कैनेडा की राजनीति में अनिता आनंद का उदय: भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव

कैनेडा की राजनीति में अनिता आनंद का उदय: भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव
द्वारा नेहा शर्मा पर 8.01.2025

अनिता आनंद का कैनेडियन राजनीति में उदय

जस्टिन ट्रूडो की हालिया इस्तीफे की घोषणा के बाद, कैनेडियन राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। भारतीय मूल की अनुभवी नेता अनिता आनंद को उनके स्थान पर प्रधान मंत्री बनने की दिशा में देखा जा रहा है। अनिता का जन्म तमिल पिता और पंजाबी माता के घर हुआ था। उन्होंने क्वीन यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, डलहौसी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो से शिक्षा प्राप्त की है। अनिता की यह विविध शिक्षा पृष्ठभूमि और राजनीति में उनका समृद्ध अनुभव उन्हें एक प्रभावशाली नेता बनाता है।

नेतृत्व के विभिन्न चरण

अनिता ने 2019 में राजनीति में प्रवेश किया और जल्द ही विभिन्न प्रमुख पदों को संभाला। वे सार्वजनिक सेवाओं की मंत्री, राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने जरूरी चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित की और सेना सुधारों को लागू किया। उनके नेतृत्व में, सरकार ने COVID-19 जैसे कठिन समय में साहसी निर्णय लिए।

लिंग संवेदनशीलता और समायोजन

अनिता आनंद की पहचान उनके लिंग समानता, समावेशिता और LGBTQIA+ अधिकारों के प्रति उनके समर्पण के लिए की जाती है। प्रधानमंत्री के रूप में उनका चयन ऐतिहासिक होगा, क्योंकि वे इस पद को हासिल करने वाली पहली भारतीय मूल की महिला बनेंगी। उनकी ऐसी पहचान ने कैनेडियन समाज में विविधता और समावेशिता को समृद्ध करने का काम किया है।

राजनीतिक दौड़ और चुनौतियां

लिबरल पार्टी ने संसद को मार्च तक रोकने का निर्णय लिया है ताकि नेतृत्व दौड़ के लिए समय मिल सके। अनिता आनंद के अलावा, Chrystia Freeland, François-Philippe Champagne, Dominic LeBlanc और Mark Carney भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं। अगले वसंत के चुनाव में पार्टी की रणनीति का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

भारत-कनाडा संबंधों पर प्रभाव

पूर्व भारतीय उच्चायुक्त विकास स्वरूप के अनुसार, ट्रूडो के नेतृत्व में भारत-कनाडा संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, विशेष रूप से खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर टकराव बढ़ा। स्वरूप ने कहा कि नए नेता के चयन से दोनों देशों के बीच संबंधों में बदलाव आ सकता है। हालांकि, लिबरल पार्टी के सत्ता में बने रहने की स्थिति में भारत-कनाडा संबंधों की मूलभूत नीव में विशेष बदलाव की संभावना कम ही है।

विशेष आंकड़े एवं विचार

कैनेडा की जनसंख्या में भारतीय मूल के लोगों का प्रतिशत बढ़ रहा है, जो नए नेता के चयन में प्रभावी हो सकता है।

साल कैनेडियन जनसंख्या भारतीय मूल के लोग
2016 35 मिलियन 1.2 मिलियन
2021 38 मिलियन 1.7 मिलियन

हालांकि, अनिता आनंद की प्रधानमंत्री के रूप में संभावना कहानी का बस एक हिस्सा भर है। समस्या यह है कि सत्ता, नेतृत्व और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के किस स्तर पर वास्तविक बदलाव होंगे। अनिता की भारतीय जड़ों के कारण रिश्तों में आसानी आने की संभावना दिखाई देती है, लेकिन उनके नेतृत्व में आने वाले वास्तविक दांव और परिवर्तनों का माप कठिन रहेगा।

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