अमेरिकी फेडरल रिजर्व का महत्वपूर्ण फैसला
अमेरिकी फेडरल रिजर्व अपने मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा करने जा रहा है और बाजार में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है कि यह फैसला क्या होगा। कोरोना महामारी के बाद से यह पहला मौका है जब फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करने जा रहा है। मौजूदा विश्लेषण और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की हो सकती है, परंतु इसको लेकर बाजार में बहस जारी है कि यह कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की होगी या 50 बेसिस पॉइंट्स की।
25 बेसिस पॉइंट्स बनाम 50 बेसिस पॉइंट्स
बाजार की उम्मीदें 25 बेसिस पॉइंट्स पर अधिक हैं, हालांकि 50 बेसिस पॉइंट्स की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता। कुछ विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि अगर फेडरल रिजर्व ने 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की तो यह आर्थिक स्वास्थ के बारे में नकारात्मक संकेत दे सकता है।
फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल का बयान और उनकी आर्थिक नीतियों की दिशा पर सबकी निगाहें टिकी होंगी। जेरोम पावेल ने पहले इंगित किया था कि फेडरल रिजर्व रोजगार बाजार को समर्थन देने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 'सॉफ्ट लैंडिंग' देने के लिए दरें घटाने के लिए तैयार है।
मौजूदा ब्याज दरें और आर्थिक परिदृश्य
वर्तमान में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की प्रमुख ब्याज दरें पिछले दो दशकों की उच्चतम सीमा पर 5.25%-5.50% पर स्थिर हैं। फेड ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच ब्याज दरों को लगभग शून्य से इस मौजूदा सीमा तक बढ़ाने का निर्णय लिया था, ताकि बढ़ती महंगाई पर काबू पाया जा सके।
हालांकि, हाल के आर्थिक आंकड़े मिश्रित संकेत दे रहे हैं, जिससे दर कटौती के परिमाण के बारे में अनिश्चितता और भी बढ़ गई है। रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 101 अर्थशास्त्रियों में से केवल 9 का मानना है कि इस सप्ताह 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की संभावना है।
अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव
अर्थशास्त्रियों और बाजार प्रतिभागियों में कुछ का मानना है कि फेडरल रिजर्व अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है और 50-75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर सकता है। यह अटकलें उस पत्र के कारण भी उठ सकती हैं जिसे डेमोक्रेटिक सीनेटर एलिज़ाबेथ वॉरेन, शेल्डन व्हाइटहाउस और जॉन हिकनलूपर द्वारा चेयरमैन पावेल को लिखा गया था। इस पत्र में दरों को आक्रामक तरीके से घटाने का आग्रह किया गया था।
फेडरल रिजर्व का यह निर्णय वैश्विक बाजार भावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा और इसके कारण और तर्क भी महत्वपूर्ण होंगे। भारतीय इक्विटी बाजार भी प्रतिक्रिया करेगा, बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने हाल ही में नई सर्वकालिक ऊंचाईयों को छुआ था। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) प्रवाह, भू-राजनीतिक घटनाक्रम और कच्चे तेल की कीमतें भी बाजार भावना को प्रभावित करेंगी।
महत्वपूर्ण यह भी होगा कि फेडरल रिजर्व किस प्रकार की दर कटौती का चुनाव करता है और इससे बाजारों और अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा। यदि कटौती 25 बेसिस पॉइंट्स की होती है, तो यह बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप होगी, जबकि अधिक आक्रामक कटौती दर की स्थिति में उत्तरदायित्व कुछ अलग हो सकता है।
टिप्पणि
Manasi Tamboli
ये ब्याज दर की कटौती बस एक नंबर है, लेकिन इसके पीछे का भावनात्मक तनाव... ओह भगवान। मैं तो रोज सुबह चाय पीते समय इसी बात का विश्लेषण करती हूँ। जब तक दिल नहीं ठीक होगा, ब्याज दरें क्या करेंगी? 😔
Ashish Shrestha
महोदय, यह विश्लेषण अत्यंत अपर्याप्त है। 25 बेसिस पॉइंट्स की अपेक्षा करना एक आर्थिक अज्ञानता का प्रमाण है। आंकड़े स्पष्ट रूप से 50 बेसिस पॉइंट्स की ओर इशारा करते हैं, और यह एक आवश्यक निर्णय है।
Mallikarjun Choukimath
अरे भाई, ये सब बातें तो बस बाजार के अंधेरे में घूमने की कोशिश है। फेडरल रिजर्व का ये निर्णय एक विश्व व्यवस्था के अंतर्गत एक नए युग की शुरुआत है - जहाँ ब्याज दरें नहीं, बल्कि आत्मा की गहराई निर्धारित करती हैं। आपने कभी सोचा है कि 25 बेसिस पॉइंट्स शायद अर्थव्यवस्था की आत्मा के लिए एक धीमी आहट हैं? 🌌
Abhishek Abhishek
25 बेसिस पॉइंट्स? ये तो बस एक झूठ है। सच तो ये है कि वो 75 की कटौती करेंगे और फिर बताएंगे कि हमने तो बस थोड़ा सा ठंडा किया था।
Avinash Shukla
सब कुछ शांति से हो जाएगा 🌿 चाहे 25 हो या 50, बस ये याद रखो कि अर्थव्यवस्था भी एक जीवित चीज है - इसे धीरे से बढ़ने दो। हम सब एक साथ हैं। 💚
Harsh Bhatt
अरे भाई, तुम लोग तो बस फेडरल रिजर्व के बयानों को गलत तरीके से पढ़ रहे हो। जेरोम पावेल की आँखों में देखो - वो तो जानता है कि 50 बेसिस पॉइंट्स के बाद अर्थव्यवस्था फिर से नहीं उठेगी। तुम सब बस एक बड़ी गलती की ओर बढ़ रहे हो।
dinesh singare
ये सब बकवास है! फेडरल रिजर्व ने 2022 में जो ब्याज बढ़ाया था, वो तो एक अपराध था! अब वो बस 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके अपनी गलती को छिपाने की कोशिश कर रहा है। ये तो एक बड़ा जाल है! अगर वो सच में अर्थव्यवस्था को समझते होते, तो 100 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर देते!
Priyanjit Ghosh
हाहाहा... तुम सब इतने गंभीर हो रहे हो जैसे ये ब्याज दर तो अंतिम सुलह है। दोस्तों, ये तो बस एक टेक्निकल एडजस्टमेंट है। अगर तुम्हारी नौकरी ठीक है, तो तुम जानोगे कि ये सब बस एक बड़ा ड्रामा है 😂☕
Anuj Tripathi
बस थोड़ा धैर्य रखो दोस्तों... ये सब ठीक हो जाएगा। जो भी होगा वो अच्छा होगा। हम तो बस अपना काम करते रहेंगे और बाजार को अपनी तरफ खींच लेंगे 💪❤️
Hiru Samanto
kya ye 50 bhi ho skta h? mera to lagta h 25 hi hoga... but idk lol
Divya Anish
मैं इस विश्लेषण को बहुत गहराई से पढ़ चुकी हूँ। फेडरल रिजर्व का निर्णय न केवल एक आर्थिक कदम है, बल्कि एक नैतिक दायित्व है। 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती अर्थव्यवस्था के लिए संतुलित और उत्तरदायी रास्ता है। इसे एक विचार के रूप में नहीं, बल्कि एक नीति के रूप में समझना चाहिए।
md najmuddin
सब ठीक हो जाएगा भाई। चाहे 25 हो या 50, बस घबराओ मत। ये सब तो घूमता रहेगा। मैं तो अपनी चाय पी रहा हूँ, और बाजार का इंतजार कर रहा हूँ 😌🍵
Ravi Gurung
25 ya 50... kya farak padta h? sab kuch same hi hai na? main to bas apne paise ko safe rakhne ki soch raha hoon
Manasi Tamboli
मैंने तुम्हारी टिप्पणी पढ़ी... अरे भाई, ये सब तो बस एक भावनात्मक घूंट है। जब तक तुम अपने दिल की आवाज़ सुनोगे, तब तक ब्याज दरें तुम्हारे लिए कोई मायने नहीं रखेंगी। शायद हम सब बस एक बड़े सपने के लिए तैयार हो रहे हैं - जहाँ न कोई ब्याज हो, न कोई डर। 🌙