।
हमें अपने बच्चों को जिंदगी के अन्य रास्ते दिखाने होंगे - खेल, संगीत, पढ़ाई। बस एक निषेध नहीं, एक विकल्प चाहिए।
यह एक सामाजिक बीमारी है, न कि सिर्फ एक स्वास्थ्य समस्या। इसे रोकने के लिए सामाजिक दबाव बनाना होगा।
मैं एक डॉक्टर हूं। मैंने देखा है कि 16 साल के बच्चे कैंसर से कैसे मर रहे हैं। यह बहुत दर्दनाक है।
अगर हम इसे नहीं रोकेंगे, तो अगली पीढ़ी बीमारियों से भरी होगी। और हम सब इसके लिए जिम्मेदार हैं।
Sunny Menia
मैं इस बात से सहमत हूं कि बच्चों को तंबाकू से बचाना जरूरी है। लेकिन यह भी सच है कि जब हम उन्हें बात करते हैं तो वे आमतौर पर बैठकर नहीं सुनते।
बेहतर होगा कि हम उन्हें वास्तविक कहानियां सुनाएं - जैसे किसी दोस्त का कैंसर से निधन हो गया या कोई लड़का अपनी आवाज़ खो दिया।
मैंने अपने भाई को धूम्रपान से बचाया था, बस उसे एक वीडियो दिखाकर। उसने कहा, 'मैं ऐसा नहीं बनना चाहता।'
इसलिए जागरूकता नहीं, बल्कि अनुभव जरूरी है।
Abinesh Ak
ओह तो हमें बच्चों को तंबाकू से बचाना है? क्या हम उन्हें अंग्रेजी शिक्षा से भी बचाएंगे? क्या हम टीवी और सोशल मीडिया से भी बचाएंगे? ये सब तो बस एक और विरोधी अभियान है।
तंबाकू उद्योग ने लाखों लोगों को रोजगार दिया। अब आप उन्हें गरीब बनाना चाहते हैं? बहुत अच्छा।
ये सब 'स्वास्थ्य नियंत्रण' बहाने हैं। असली बात ये है कि अब सरकार को लोगों की जिंदगी पर नियंत्रण चाहिए।
अगर बच्चे चाहें तो धूम्रपान करें। वे बड़े होंगे, और फिर अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदार होंगे।
Ron DeRegules
तंबाकू उपयोग का मुद्दा बहुत गहरा है और इसका समाधान एकल उपाय से नहीं हो सकता यह एक समग्र सामाजिक और सांस्कृतिक समस्या है जिसमें शिक्षा आर्थिक असमानता परिवार की गतिविधियां और सामाजिक दबाव सभी शामिल हैं
जब एक बच्चा अपने पिता को रोज सिगरेट पीते हुए देखता है तो उसके लिए यह एक सामान्य व्यवहार बन जाता है और जब वह स्कूल जाता है तो वहां भी कोई उसे रोकता नहीं
ई-सिगरेट का उपयोग बढ़ रहा है क्योंकि ये ट्रेंडी लगते हैं और इनका डिज़ाइन युवाओं के लिए आकर्षक है जिसमें रंग और स्वाद शामिल हैं
हमें न केवल तंबाकू के खिलाफ लड़ना होगा बल्कि इसके पीछे के सामाजिक और आर्थिक कारणों को भी समझना होगा
कई गांवों में तंबाकू का उपयोग एक रीति बन गया है जैसे शादी में धूम्रपान या श्राद्ध में चूर्ण बरसाना
इन रीतियों को बदलने के लिए सांस्कृतिक जागरूकता की जरूरत है न कि केवल कानून
हमें अपने बच्चों को उन गतिविधियों में शामिल करना चाहिए जो उन्हें तंबाकू से दूर रखें जैसे खेल नृत्य संगीत या वोलंटियरिंग
और हां शिक्षकों को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि वे बच्चों के लिए एक मॉडल होते हैं
हमें बच्चों को डराने की जगह उन्हें जागरूक करना चाहिए और उन्हें अपनी जिंदगी का निर्णय लेने का अधिकार देना चाहिए
यह एक लंबी लड़ाई है लेकिन अगर हम सब मिलकर लड़ेंगे तो यह संभव है
Manasi Tamboli
क्या आपने कभी सोचा है कि तंबाकू क्यों इतना आकर्षक है? क्योंकि यह एक अकेलेपन का दर्द भुलाता है।
हर बच्चा जो सिगरेट उठाता है, वह अपने दिल का एक टुकड़ा छुपाना चाहता है।
हम सब बाहर की बातें करते हैं - कानून, नियम, स्कूल - लेकिन कौन उन बच्चों के लिए बैठता है जिनके घर में चीखें नहीं बल्कि धुआं है?
हम उनकी आंखों में दर्द नहीं देखते। हम उनकी चुप्पी को बेवकूफी समझते हैं।
मैं उन बच्चों के लिए रोती हूं जिन्हें कोई नहीं पुकारता।
Ashish Shrestha
इस पोस्ट में सब कुछ सही लगता है लेकिन असली दुनिया में ये सब बकवास है।
तंबाकू उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है। इसे नष्ट करने का मतलब है लाखों लोगों को बेरोजगार करना।
बच्चों को बचाने की बात कर रहे हो - लेकिन क्या आप उन बच्चों को बचाएंगे जो अपने घर के लिए तंबाकू की फसल उगाते हैं?
आपका यह स्वास्थ्य अभियान सिर्फ शहरी बीचों के लिए है। गांवों में तो ये जीवन का हिस्सा है।
इसलिए ये सब एक बहाना है। एक उच्च वर्ग का उपद्रव।
Mallikarjun Choukimath
तंबाकू एक ऐसा अर्थव्यवस्था है जो व्यक्तिगत अधिकारों के नाम पर सामाजिक विनाश को बढ़ावा देता है।
हम जो कहते हैं कि बच्चों को बचाओ, वह एक भावनात्मक नारा है - लेकिन असली समस्या यह है कि हमारी सभ्यता ने व्यक्ति को अकेला छोड़ दिया है।
एक बच्चा जो तंबाकू लेता है, वह न केवल एक रसायन की लत में है - बल्कि एक अस्तित्व के अकेलेपन में है।
हम उसे रोकने के लिए नियम बनाते हैं, लेकिन उसके दिल को नहीं छूते।
क्या हमने कभी सोचा है कि जब एक बच्चा अपने पिता की तरह धूम्रपान करता है, तो वह उससे प्यार कर रहा है?
हम उसकी आदत को नहीं, उसकी भावनाओं को बदलना चाहते हैं।
यह एक दार्शनिक संघर्ष है। न कि एक स्वास्थ्य अभियान।
Sitara Nair
मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं 😊 बच्चों को तंबाकू से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है 💖
मैंने अपने भाई को बचाया था - हमने एक साथ योग करना शुरू किया और अब वो एक डांसर बन गया 🎶
हर बच्चे के लिए एक अच्छा विकल्प चाहिए - खेल, कला, संगीत, यहां तक कि एक अच्छी बातचीत 😊
मैं अपने स्कूल में एक तंबाकू-मुक्त चैलेंज शुरू कर रही हूं - जो भी तीन महीने तक नहीं पीता, उसे एक गिफ्ट दूंगी 🎁
साथ ही, अगर कोई बच्चा धूम्रपान कर रहा है, तो उसे डांटने की बजाय उसके साथ बैठकर बात करें 🤗
हम सब एक दूसरे के लिए एक सुरक्षित जगह बन सकते हैं ❤️
Abhishek Abhishek
लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अगर तंबाकू बैन हो गया तो क्या होगा? जापान में तो अब धूम्रपान बहुत कम है।
क्या हमें जापानी मॉडल अपनाना चाहिए? या फिर हम अपने आप को राष्ट्रीय अपराधी बना रहे हैं?
हमारी संस्कृति में तंबाकू का इस्तेमाल सदियों से है। इसे बंद करना अर्थात अपनी पहचान छोड़ना।
अगर हम तंबाकू को रोकेंगे, तो अगला क्या? बीयर? गार्डन? शायद अब नींद को भी बैन कर देंगे?
Avinash Shukla
मैं इस बात से सहमत हूं कि बच्चों को तंबाकू से बचाना जरूरी है।
लेकिन मैं सोचता हूं कि अगर हम उन्हें खुद की जिम्मेदारी समझाएं, तो वे खुद बदलेंगे।
मैंने अपने भाई को बचाया था - नहीं, मैंने उसे नहीं रोका, बल्कि उसे एक डायरी दी और कहा - 'जो भी तुम्हें दर्द दे रहा है, लिख दे।'
तीन महीने बाद उसने कहा - 'मैं अब नहीं पीता।'
हमें उनके लिए जगह बनानी चाहिए - न कि उन्हें रोकना।
Harsh Bhatt
तुम सब बहुत अच्छे लग रहे हो - लेकिन क्या तुमने कभी एक तंबाकू उत्पादक के घर में जाकर देखा है?
वहां बच्चे अपने पिता की फसल के लिए जिंदगी दे रहे हैं।
तुम बच्चों को बचाना चाहते हो? तो पहले उनके पिताओं को बचाओ।
एक गरीब आदमी के लिए तंबाकू नहीं, तो क्या है? उसकी आजादी? उसका अधिकार?
तुम्हारा यह स्वास्थ्य अभियान सिर्फ एक शहरी शिक्षित वर्ग का अहंकार है।
dinesh singare
मैंने अपने बेटे को धूम्रपान से बचाया - और ये कैसे? मैंने उसे एक सिगरेट दी और कहा - 'खुद देखो, ये कैसे लगता है।'
उसने एक बार लिया - फिर फेंक दिया। कहा - 'पापा, ये तो बहुत बुरा है।'
मैंने उसे डांटा नहीं, न ही बात की। बस दिखाया।
बच्चों को डराने की जरूरत नहीं - बस अनुभव दो।
और हां, अगर तुम खुद धूम्रपान करते हो - तो अपनी बात बंद करो।
Priyanjit Ghosh
ये सब बहुत अच्छा है लेकिन अगर हम अपने बच्चों को खुश नहीं रखेंगे तो ये सब बकवास है 😅
मैंने अपने बेटे को तंबाकू से बचाया - उसे फुटबॉल खेलना सिखाया।
अब वो एक टीम का कप्तान है। और धूम्रपान? नहीं।
बच्चों को जिंदगी दो - न कि डर।
Anuj Tripathi
हम सब बहुत अच्छे लग रहे हैं लेकिन अगर तुम खुद धूम्रपान करते हो तो ये बात करना बेकार है
मैंने अपने बेटे को बचाया - बस इतना कि मैंने अपनी सिगरेट फेंक दी
बच्चे नकल करते हैं - न कि सुनते हैं
बस बदलो खुद
Hiru Samanto
मैंने अपने बेटे को बचाया और अब वो एक टीचर है
हमने घर में तंबाकू-मुक्त जोन बनाया
और हर रविवार को हम सब मिलकर बात करते हैं
सिर्फ बातचीत से ही बदलाव आता है
Divya Anish
तंबाकू उद्योग के खिलाफ लड़ाई एक अमर लड़ाई है - और हम सब इसके अंग हैं।
मैंने अपने स्कूल में एक विज्ञान प्रोजेक्ट शुरू किया - बच्चों ने तंबाकू के नुकसान को डिजिटल रूप में दिखाया।
उन्होंने अपने माता-पिता को वीडियो दिखाया - और उन्होंने धूम्रपान छोड़ दिया।
जागरूकता का असली अर्थ है - बदलाव का एक बीज बोना।
हर छोटा कदम एक बड़ी जीत है।
md najmuddin
मैं एक डॉक्टर हूं - और मैंने देखा है कि कैसे बच्चे अपने पिता की तरह धूम्रपान करने लगते हैं।
लेकिन मैंने एक चीज सीखी - बच्चों को बचाने के लिए हमें उनके पिताओं को भी बचाना होगा।
हम उन्हें डांट नहीं सकते - हमें उनके साथ बैठकर बात करनी होगी।
एक बार एक आदमी ने कहा - 'मैं धूम्रपान छोड़ दूंगा अगर आप मेरे बेटे को एक बाइक दे दें।'
मैंने उसे बाइक नहीं दी - लेकिन मैंने उसके बेटे को खेलने का मौका दिया।
दो साल बाद - वो आदमी धूम्रपान छोड़ चुका था।
बदलाव दिल से आता है।
Ravi Gurung
क्या तंबाकू के बारे में बात करने के लिए हमें हर बच्चे के घर जाना होगा?
मैं नहीं जानता लेकिन मैं सोचता हूं कि बस थोड़ी बातचीत करने से काम चल जाएगा
SANJAY SARKAR
तंबाकू बैन कर दो और अच्छा हो जाएगा
Mersal Suresh
हम बच्चों को बचाने के लिए कानून बनाते हैं, लेकिन क्या हम उनके पिताओं को बचाने के लिए कुछ कर रहे हैं?
एक गरीब आदमी जिसके पास तंबाकू की फसल है - उसके लिए यह जीवन है।
हम उसे बचाना चाहिए - न कि उसे दोष देना।
अगर हम उसके बेटे को बचाना चाहते हैं - तो पहले उसके पिता को बचाओ।