अगर आप हिंदी में हँसी‑मजाक वाले शायरी या कविता पसंद करते हैं, तो ‘हास्य कवि सम्मेलन’ आपके लिये एक बेहतरीन जगह बन चुका है। यहाँ पर देश भर के मज़ेदार कवियों का मिलना‑जुलना होता है, नई रचनाओं को सुनने‑सुनाने का मौका मिलता है और अक्सर लाइव परफ़ॉर्मेंस भी होते हैं। इस टैग पेज में हमने उन सभी खबरों को इकट्ठा किया है जो इस सम्मेलन से जुड़ी हैं – चाहे वो बड़े शहरों के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम हों या छोटे गाँव की स्थानीय मीटिंग्स।
पिछले महीने मुंबई में ‘हास्य कवि सम्मेलन 2025’ का इंटेंस सत्र हुआ था, जहाँ पर शायरों ने राजनीति, खेल‑कूद और रोज़मर्रा की जिंदगी को लेकर तड़केदार श्लोक सुनाए। इस इवेंट से एक ख़ास बात यह थी कि कई युवा कवियों ने अपने पहले बड़े मंच पर प्रदर्शन किया – जैसे कि रवि सिंह ने ‘गणेश चतुर्थी’ के मज़ाकिया पहलू को लेकर नया मोड़ दिया, जिससे दर्शकों की हँसी रुकनी मुश्किल हो गई। इसी तरह संजय कुमार की ट्वीट‑डिलिट विवाद वाली शायरी ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी थी, और इसने इवेंट को एक सामाजिक चर्चा का मंच भी बना दिया।
दिल्ली में आयोजित CSAS UG पोर्टल लॉन्च के दौरान भी कवियों ने तकनीक‑उन्मुख हास्य रचनाओं से भरपूर सत्र पेश किया। यहाँ पर ‘Vivo V60’ जैसी नई गैजेट्स को लेकर मज़ाकिया पंक्तियाँ सुनाई गईं, जिससे टेक‑प्रेमी और साहित्य प्रेमी दोनों का दिल जीत लिया गया। इन सभी उदाहरणों से स्पष्ट है कि आज के हास्य कवि केवल पारम्परिक शायरी नहीं लिखते – वे आधुनिक मुद्दे, राजनीति, खेल, तकनीक इत्यादि को भी अपनी रचनाओं में ढालते हैं।
सम्मेलन का अगला बड़ा कदम है ‘राष्ट्रीय हास्य कवियों की यात्रा’ – जिसमें कवियों को विभिन्न राज्यों के स्कूल और कॉलेजों में बुलाया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को साहित्यिक मज़ाक से रूबरू कराया जा सके। इस पहल में राजस्थान, गुजरात और बिहार जैसे प्रमुख शैक्षिक केंद्र शामिल होंगे। आयोजक कह रहे हैं कि यह कार्यक्रम ‘हास्य को सशक्त बनाने’ का एक नया रूप लेगा, जहाँ पर कवियों को स्थानीय संस्कृति के साथ मिलाकर नई रचनाएँ तैयार करने का अवसर मिलेगा।
यदि आप भी इस मज़ेदार दुनिया में कदम रखना चाहते हैं तो बस शौर्य समाचार की टैग पेज पर आएँ, जहाँ हर नए अपडेट को तुरंत पढ़ सकते हैं। यहाँ पर कार्यक्रम के समय‑सारणी, मुख्य अतिथियों की सूची और टिकट बुकिंग की जानकारी भी मिलती है। आप अपनी पसंदीदा कवियों के साथ सोशल मीडिया पर चर्चा भी कर सकते हैं या उनके फ़ॉलो करके सीधे जुड़ाव बना सकते हैं।
सम्पूर्ण रूप से कहा जाए तो ‘हास्य कवि सम्मेलन’ सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य में हँसी‑मजाक को फिर से जीवंत करने की कोशिश है। चाहे आप शायरी के शौकीन हों या बस हल्का‑फुल्का पढ़ना पसंद करते हों, यहाँ आपको रोज़ नई चीज़ें मिलेंगी जो आपका मन बहलाएँगी और सोचने पर भी मजबूर करेंगी। तो देर न करें – इस टैग पेज को फॉलो करके अपने दिन में थोड़ा हँसी का तड़का लगाइए!
सुजानगढ़ में हुआ एक विशेष हास्य कवि सम्मेलन, जिसमें 1,500 से अधिक लोग आए। ओसवाल समाज द्वारा आयोजित इस प्रोग्राम में कवियों ने हास्य और सामाजिक चेतना का समावेश किया। हरिश हिंदुस्तानी और गोविंद राठी सहित कई प्रमुख कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में राजस्थानी लोक संगीत ने सांस्कृतिक गहराई जोड़ी, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।