अगर आप आर्थिक खबरों में रूचि रखते हैं तो जेरोम पावेल का नाम अक्सर सामने आता है। वह अमेरिकी फ़ेडरल रिज़र्व (FED) के चेयरमैन हैं और उनकी हर आवाज़ बाजार में हलचल मचा देती है। इस टैग पेज पर आपको उनके द्वारा घोषित ब्याज़ दर, मौद्रिक नीति और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर वाले लेख मिलेंगे।
पिछले साल जेरोम ने कहा था कि अब तक ब्याज दर में कोई कटौती नहीं होगी। इस फैसले से डॉलर की कीमत स्थिर रही और भारतीय रुपये को भी थोड़ा समर्थन मिला। जब वह कहते हैं ‘कोई कटौती नहीं’, तो निवेशक तुरंत समझ जाते हैं कि बॉण्ड, शेयर या रियल एस्टेट में कौन‑सी चालें चलनी चाहिए। इसलिए हमारी साइट पर उनके बयानों का विश्लेषण मिलना आपके लिए फायदेमंद है।
फेड के आगे की नीति अक्सर कई कारकों पर निर्भर करती है – महंगाई, रोजगार आंकड़े और वैश्विक बाजार की स्थिति। जेरोम पावेल ने कहा कि अगर महंगाई घटेगी तो धीरे‑धीरे कटौती की जा सकती है। इस विचार को समझना आपके निवेश निर्णयों को सही दिशा दे सकता है। यहाँ हम उनके इंटरव्यू, प्रेस कॉन्फ्रेंस और विशेषज्ञों के टॉपिक पर चर्चा करते हैं जिससे आप अपडेटेड रह सकें।
यह टैग पेज सिर्फ समाचार नहीं देता, बल्कि सरल भाषा में यह बताता है कि जेरोम की हर टिप्पणी आपके रोज़मर्रा के खर्च, बचत या व्यापार को कैसे प्रभावित कर सकती है। चाहे आप स्टॉक मार्केट देख रहे हों या छोटे व्यवसाय चलाते हों, इन लेखों से आपको व्यावहारिक टिप्स मिलेंगे।
हम नियमित रूप से जेरोम पावेल से जुड़ी नई खबरें अपलोड करते हैं – जैसे कि उनकी आगामी मीटिंग की तारीख, मौद्रिक नीति के ड्राफ्ट और विशेषज्ञों का फीडबैक। इससे आप हर बदलाव पर तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
साथ ही हम इस टैग में कुछ आसान चार्ट भी देते हैं जो दिखाते हैं कि पिछले 5 सालों में ब्याज़ दर कैसे बदली, और भारतीय शेयर बाजार ने उस दौरान क्या किया। ये विज़ुअल एइड आपको डेटा समझने में मदद करते हैं बिना जटिल गणना के।
अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि इस टैग से क्या फायदा है – सोचना छोड़िए और पढ़िए। हर लेख को ऐसे लिखा गया है कि हाई स्कूल की कक्षा वाले छात्र भी समझ सकें, फिर भी अनुभवी निवेशकों को नई जानकारी मिले। यही कारण है कि शौर्य समाचार पर जेरोम पावेल के टैग को फॉलो करना स्मार्ट कदम है।
हमारी टीम हर पोस्ट में भरोसेमंद स्रोतों से डेटा लेती है और उसे आसान शब्दों में बदल देती है। इसलिए आप न सिर्फ खबरें पढ़ते हैं, बल्कि उनका सही मतलब भी समझ लेते हैं। यह आपका पहला कदम हो सकता है आर्थिक निर्णय लेने में आत्मविश्वास पाने का।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व 18 सितंबर को अपने मौद्रिक नीति निर्णय की घोषणा करेगा, जिसमें बाजार उम्मीदें 25-बेसिस पॉइंट की कटौती पर केंद्रित हैं, जो मार्च 2020 के बाद से पहली दर कटौती होगी। प्रमुख बहस 25 बेसिस पॉइंट्स या 50 बेसिस पॉइंट्स पर है। 25-बेसिस पॉइंट की कटौती बाजार में पहले से ही फैक्टर की गई है, जबकि कुछ विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि 50-बेसिस पॉइंट की कटौती आर्थिक स्वास्थ के बारे में नकारात्मक संकेत दे सकती है।