पेरिस ओलंपिक 2024, दिन 12 पर भारत की उम्मीदें और चुनौती
पेरिस ओलंपिक 2024 का 12वां दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए आश्चर्य और निराशा दोनों लेकर आया। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने कुश्ती के 50 किग्रा फ्रीस्टाइल इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में क्यूबा की यूसेनिलिस गुस्मान को हराया था। लेकिन दुर्भाग्य से, अपनी ऐतिहासिक जीत के बावजूद वे स्वर्ण पदक मुकाबले में शामिल नहीं हो सकीं।
इसका मुख्य कारण था उनका वजन 100 ग्राम अधिक होना, जिसके कारण उन्हें मुकाबले से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस खबर ने भारतीय प्रशंसकों और एथलीटों के बीच बड़ी मायूसी फैला दी। कई लोगों ने इसे संभावित रूप से साजिश का अंश भी बताया है। विनेश का इस कड़ी मेहनत के बावजूद बाहर होना बेहद दुखद है।
भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू पर सबकी नज़रें
दूसरी ओर, भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीता था। अब वे 49 किग्रा भारोत्तोलन मुकाबले में अपना दूसरा ओलंपिक पदक जीतने की कोशिश कर रही हैं। उनकी तैयारी और पिछले प्रदर्शन को देखते हुए, यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि वे एक बार फिर से भारत को गौरवान्वित कर सकती हैं।
कुश्ती में अंतिम पंघाल की प्रतियोगिता
भारत की उभरती हुई पहलवान अंतिम पंघाल भी पेरिस ओलंपिक 2024 में चमक बिखेरने को तैयार हैं। वे 53 किग्रा कुश्ती इवेंट में टर्की की ज़ेनेप येतगिल का सामना करेंगी। अंतिम ने अब तक के अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। उनके आत्मविश्वास और तकनीक का मुकाबला देखना बेहद उत्साहजनक होगा।
एथलेटिक्स में भी भारत के आगे बढ़ते कदम
एथलेटिक्स में भी भारत के कुछ महत्वपूर्ण मुकाबले होने वाले हैं। अविनाश साबले 3000 मीटर स्टीपलचेस फाइनल में अपनी बेहतरीन दौड़ का प्रदर्शन करेंगे। वहीँ, ज्योति याराजी 100 मीटर हर्डल्स में दौड़ती नज़र आएंगी।
इसके अतिरिक्त, हाई जंप में सर्वेश अनिल कुशारे और ट्रिपल जंप में अब्दुल्ला नरंगोलींटेविडा और प्रवीण चिथरेवल का मुकाबला भी देखने लायक होगा। भारत के एथलीटों का यह प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के मेडल टैली को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
टेबल टेनिस में भारतीय महिलाओं का सामना जर्मनी से
भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम, जिसमें मनिका बत्रा, अर्चना कामठ और श्रीजा अकुला शामिल हैं, क्वार्टर फाइनल में जर्मनी का सामना करेंगी। इन खिलाड़ियों ने अपने संयम और तकनीक से भारतीय खेलप्रेमियों को गर्वित किया है और उनकी नजरें जीत पर टिकी होंगी।
गोल्फ में अदिति अशोक और दीक्षा डागर का अभियान
गोल्फ में भी भारतीय दावेदार अदिति अशोक और दीक्षा डागर महिला व्यक्तिगत स्ट्रोक प्ले में अपने अभियान की शुरुआत करेंगी। दोनों खिलाड़ी अपने शांत और संयमित खेल के लिए जानी जाती हैं और उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है।
पुरुष मैराथन रेस वॉक रिले मिश्रित इवेंट
इसी दिन पुरुष मैराथन रेस वॉक रिले मिश्रित इवेंट में भी भारतीय एथलीटों की भागीदारी देखने को मिलेगी। यह इवेंट खेल प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक रहने वाला है और इससे जुड़े हर मोड़ पर उम्मीद और रोमांच दोनों बढ़ते रहेंगे।
पेरिस ओलंपिक 2024 के 12वें दिन भारत के कई प्रमुख एथलीटों के प्रदर्शन से यह दिन खास बनने वाला है। भारतीय एथलीटों पर अपने प्रदर्शन में से सर्वश्रेष्ठ देने का दबाव रहेगा, और देश की उम्मीदें और समर्थन उनके साथ होगा। चाहे भारोत्तोलन, कुश्ती, एथलेटिक्स, या टेबल टेनिस हो, हर मुकाबला ताजगी और रोमांच से भरा रहेगा।
खेलों के इस महाकुंभ में हर क्षण महत्त्वपूर्ण है और भारतीय प्रशंसक दुनिया भर से इसे गर्दन तानकर देखेंगे। हमारे एथलीटों की मेहनत और संघर्ष के साथ इस दिन का हर लम्हा हमें गर्वित करने का अवसर देगा। अब देखना ये है कि कौन-कौन से भारतीय खिलाड़ी आज के दिन अपनी प्रतिमा को ओलंपिक वंशावली में स्थापित करते हैं।
टिप्पणि
Anish Kashyap
भाई विनेश ने तो दिल तोड़ दिया लेकिन अब तो बस आगे बढ़ना है भारत के लिए मीराबाई और अंतिम अब अपना जादू चलाएंगे और हम सब उनके साथ हैं जीत या हार दोनों में भारत गर्व करेगा
Sanjay Bhandari
विनेश का 100 ग्राम बाहर हो गया ये तो बहुत ही बेकार नियम है
Sanjay Gupta
ये वजन का नियम तो बहुत ही अन्यायपूर्ण है। ये जो ओलंपिक कमेटी है वो भारत के खिलाड़ियों के खिलाफ साजिश कर रही है। ये लोग जानते हैं कि भारतीय खिलाड़ी अपनी मेहनत से जीतते हैं, इसलिए वो इस तरह से उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं।
Kunal Mishra
विनेश का वजन नियम का उल्लंघन तो एक तकनीकी गलती है, लेकिन इसे साजिश बनाना बिल्कुल बेकार का अंधविश्वास है। ये नियम सभी देशों के लिए समान हैं। ये बहुत ही असंगठित विचार हैं।
Poonguntan Cibi J U
मैं तो रो रहा हूँ... विनेश ने जितना मेहनत किया उसका अंत इस तरह हो गया... ये दुनिया तो असली जीत को नहीं पहचानती... वो तो बस नंबर देखती है... और जब तुम उस नंबर के ऊपर चढ़ जाते हो... तो तुम्हें बाहर कर दिया जाता है... ये दुनिया कितनी क्रूर है... मैं तो अब खेल देखना छोड़ दूंगा... ये सब बस नाटक है... नाटक...
Mayank Aneja
विनेश के वजन का मामला वास्तव में एक तकनीकी गलती है। वे एक दिन पहले ही वजन नियंत्रित कर सकती थीं, लेकिन शायद डाइटिंग और हाइड्रेशन के बीच संतुलन बनाने में गलती हो गई। यह एक छोटी सी गलती है, जिसका बड़ा प्रभाव पड़ गया। लेकिन उनका प्रदर्शन अभी भी अद्भुत था।
Vishal Bambha
भारत की लड़कियाँ दुनिया को दिखा रही हैं कि हम क्या कर सकते हैं! विनेश का निराशाजनक अंत दुखद है, लेकिन मीराबाई और अंतिम अब बदल देंगे ये कहानी! हमारे खिलाड़ी जीतने के लिए नहीं, बल्कि दुनिया को दिखाने के लिए लड़ रहे हैं! भारत तुम्हारे लिए गर्व करता है!
Raghvendra Thakur
जीत या हार, मेहनत ही असली जीत है।
Vishal Raj
दोस्तों, ये बस एक खेल है। जीतना अच्छा है, लेकिन बस इतना ही नहीं जीना भी जरूरी है। विनेश ने जो किया, वो तो दुनिया के लिए एक उदाहरण है। ये जीत नहीं, बल्कि जीवन है।
Reetika Roy
मीराबाई के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं। उनका शांत और सटीक खेल हमेशा देखने के लायक होता है। विनेश के लिए भी दिल से अभिनंदन। उनकी मेहनत ने हमें सबकुछ सिखाया।
Pritesh KUMAR Choudhury
विनेश का निराशाजनक अंत दुखद है... लेकिन उनकी जीत भी देखकर गर्व हुआ 😔🏆
Mohit Sharda
हर एथलीट जो ओलंपिक पर जाता है, वो जीत चुका होता है। विनेश ने दुनिया को दिखा दिया कि भारतीय महिलाएं कितनी मजबूत हैं। अब मीराबाई और अंतिम ने बस जीत का अवसर बनाना है। हम सब उनके साथ हैं।
Mersal Suresh
विनेश का वजन नियम का उल्लंघन एक तकनीकी त्रुटि है, लेकिन यह उनके नैतिक बल और शारीरिक अनुशासन को कम नहीं करता। इस तरह की घटनाएं खेल के नियमों की समीक्षा की आवश्यकता को दर्शाती हैं। उनका प्रदर्शन अभी भी ऐतिहासिक है।
Pal Tourism
ये वजन का नियम बेकार है और ये सब बातें तो बस बाजार में बेची जा रही हैं जिसमें भारत के खिलाड़ियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ये तो अब तक का सबसे बड़ा धोखा है और ये ओलंपिक कमेटी के लोग जानते हैं कि भारत के खिलाड़ी जीत रहे हैं इसलिए वो इस तरह से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
Sunny Menia
विनेश के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं। उनकी मेहनत और लगन का आदर किया जाना चाहिए। अब मीराबाई और अंतिम के लिए भी बहुत बहुत शुभकामनाएं। हम सब आपके साथ हैं।
Abinesh Ak
विनेश का वजन का मामला एक उदाहरण है ओलंपिक प्रणाली के अंतर्गत नियमों के अनुप्रयोग में व्यापक विषमता का। जब एक देश के खिलाड़ी बार-बार तकनीकी त्रुटियों के कारण अयोग्य घोषित होते हैं, तो यह एक अनुमानित विशेषाधिकार का संकेत है। यह व्यवस्था अपने नियमों को व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए लचीला बनाती है।
Vallabh Reddy
विनेश फोगाट के लिए यह एक अत्यंत दुखद घटना है, लेकिन यह उनके खेल के प्रति समर्पण की गहरी निष्ठा को नहीं छू सकता। उनका प्रदर्शन अभी भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, और विश्व स्तरीय खेलों में इस तरह के नियमों की आवश्यकता होती है।