जब हम बॉलिंग, क्रिकेट में गेंद को ग्राह्य दिशा में चलाने की कला है. इसे अक्सर गेंदबाज़ी कहा जाता है और यह मैच के परिणाम को सीधे प्रभावित करती है। क्रिकेट के विश्व में बॉलिंग दो मुख्य शाखाओं में बाँटा जाता है – तेज बॉल और स्पिन बॉल। प्रत्येक शाखा की अपनी तकनीक, गति और रणनीति होती है, जिससे बॉलर (गेंदबाज़) को वरीयता मिलती है।
अब बात करते हैं बॉलर की, यानी वह खिलाड़ी जो बॉलिंग की जिम्मेदारी संभालता है। बॉलर की भूमिका सिर्फ गेंद फेंकना नहीं, बल्कि विरोधी बल्लेबाज़ की कमजोरी खोजना, पिच की स्थिति को पढ़ना और टीम की योजना के साथ तालमेल बिठाना भी है। तेज बॉलर तेज़ गति, स्विंग और सिडी के साथ बाउंड्री पर दबाव बनाते हैं, जबकि स्पिन बॉलर चाकू जैसे मोड़ और बदलाव से बल्लेबाज़ को उलझाते हैं।
तेज बॉल (Fast Bowling) अक्सर नई पिच या बाउन्ड्री की मदद से बॉलर को अतिरिक्त गति देती है। जब पिच कठोर और फटाफट चलने वाली हो, तो तेज बॉलर को स्विंग और सैप जैसी तकनीकें अपनानी चाहिए। दूसरी ओर, स्पिन बॉल (Spin Bowling) पिच की घिसावट और घर्षण का फायदा उठाता है। सबसे लोकप्रिय स्पिन प्रकार हैं ऑफ‑स्पिन और लेग‑स्पिन, जिनके लिये बॉलर को उंगलियों की लचीलापन और कलाई की आवाज़ पर ध्यान देना चाहिए। ICC के नियमों में दोनों प्रकारों के लिए अलग‑अलग सत्र सीमा तय है, जिससे कोचिंग और फिटनेस प्रोग्राम भी अलग‑अलग बनते हैं।
इस टैग पेज पर आप देखेंगे कि कैसे बॉलिंग के विभिन्न पहलू विभिन्न समाचारों में सामने आते हैं। उदाहरण के तौर पर, हालिया महिला क्रिकेट विश्व कप में हेडर नाइट की 79* की बैटिंग के साथ, इंग्लैंड की बॉलिंग यूनिट ने निरंतर दबाव बनाकर बांग्लादेश को हराया था। इसी तरह, भारत ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपनी तेज बॉलिंग लाइन‑अप से जीत हासिल की, जहाँ शुबमन गिल ने कप्तानी करते हुए बॉलर की तगड़ी योजना को लागू किया। इन उदाहरणों से स्पष्ट है कि बॉलिंग सिर्फ गति नहीं, बल्कि रणनीति और सामंजस्य का खेल है।
यदि आप शुरुआती हैं तो सबसे पहले बॉलिंग के बुनियादी नियमों को समझें: पैर की स्थिति, रन‑अप, ग्रिप और रिलीज़ पॉइंट। फिर धीरे‑धीरे गति और स्विंग पर काम करें। अनुभवी बॉलर अक्सर अपने फॉर्म को वीडियो‑एनालिसिस से जांचते हैं और फिटनेस ट्रेनर के साथ कोर स्ट्रेंथ पर काम करते हैं। इस दौरान आप ICC की बॉलिंग रिपोर्ट्स, ODI/टेस्ट मैच का आँकड़ा, और लाइव स्ट्रिमिंग से गति, ट्रायंगल आदि डेटा हासिल कर सकते हैं।
आगे नीचे आप कई लेख पाएंगे जो बॉलिंग के हर कोने को कवर करते हैं – तेज बॉल की नई तकनीकें, स्पिन बॉल की बारीकियाँ, महिला बॉलिंग की उन्नति और विश्व स्तर पर बॉलिंग की प्रतिस्पर्धात्मक माहौल। चाहे आप एक प्रशंसक हों, बॉलर हो या कोच, इस संग्रह में आपको उन सबका खाका मिलेगा जो आपके क्रिकेट ज्ञान को आगे बढ़ाएगा। अब पढ़ते रहें और बॉलिंग की दुनिया में डुबकी लगाइए।
दीप्ति शर्मा ने ICC महिला T20I बॉलिंग रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल किया, सिर्फ़ 8 अंक की दूरी पर सादिया इक्कबाल से। यह उपलब्धि इंग्लैंड टूर के बाद आई है।