भारत और यूनाइटेड किंगडम ने 2023 में एक समझौता किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार आसान हो जाएगा। अब दो‑तीन साल में टैरिफ घटेंगे, नियम सरल होंगे और कंपनियों को नई संभावनाएँ मिलेंगी। अगर आप निर्यात‑आयात से जुड़े हैं तो यह बदलाव सीधे आपके काम पर असर डालेगा।
पहला बड़ा परिवर्तन टैरिफ में है – लगभग 70 % वस्तुओं पर शुल्क खत्म या कम हो जाएगा। इससे भारतीय कपड़े, दवाएँ और सॉफ्टवेयर यूके बाजार में सस्ते पड़ेंगे, जबकि ब्रिटिश शराब, बायोटेक और औद्योगिक मशीनें भारत में किफ़ायती होंगी। दूसरा बदलाव नियमों का सरलीकरण है; अब प्रमाणपत्र और लाइसेंस की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे छोटे व्यापारियों को भी बड़े सौदे मिल सकते हैं। तीसरा पहलू निवेश पर छूट – यूके कंपनियां भारतीय स्टार्ट‑अप में आसानी से फंड कर पाएँगी, और भारत के उद्यमी यूरोपीय बाजार तक पहुँच बना सकेंगे।
अगर आप इस एग्रीमेंट का लाभ उठाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने उत्पाद को “ड्यूटी‑फ्री सूची” में चेक करें। कई सरकारी पोर्टल पर यह जानकारी मुफ्त में उपलब्ध है। दूसरा, दो देशों की मानकों को समझें – उदाहरण के लिए, यूके में फ़ूड सर्टिफ़िकेशन कठोर हो सकता है, इसलिए पहले से ही प्रमाणन करवाना फायदेमंद रहेगा। तीसरा, लॉजिस्टिक्स पार्टनर चुनते समय उनके अनुभव पर ध्यान दें; नए नियमों के तहत कस्टम क्लियरेंस तेज होती है, लेकिन सही दस्तावेज़ीकरण अभी भी जरूरी है।
छोटे उद्योगों के लिए इस एग्रीमेंट का सबसे बड़ा फायदा ‘डिजिटल सर्विसेज’ सेक्टर में है। भारत की आईटी कंपनियां अब यूके की सरकारी टेंडर पर बिना अतिरिक्त टैक्स के बोली लगा सकेंगी, जिससे निर्यात बढ़ेगा और नई नौकरियाँ बनेंगी। इसी तरह, कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट भी बढ़ सकता है क्योंकि कई यूरोपीय देशों में भारतीय फलों को हाई‑क्वालिटी मानते हुए टैरिफ घटाया गया है।
ध्यान रखें कि एग्रीमेंट अभी पूरी तरह लागू नहीं हुआ है; कुछ प्रावधान चरणबद्ध रूप से आएँगे। इसलिए अपने व्यापार योजना में लचीलापन रखें और हर तिमाही नई अपडेट्स पर नजर रखें। सरकारी प्रेस रिलीज़, ट्रेड फेयर या उद्योग संगठनों की वेबिनार मददगार साबित हो सकते हैं।
सारांश में, India-UK FTA न केवल टैक्स बचत बल्कि बाजार तक तेज़ पहुँच भी लाता है। सही तैयारी और जानकारी से आप अपनी कंपनी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ा सकते हैं। इस मौके का फायदा उठाएँ, क्योंकि देर होने से अवसर हाथ से निकल सकता है।
भारत और ब्रिटेन के बीच फाइनल हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों के बीच 99% व्यापार पर टैक्स खत्म होगा। इससे टेक्सटाइल, ऑटो, रत्न-आभूषण और आईटी सेक्टर को निर्यात में जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। डील से भारत-यूके ट्रेड 2030 तक 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।