श्रीनगर मेज़बानी करेगा प्रधानमंत्री मोदी का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024
श्रीनगर 21 जून, 2024 को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) के परिसर में उपस्थित होंगे, जो खूबसूरत डल झील के किनारे स्थित है।
इस साल का योग दिवस 'स्वयं और समाज के लिए योग' की थीम पर आधारित है, जिससे योग के महत्व और उसके समुदायिक लाभों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इस कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों से 3000-4000 लोगों की भागीदारी की उम्मीद है, जिनमें पार्टी के कार्यकर्ता, छात्र, अधिकारीगण, खेल जगत की हस्तियाँ और योग के उत्साही शामिल हैं।
विशेष व्यवस्थाएँ और सुरक्षा प्रबंध
लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के नेतृत्व में श्रीनगर प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं। शहर में बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं, जिससे कार्यक्रम के सुगम और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित किया जा सके। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर को अस्थायी 'रेड ज़ोन' घोषित किया है और कार्यक्रम के समापन तक ड्रोन परिचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यह प्रधानमंत्री मोदी का जम्मू-कश्मीर का तीसरा कार्यकाल संभालने के बाद पहला दौरा होगा और इस साल का श्रीनगर का दूसरा दौरा। प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 से योग को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और वे विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे हैं, जिनमें न्यूयॉर्क की संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी शामिल है।
योग के लाभ की जानकारी
इस बार प्रधानमंत्री ने अपने X अकाउंट पर योग ट्यूटोरियल्स भी साझा किए हैं, जिनमें योग के विभिन्न आसनों के लाभों को विस्तार से बताया गया है। इसके माध्यम से उन्होंने योग की महत्ता और उसकी उपयोगिता को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास किया है।
पिछले वर्षों का योग दिवस
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ने पिछले वर्षों में विभिन्न विश्व रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। पिछले वर्ष की बात करें तो उस दिन करीब 23.4 करोड़ लोगों ने पूरे विश्व में योग में भाग लिया था। इससे स्पष्ट है कि योग के प्रति लोगों की बढ़ती जागरूकता और रुचि पूरी दुनिया में फैली हुई है।
श्रीनगर में आयोजित हो रहा यह योग दिवस का आयोजन न केवल स्थानीय लोगों बल्कि दुनियाभर के योग प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह आयोजन एक बार फिर सिद्ध करेगा कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक पूरा तरीका है जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
श्रीनगर में योग दिवस की तैयारियों को देखकर ऐसा लगता है कि यह आयोजन अभूतपूर्व सफलता हासिल करेगा और योग के प्रति लोगों का प्रेम और उत्साह और बढ़ेगा। स्थानीय प्रशासन और जनता की मेहनत और उत्साह के चलते यह आयोजन श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर के नए इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होगा।
सभी सहभागीगण, अतिथियों और आम लोगों से आयोजकों ने कार्यक्रम के नियमों का पालन करने और सुरक्षा अधिकारियों की दिशा-निर्देशों का सम्मान करने की अपील की है, जिससे इस अद्वितीय कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सके।
टिप्पणि
Mayank Aneja
श्रीनगर में योग दिवस का आयोजन, एक ऐतिहासिक क्षण है। यहाँ की प्राकृतिक शांति, जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक गहराई, और योग की आध्यात्मिक निरंतरता-ये सब मिलकर एक अद्वितीय अनुभव बन रहा है। ड्रोन प्रतिबंध और बहु-स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था, स्थानीय प्रशासन की दक्षता का सबूत है। इस तरह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए, स्थानीय योग शिक्षकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
Vallabh Reddy
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय और वैश्विक दर्शन बन गया है। श्रीनगर का चयन, भारत के दक्षिणी और उत्तरी भागों के बीच एकता का प्रतीक है। यहाँ के स्थानीय योगी, जिन्होंने सदियों से इस कला को बरकरार रखा है, उनकी भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देना आवश्यक है। इस आयोजन को एक निरंतर वैश्विक शिक्षा अभियान में बदलना चाहिए।
Vishal Bambha
ये सब बकवास है! योग तो बस एक फैशन है, जिसे सरकार ने राष्ट्रीय प्रचार के लिए बना दिया है। श्रीनगर में इतनी सुरक्षा क्यों? क्या यहाँ के लोग योग नहीं कर सकते बिना पुलिस के घेराबंदी के? ये सब दिखावा है-एक बड़ा फोटो ऑपरेशन! 23.4 करोड़ लोग? उनमें से 15 करोड़ तो सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्हें जाना ही है! असली योग तो घर पर बैठकर किया जाता है, न कि टेंट में लाखों के झुंड में!
Raghvendra Thakur
योग है शांति। श्रीनगर है शांति। दोनों मिले। बस यही।
Vishal Raj
अरे भाई, विशाल भाई के कमेंट पर तो मैं हंस पड़ा! 😆 लेकिन सच बताऊँ तो, जब मैंने पहली बार योग किया, तो सिर्फ तनाव दूर हुआ। अब ये नहीं लगता कि ये सिर्फ एक गतिविधि है। ये तो जीवन का एक तरीका है। श्रीनगर में ये आयोजन हो रहा है, तो लगता है जैसे प्रकृति और आत्मा एक साथ सांस ले रही हैं। अगर आपको लगता है ये सिर्फ दिखावा है, तो आप खुद एक दिन योग करके देखिए। बस 10 मिनट। फिर बताइएगा।