क्या आप कॉलेज या स्कूल में जगह बनाना चाहते हैं? अक्सर एडमिशन की बात सुनते‑सुनते थक जाते हैं। लेकिन अगर कदम‑ब-कदम समझें तो सब आसान हो जाता है। इस लेख में हम बतायेंगे कि कैसे सही तैयारी करके, कब कौन‑सी डेडलाइन देखनी है और किन चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए।
आधुनिक समय में ज्यादातर संस्थान अपना ऑनलाइन पोर्टल रखते हैं। सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट खोलें, ‘एडमिशन’ या ‘रजिस्ट्रेशन’ सेक्शन ढूँढ़ें और नया फ़ॉर्म चुनें। फॉर्म भरते‑वक्त नाम, जन्म तिथि, पिछला अंक आदि सही लिखें। छोटा गलती बाद में बड़ी समस्या बन सकती है, इसलिए दो बार जाँच करिए। अगर फोटो अपलोड करना हो तो साफ़ और पासपोर्ट साइज की फ़ाइल रखें।
कई बार फॉर्म को पेमेंट के साथ ही सबमिट किया जाता है। डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग से भुगतान सुरक्षित तरीके से करें, रसीद का स्क्रीनशॉट ज़रूर रखें। बाद में अगर कोई समस्या आए तो यह मदद करेगा।
फ़ॉर्म भरने के बाद संस्थान द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड या ऑफिस में पेश करने होते हैं। आम तौर पर ये होते हैं:
इन दस्तावेज़ों को साफ़ स्कैन करके PDF या JPG में रखें। अगर कोई डुप्लिकेट चाहिए तो पहले से तैयार रखिए ताकि देर न हो। कुछ संस्थान इंटरव्यू भी लेते हैं – इसके लिए अपना परिचय, लक्ष्य और पिछले प्रोजेक्ट्स का छोटा सारांश याद रखें। प्रश्न पूछे जाने पर सीधे जवाब दें, बहुत ज़्यादा शब्दों में फँसे नहीं।
एक खास बात: कई बोर्ड (जैसे CBSE) ने 2025 में री‑इवैल्यूएशन प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू की है। अगर आपका पिछले साल का अंक ठीक नहीं आया तो तुरंत रिविज़न अप्लाई करिए, इससे एडमिशन में फायदा हो सकता है। इस तरह के अपडेट अक्सर वेबसाइट पर दिखते हैं, इसलिए नियमित चेक करें।
अंत में यह याद रखें कि हर संस्थान की डेडलाइन अलग होती है। कुछ जुलाई में बंद होते हैं, तो कुछ अक्टूबर तक चलाते हैं। अपने कैलेंडर में एंट्री बनाकर रिमाइंडर सेट कर लें। अगर देर से फ़ॉर्म जमा किया तो सीट मिलना मुश्किल हो सकता है।
आशा करता हूँ कि यह गाइड आपके लिए उपयोगी साबित होगी। सही जानकारी, समय पर कार्रवाई और थोड़ी सी तैयारी से आप आसानी से एडमिशन की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। शुभकामनाएँ!
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 2025 के लिए CSAS UG पोर्टल लॉन्च किया है, जिसमें एडमिशन अब सिर्फ CUET स्कोर के आधार पर होगा। पूरी प्रक्रिया तीन फेज़ में बंटी है, जिनमें रजिस्ट्रेशन, कॉलेज-कोर्स प्रेफरेंस और सीट अलॉटमेंट शामिल हैं। डेडलाइन्स के बीच छात्रों की एक गलती भी एडमिशन से वंचित कर सकती है।