अगर आप politics में रुचि रखते हैं तो इस टैग पेज पर आपको सबसे नई ख़बरें मिलेंगी। भारत के दो बड़े पार्टियों, BJP और कांग्रेस, के बीच का रिश्ता लगातार बदलता रहता है। कभी गठजोड़, कभी टकराव – दोनों ही मोमेंट्स को हम यहाँ सरल भाषा में समझाएंगे।
हालिया CSDS विवाद ने भाजपा‑कांग्रेस के बीच नई दांव पड़ी है। एक ट्वीट हटाने के बाद दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे को ‘वोट चोरी’ का इल्ज़ाम लगाया। फिर कांग्रेस ने राजनैतिक दबाव बनाते हुए राहुल गांधी से माफी माँगी, जबकि BJP ने तुरंत जवाबी हमले की आवाज़ उठाई। इस तरह छोटे‑छोटे इंटरेक्शन भी राष्ट्रीय राजनीति में बड़ा असर डालते हैं।
इसी बीच, भारत‑UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर चर्चा चल रही है। यह समझौता भारतीय उद्योगों को टैक्स फ़्री एक्सपोर्ट का मौका देगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठबन्धन की छवि मजबूत करेगा। कई analysts कहते हैं कि इस तरह के आर्थिक कदम पार्टियों को अपनी वोटर बेस को बढ़ाने में मदद करेंगे, खासकर व्यापार‑संबंधी क्षेत्रों में.
अगले साल होने वाले लोकल और राष्ट्रीय चुनावों में गठबन्धन का रोल बड़ा होगा। अगर भाजपा और कांग्रेस एक ही मंच पर नहीं आते तो छोटे दलों के पास जीतने का मौका बढ़ जाएगा। इस वजह से दोनों बड़े पार्टियों को अपने‑अपने वोटर बेस को सुरक्षित रखने के लिए नई रणनीति बनानी पड़ेगी – जैसे कि युवा वर्ग को डिजिटल अभियान, या ग्रामीण क्षेत्रों में सीधे संवाद.
वास्तविकता यह है कि गठबन्धन की स्थिति हर महीने बदल सकती है। एक तरफ़ CSDS वादे से उठती टेंशन, दूसरी ओर व्यापार समझौते से बढ़ता सहयोग – इन दोनों का संतुलन ही तय करेगा कि अगले चुनाव में कौन जीतेगा. हमारे पेज पर आप लगातार अपडेटेड समाचार और विश्लेषण पा सकते हैं, जिससे आपको हर मोड़ पर सही जानकारी मिलेगी.
तो अब जब भी कोई नया राजनैतिक झटका आए, या किसी समझौते की घोषणा हो, बस इस टैग को फॉलो करें। हम आसान भाषा में बताते रहेंगे कि इसका मतलब आपके रोज़मर्रा के जीवन में क्या है और वोटिंग दायरे में कैसे असर पड़ेगा.
जेल में बंद सपा नेता आजम खान ने रामपुर में मुस्लिम नेताओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर चुप्पी साधने के लिए INDIA गठबंधन को घेरा। उन्होंने सपा-कोंग्रेस से इस मुद्दे पर साफ जवाब मांगा और चेतावनी दी कि ऐसा रहा तो मुस्लिम समाज राजनीति से किनारा कर सकता है। रामपुर के हालात ने यूपी राजनीति में हलचल बढ़ा दी है।