अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दर निर्णय: चार वर्षों में पहली कटौती की उम्मीद, 25 या 50 बेसिस पॉइंट्स पर बहस

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का ब्याज दर निर्णय: चार वर्षों में पहली कटौती की उम्मीद, 25 या 50 बेसिस पॉइंट्स पर बहस
द्वारा swapna hole पर 18.09.2024

अमेरिकी फेडरल रिजर्व का महत्वपूर्ण फैसला

अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपने मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा करने जा रहा है और बाजार में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है कि यह फैसला क्या होगा। कोरोना महामारी के बाद से यह पहला मौका है जब फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करने जा रहा है। मौजूदा विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की हो सकती है, परंतु इसको लेकर बाजार में बहस जारी है कि यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की होगी या 50 बेसिस पॉइंट्स की।

25 बेसिस पॉइंट्स बनाम 50 बेसिस पॉइंट्स

बाजार की उम्मीदें 25 बेसिस पॉइंट्स पर अधिक हैं, हालांकि 50 बेसिस पॉइंट्स की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। कुछ विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि अगर फेडरल रिजर्व ने 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की तो यह आर्थिक स्वास्थ के बारे में नकारात्मक संकेत दे सकता है।

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल का बयान और उनकी आर्थिक नीतियों की दिशा पर सबकी निगाहें टिकी होंगी। जेरोम पावेल ने पहले इंगित किया था कि फेडरल रिजर्व रोजगार बाजार को समर्थन देने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 'सॉफ्ट लैंडिंग' देने के लिए दरें घटाने के लिए तैयार है।

मौजूदा ब्याज दरें और आर्थिक परिदृश्य

वर्तमान में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख ब्याज दरें पिछले दो दशकों की उच्चतम सीमा पर 5.25%-5.50% पर स्थिर हैं। फेड ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच ब्याज दरों को लगभग शून्य से इस मौजूदा सीमा तक बढ़ाने का निर्णय लिया था, ताकि बढ़ती महंगाई पर काबू पाया जा सके।

हालांकि, हाल के आर्थिक आंकड़े मिश्रित संकेत दे रहे हैं, जिससे दर कटौती के परिमाण के बारे में अनिश्चितता और भी बढ़ गई है। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 101 अर्थशास्त्रियों में से केवल 9 का मानना है कि इस सप्ताह 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की संभावना है।

अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव

अर्थशास्त्रियों और बाजार प्रतिभागियों में कुछ का मानना है कि फेडरल रिजर्व अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है और 50-75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है। यह अटकलें उस पत्र के कारण भी उठ सकती हैं जिसे डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिज़ाबेथ वॉरेन, शेल्डन व्हाइटहाउस और जॉन हिकनलूपर द्वारा चेयरमैन पावेल को लिखा गया था। इस पत्र में दरों को आक्रामक तरीके से घटाने का आग्रह किया गया था।

फेडरल रिजर्व का यह निर्णय वैश्विक बाजार भावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा और इसके कारण और तर्क भी महत्वपूर्ण होंगे। भारतीय इक्विटी बाजार भी प्रतिक्रिया करेगा, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने हाल ही में नई सर्वकालिक ऊंचाईयों को छुआ था। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) प्रवाह, भू-राजनीतिक घटनाक्रम और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार भावना को प्रभावित करेंगी।

महत्वपूर्ण यह भी होगा कि फेडरल रिजर्व किस प्रकार की दर कटौती का चुनाव करता है और इससे बाजारों और अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा। यदि कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की होती है, तो यह बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप होगी, जबकि अधिक आक्रामक कटौती दर की स्थिति में उत्तरदायित्व कुछ अलग हो सकता है।