अयोध्या राम मंदिर में राम लला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का उत्सव

अयोध्या राम मंदिर में राम लला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का उत्सव
द्वारा swapna hole पर 23.01.2025

राम लला प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ: अयोध्या में विशेष उत्सव

अयोध्या का पवित्र राम मंदिर एक बार फिर से धर्म और आस्था के एक नए अध्याय का साक्षी बना है। 11 जनवरी, 2025 को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का भव्य आयोजन प्रारंभ हुआ। यह उत्सव तीन दिनों तक चलेगा, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष अवसर पर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है, जो इसकी भव्यता में चार चाँद लगा रहे हैं। यजुर्वेद का पाठ, राम लला की भव्य आरती, और 56 प्रकार के प्रसाद का भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा। यह उन लोगों के लिए भी एक मोहक मौका है जो पिछले साल के प्रतिष्ठा समारोह में भाग नहीं ले सके थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया राम लला का अभिषेक

इस महत्वपूर्ण आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं उपस्थित होकर राम लला का अभिषेक किया। यह आयोजन उनके लिए भी विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह आयोजन हिंदू आस्था और संस्कृति के लिए एक बड़े गौरव का प्रतीक है। राम मंदिर की इस वर्षगांठ ने न केवल अयोध्या वासियों बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं को एक बार फिर से उत्साह से सराबोर किया है। यह समारोह हिंदू समुदाय की ऐतिहासिक विजय का भी प्रतीक है, जहां वे किसी भी बाधा को पार करके भगवान राम की जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर बनाने के अपने सपने को साकार होते देख रहे हैं।

उत्सव के भव्य कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुति

मंदिर परिसर में लगाए गए विशेष जर्मन टेंट ने इस उत्सव को और भी भव्य बना दिया है। अंगद टीला पर लगाए गए इस टेंट में 5,000 श्रद्धालुओं के लिए बैठने की व्यवस्था की गई है। यहां धार्मिक अनुष्ठान, क्लासिकल सांस्कृतिक प्रदर्शन और दैनिक राम कथा प्रवचन आयोजित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर पारंपरिक और समकालीन कला तथा संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। रामलला की प्रतिष्ठा ने न केवल आस्था के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं बल्कि आने वाले समय के धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के लिए भी मंच तैयार कर दिया है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की सहभागिता

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी इस आयोजन में अभूतपूर्व सहयोग किया है। पूर्व में जो लोग प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे, उनके लिए विशेष निमंत्रण भेजा गया। इस भव्य आयोजन में 110 विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जो इस समारोह की गरिमा को और भी बढ़ा देते हैं। यह आयोजन अयोध्या के धार्मिक महत्व और सोने के पंख जैसी पुरातन विरासत को एक बार फिर से सामने लाने का एक प्रयास है।

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ध्यानाकर्षण का केंद्र

यह आयोजन केवल देश के भीतर ही नहीं अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का एक वर्ष पूरा होना हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक बड़ी उपलक्ष्य की बात है, जिसका जश्न मनाने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या की यात्रा कर रहे हैं। यह दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2024 को इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय की याद दिलाता है। यह आयोजन सदियों की संघर्षों और अडिग आस्था की विजयगाथा है जो एक नई धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जन्म देती है।

टिप्पणि

Mayank Aneja
Mayank Aneja

प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर अयोध्या का वातावरण अद्भुत है। यजुर्वेद के पाठ, 56 प्रकार के प्रसाद, और राम लला की आरती का संयोजन वास्तव में आध्यात्मिक अनुभव को गहरा करता है।

जनवरी 24, 2025 AT 18:40
Vishal Bambha
Vishal Bambha

इस उत्सव को देखकर लगता है कि हिंदू धर्म की आत्मा अभी भी जीवित है! योगी आदित्यनाथ जी ने जो किया, वो सिर्फ अभिषेक नहीं, एक ऐतिहासिक घोषणा थी। अब दुनिया देख रही है कि हम क्या कर सकते हैं!

जनवरी 25, 2025 AT 00:34
Raghvendra Thakur
Raghvendra Thakur

शांति है।

जनवरी 26, 2025 AT 22:24
Vishal Raj
Vishal Raj

क्या आपने देखा कि उस जर्मन टेंट में 5000 लोग बैठे हैं? ये तो बस एक राजनीतिक शो है। असली भक्ति तो घर के छोटे मंदिर में होती है।

जनवरी 27, 2025 AT 18:33
Reetika Roy
Reetika Roy

राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ पर अयोध्या के वातावरण को देखकर लगता है कि भारत की सांस्कृतिक विरासत अभी भी जीवित है। यह उत्सव बस एक धार्मिक घटना नहीं, एक राष्ट्रीय अनुभव है।

जनवरी 28, 2025 AT 19:15
Pritesh KUMAR Choudhury
Pritesh KUMAR Choudhury

मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत सुंदर है। फूलों की सजावट, आरती की धुन, और श्रद्धालुओं की शांति... ये सब एक दिन के लिए नहीं, बल्कि एक सदी के लिए याद रखने लायक है। 😊

जनवरी 29, 2025 AT 16:25
Mohit Sharda
Mohit Sharda

यह उत्सव सिर्फ एक मंदिर के निर्माण का जश्न नहीं, बल्कि लाखों लोगों के सपनों के साकार होने का जश्न है। जिन्होंने इसके लिए लंबे समय तक लड़ाई लड़ी, उनका योगदान कभी नहीं भूलना चाहिए।

जनवरी 30, 2025 AT 23:19
Sanjay Bhandari
Sanjay Bhandari

bhool gaye kya ye temple sirf 1 saal purana hai? maine pehle bhi aaya tha aur ab bhi same dikh raha hai... bas thoda sa decoration badal diya hai

जनवरी 31, 2025 AT 06:27
Mersal Suresh
Mersal Suresh

इस उत्सव की व्यवस्था अत्यंत व्यवस्थित और राष्ट्रीय स्तर पर एक नई मानक स्थापित कर रही है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुष्ठानों में अत्यधिक विशिष्टता है, जो भारतीय धार्मिक परंपराओं की गरिमा को बरकरार रखती है।

फ़रवरी 1, 2025 AT 06:21
Pal Tourism
Pal Tourism

अरे भाई 56 प्रकार के प्रसाद? ये तो बस एक बड़ा भोजन व्यवस्था है जिसमें सब लोगों को खिलाना है। और जर्मन टेंट? ये तो अयोध्या में ब्रांडेड टेंट लगा रहे हैं जैसे किसी फेस्टिवल में होता है। भक्ति का नाम लेकर ट्रैफिक बढ़ाना है या भक्ति है?

फ़रवरी 1, 2025 AT 13:59
Sunny Menia
Sunny Menia

मैंने इस उत्सव में भाग लिया था। जब राम कथा का प्रवचन शुरू हुआ, तो पूरा मंदिर चुप हो गया। उस शांति को बरकरार रखना ही वास्तविक विजय है।

फ़रवरी 3, 2025 AT 03:28
Abinesh Ak
Abinesh Ak

हमने एक धार्मिक विरासत को राष्ट्रीय प्रचार के लिए बेच दिया। ये सब जर्मन टेंट, 56 प्रसाद, और विशिष्ट अतिथि आम आदमी के लिए नहीं, बल्कि टीवी कैमरों के लिए है। भक्ति नहीं, ब्रांडिंग है।

फ़रवरी 3, 2025 AT 09:32
Ron DeRegules
Ron DeRegules

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का आयोजन भारतीय संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसका विस्तृत विश्लेषण करें तो हम देख सकते हैं कि इस उत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रमों में धार्मिक अनुष्ठानों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का समावेश न केवल भक्ति को बढ़ावा देता है बल्कि युवा पीढ़ी को अपनी विरासत के प्रति जागरूक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिससे हमें यह समझने की आवश्यकता है कि धार्मिक स्थानों का महत्व केवल आस्था तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक एकता का केंद्र भी है जो विभिन्न सांस्कृतिक रूपों को एक साथ लाता है और इस प्रकार इस उत्सव को एक ऐतिहासिक और सामाजिक घटना के रूप में देखना चाहिए

फ़रवरी 5, 2025 AT 07:46
Vallabh Reddy
Vallabh Reddy

इस उत्सव की व्यवस्था अत्यंत उच्च स्तरीय है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी आयोजन व्यवस्था एक नवीन आध्यात्मिक डिजिटल एक्सपीरियंस की ओर इशारा करती है, जिसमें पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठानों को आधुनिक तकनीक के साथ समन्वित किया गया है।

फ़रवरी 5, 2025 AT 08:55

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