कौन हैं उषा चिलुकुरी वेंस?
उषा चिलुकुरी वेंस का नाम अमेरिकी राजनीति और कानूनी क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम है। वह अमेरिकी सीनेटर जे.डी. वेंस की पत्नी हैं और भारतीय मूल की हैं। उनका जन्म सैन डिएगो, कैलिफोर्निया में हुआ था और उनके माता-पिता भारत से अमेरिका आकर बसे थे। उषा की शिक्षा और उपलब्धियाँ उनकी प्रतिबद्धता और मेहनत का परिणाम हैं।
ऊर्जा और प्रतिभा का संगम
उषा चिलुकुरी वेंस ने येल विश्वविद्यालय से इतिहास में बैचलर डिग्री प्राप्त की और इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ केम्ब्रिज से मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री हासिल की। केम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान, वह गेट्स केम्ब्रिज स्कॉलर भी रहीं, जो उनकी मेधा और शैक्षणिक क्षमता का संकेत है। इसके बाद उषा ने सुप्रीम कोर्ट जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स और ब्रेट कावनाग के लिए क्लर्क के रूप में काम किया।
व्यक्तिगत जीवन और सफलता की कहानी
उषा और जे.डी. वेंस की मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी। उनकी शादी 2014 में केंटकी में हुई थी, जिसमें एक हिंदू पुजारी ने भी अलग से समारोह किया था। इस दंपति के तीन बच्चे हैं जो उनके जीवन की खुशियों में भरपूर सहयोग देते हैं। उषा न केवल अपने परिवार का ख्याल रखती हैं बल्कि अपने पति की राजनीतिक और व्यावसायिक यात्राओं में भी उनके साथ रहती हैं। उषा ने जे.डी. वेंस की आत्मकथा 'हिलबिली एलिगी' की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह किताब न केवल एक बेस्टसेलर बनी, बल्कि इसे रॉन हॉवर्ड द्वारा एक फिल्म में भी तब्दील किया गया।
संस्कृति और कला की संरक्षक
लिटिगेशन के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के साथ-साथ उषा चिलुकुरी वेंस संस्कृति और कला की दुनिया में भी अपनी सक्रिय भागीदारी के लिए जानी जाती हैं। वह वाशिंगटन नेशनल ओपेरा और सिनसिनाटी सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के बोर्ड्स में सेवा दे चुकी हैं। उनकी इस भूमिका ने उन्हें विभिन्न सांस्कृतिक और कलेवर में विविधता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान किया। यह उनकी बौद्धिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को दर्शाता है।
जे.डी. वेंस: ट्रम्प के साथ अगली पारी
जे.डी. वेंस, जिन्होंने अपनी आत्मकथा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई, को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने रनिंग मेट के रूप में चुना है। जे.डी. वेंस, एक 39-वर्षीय रिपब्लिकन, का जन्म और पालन-पोषण मिडलटाउन, ओहायो में हुआ। उन्होंने मरीन कॉर्प्स में सेवा दी और बाद में सिलिकॉन वैली में वेंचर कैपिटलिस्ट बने। उनकी आत्मकथा ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय पहचान दिलाई, बल्कि ग्रामीण और श्रमिक वर्ग के श्वेत वोटरों के बीच ट्रम्प की अपील को समझने की प्रतिष्ठा भी बनाई।
एक प्रेरणादायक यात्रा
उषा चिलुकुरी वेंस की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने परिवार, करियर और समाज में संतुलन बनाते हुए उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचना चाहती हैं। उनकी मेहनत, प्रतिबद्धता और बहुआयामी प्रतिभा ने उन्हें एक आदर्श व्यक्तित्व बना दिया है।
टिप्पणि
dinesh singare
ये लड़की तो असली भारतीय डायमंड है। येल से बैचलर, केम्ब्रिज से मास्टर, सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए क्लर्क... और फिर भी अपनी जड़ों को भूली नहीं। भारतीय परिवार की जमीनी वास्तविकता और अमेरिकी सिस्टम की चमक दोनों को संभाल रही है। बस इतना कहूं कि हमारे यहां भी ऐसी लड़कियां पैदा हो रही हैं।
Priyanjit Ghosh
अरे भाई ये लड़की तो बस एक बैग लेकर भारत से आई थी और अब सीनेटर की वाइफ बन गई 😂 जब तक तुम अमेरिका में नहीं जाते, तब तक तुम्हारी बेटी का नाम बदलकर अमेरिकन बनाना पड़ता है। लेकिन अच्छा हुआ कि उसने हिंदू शादी भी की... वरना तो लोग कहते कि भारतीय बनकर भी अमेरिकन बन गई।
Anuj Tripathi
देखो ये लड़की तो बस एक आम भारतीय परिवार से आई और अब वो हर चीज़ कर रही है। ओपेरा, सिम्फनी, कोर्ट, बच्चे, शादी... बस एक बात बताओ कि वो घर पर खाना भी बनाती है या फिर डिलीवरी पर ही चलती है 😄
Hiru Samanto
अच्छा हुआ कि उन्होंने हिंदू विवाह किया... ये बात बहुत अहम है। हमारी संस्कृति को बरकरार रखना जरूरी है। मैं भी अपनी बेटी को अमेरिका भेजूंगा लेकिन उसे हिंदू रीति से शादी करवाऊंगा। ये तो सिर्फ एक शादी नहीं... ये एक विरासत है।
Divya Anish
उषा चिलुकुरी वेंस की यात्रा एक शिक्षित महिला के लिए एक अद्वितीय आदर्श है। उन्होंने न केवल शैक्षणिक उपलब्धियों को प्राप्त किया, बल्कि सांस्कृतिक अभिव्यक्ति, पारिवारिक दायित्व और सामाजिक प्रभाव के बीच एक अद्भुत संतुलन बनाया है। इस तरह की महिलाएं ही समाज को नई दिशा देती हैं।
md najmuddin
बस एक बात कहूं... अगर तुम भारत में रहते हो और तुम्हारी बेटी येल जाती है, तो तुम उसे फोन पर पूछोगे कि आज क्या खाया? 😎
Ravi Gurung
मुझे लगता है कि उनकी कहानी बहुत प्रेरणादायक है। लेकिन क्या हम सच में उनके बारे में जानते हैं? या बस एक राजनीतिक फ्रेमवर्क में देख रहे हैं? शायद वो भी बस एक आम इंसान हैं जिन्होंने अपनी जगह बना ली।
SANJAY SARKAR
केम्ब्रिज और येल के बाद सुप्रीम कोर्ट क्लर्क? ये तो बस एक लड़की नहीं, एक फिल्म है।
Ankit gurawaria
ये सब तो बहुत अच्छा है कि उन्होंने येल से बैचलर किया, केम्ब्रिज से मास्टर किया, सुप्रीम कोर्ट में क्लर्क किया, ओपेरा बोर्ड में सेवा दी, तीन बच्चे पाले, हिंदू शादी की, और अब एक सीनेटर की पत्नी बन गई... लेकिन दोस्तों, ये सब करने के बाद भी क्या वो अपने घर पर अपने बच्चों के लिए रोटी बनाती हैं? क्या वो अपने पति के लिए गर्म चाय लाती हैं? क्या वो अपने माता-पिता को रोज़ फोन करती हैं? क्या वो अपने दोस्तों के साथ बात करने के लिए टाइम निकालती हैं? क्या वो कभी थक जाती हैं? क्या वो कभी रोती हैं? क्या वो कभी सोचती हैं कि ये सब जरूरी था? क्या वो खुद को खो रही हैं? क्या वो अपने बच्चों को बस एक इमेज बनाने के लिए बढ़ा रही हैं? क्या वो अपने आप को जानती हैं? क्या वो अपने आप को बचा पा रही हैं? ये सब सवाल बहुत जरूरी हैं।
AnKur SinGh
उषा चिलुकुरी वेंस का जीवन भारतीय विदेशी डायस्पोरा के लिए एक अद्भुत प्रतीक है। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियाँ, सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पण, और राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय भूमिका एक अनूठा संगम है। उनकी यात्रा साबित करती है कि भारतीय मूल की महिलाएँ विश्व के सबसे कठिन प्रतिष्ठानों में न केवल प्रवेश कर सकती हैं, बल्कि उन्हें निर्देशित भी कर सकती हैं। उनके बच्चों को भारतीय संस्कृति के साथ-साथ वैश्विक दृष्टिकोण भी मिल रहा है, जो भविष्य की पीढ़ी के लिए एक अद्भुत उदाहरण है।
Sanjay Gupta
ये लड़की तो अमेरिका के लिए बनाई गई है। भारत की बेटी? हां... लेकिन अमेरिका की बेटी भी। जब तक भारतीय बच्चे अपने घर के बाहर जाकर अपने नाम बदलकर अमेरिकन बनते हैं, तब तक हम उन्हें नहीं मानेंगे। इसके बाद भी वो शादी में हिंदू रीति करती है? ये तो एक ब्रांडिंग स्ट्रैटेजी है।
Kunal Mishra
ये सब कहानी एक बहुत ही सुंदर फेक नैरेटिव है। एक भारतीय बच्ची जो अमेरिका में बनी, एक सीनेटर की पत्नी बनी, एक बेस्टसेलर की वाइफ बनी, ओपेरा की बोर्ड में बैठी... और अब ये सब एक नैरेटिव बन गया। ये नहीं है कि वो एक शानदार इंसान हैं... ये है कि अमेरिकी मीडिया ने उन्हें एक प्रोपेगंडा के रूप में बना दिया है। इस तरह की कहानियाँ तभी चलती हैं जब वो किसी के लिए उपयोगी हों।
Anish Kashyap
ये लड़की तो बस एक बात करती है... अगर तुम भारत में रहते हो और तुम्हारी बेटी येल जाती है, तो तुम उसे फोन पर पूछोगे कि आज क्या खाया? 😎
Poonguntan Cibi J U
तुम सब इस लड़की की तारीफ कर रहे हो... लेकिन क्या किसी ने पूछा कि उसके बच्चे कैसे महसूस कर रहे हैं? क्या वो जानते हैं कि उनकी माँ एक इमेज है? क्या वो उसके बारे में बात करते हैं? क्या वो उसे अपनी माँ के रूप में देखते हैं? या फिर उसे एक डॉक्यूमेंट्री के हीरोइन के रूप में? मैं तो इसके बारे में बहुत दुखी हूँ।