हर पाँच साल में भारत का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक काम होता है – लोकसभा चुनाव. इस बार भी कई नई बाते सामने आ रही हैं, जैसे कि डिजिटल वोटिंग टूल्स की टेस्टिंग, युवा मतदाता की बढ़ती भागीदारी और कुछ राज्यों में पहले से ही स्कूली बंदी। अगर आप अपने मतदान अधिकार का सही इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इन बदलावों को समझना ज़रूरी है.
इस बार चुनाव में सबसे बड़े मुद्दे हैं रोजगार, महँगाई और सुरक्षा. बड़ी राष्ट्रीय पार्टीें अपने एजेंडा में नौकरियों की गारंटी देने पर जोर दे रही हैं, जबकि छोटे क्षेत्रीय दल स्थानीय विकास पर फोकस कर रहे हैं। कई नेता अब सीधे सोशल मीडिया से वोटरों तक बात कर रहे हैं – आप भी उनके पोस्ट देख सकते हैं और अपनी राय बना सकते हैं. अगर आप किसी खास उम्मीदवार को पसंद करते हैं तो उनकी पृष्ठभूमि, शैक्षणिक योग्यता और पिछले कार्यों को देखना न भूलें.
पहला कदम है अपने मतदान केंद्र का पता लगाना। ऑनलाइन पोर्टल या एएनजीओ ऐप से आप अपना अड्रेस आसानी से खोज सकते हैं. अगली बार, वोटिंग डे पर समय पर पहुँचें – देर होने से लाइन में खड़ा होना पड़ेगा और आपका अनुभव बिगड़ सकता है. पहचान पत्र (आधार कार्ड/पैन) साथ रखना याद रखें, क्योंकि बिना सही दस्तावेज़ के आपका मतदान रद्द हो सकता है.
वोट डालते समय बॉल्ट पेपर पर अपना पसंदीदा उम्मीदवार का नंबर साफ़-साफ़ लिखें और ध्वज को नहीं. अगर आप पहली बार वोट कर रहे हैं तो बूथ में मौजूद कर्मचारियों से मदद मांग सकते हैं, वे बिना कोई फीस लिए आपका मार्गदर्शन करेंगे.
अंत में, मतदाता के रूप में अपनी जिम्मेदारी समझें – सिर्फ एक वोट नहीं, बल्कि अपने भविष्य की दिशा तय करने का मौका है. इस चुनाव को सच्ची जानकारी और जागरूकता से देखें, ताकि आप अपना अधिकार सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें.
ओडिशा में लोकसभा चुनाव रैली के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बिगड़ती सेहत की जांच की बात की। मोदी ने पटनायक के स्वास्थ्य मुद्दों के पीछे एक साजिश की संभावना जताई और वीके पांडियन का नाम लिया। पटनायक ने बीजेपी के आरोपों को निराधार बताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की।