अगर आप थाणे या किसी अन्य शहर में अपना फ़ार्मेसी खोलना चाहते हैं, तो सबसे पहला कदम है मेडिकल स्टोर लाइसेंस लेना। यह लाइसेंस बिना नहीं चल सकता, इसलिए सही जानकारी और दस्तावेज़ तैयार रखना ज़रूरी है। नीचे हम आसान भाषा में पूरी प्रक्रिया बताते हैं, ताकि आप जल्दी से अपने दुकान को कानूनी तौर पर चालू कर सकें।
1. आवेदन फॉर्म डाउनलोड या ऑफ़लाइन ले लें – थाणे के जिला औषधि नियंत्रण बोर्ड (ड्रग कंट्रोल ऑफिस) की वेबसाइट से फ़ॉर्म मिल जाएगा, नहीं तो सीधे कार्यालय में जाकर भर सकते हैं।
2. फॉर्म भरें और दस्तावेज़ लगाएँ – फॉर्म में व्यक्तिगत विवरण, दुकान का पता, प्रॉपर्टी लेज़र आदि पूछे जाते हैं। हर प्रश्न को साफ‑साफ लिखें, नहीं तो री-फ़ाइलिंग में समय लगेगा।
3. फीस जमा करें – ऑनलाइन या बैंक ड्राफ्ट से फीस (लगभग ₹ 7,000) भुगतान करें और रसीद रखें। यह रसीद आवेदन के साथ संलग्न करनी होगी।
4. फ़ॉर्म को नियामक कार्यालय में सब्मिट करें – सभी दस्तावेज़ों के साथ फ़ॉर्म जमा करने पर अधिकारी आपको एक रिसीट देंगे, जिसमें एप्लिकेशन नंबर होगा।
मुख्य दस्तावेज़:
फ़ीस का विवरण:
कभी‑कभी छोटे शहरों में फीस कम हो सकती है, इसलिए स्थानीय बोर्ड की वेबसाइट पर अपडेट चेक करें।
इंस्पेक्शन और अंतिम मंज़ूरी: आवेदन जमा करने के 15‑20 दिनों में अधिकारी आपके स्टोर का निरीक्षण करेंगे। वे साफ़‑सफ़ाई, उचित स्टोरेज, सुरक्षित ड्रग लेबले आदि देखेंगे। अगर सब ठीक रहा तो आपको लाइसेंस की कॉपी दी जाएगी; कुछ सुधार चाहिए तो लिखित नोटिस मिलेगा, जिसे आप तय समय में पूरा कर सकते हैं।
लाइसेंस मिलने के बाद भी हर दो साल में नवीनीकरण करना पड़ता है और रीन्यूअल फीस ₹ 3,000‑5,000 होती है। इस दौरान कोई बड़ा परिवर्तन (जैसे जगह बदलना या नया सेक्शन जोड़ना) करने पर फिर से आवेदन करना पड़ेगा।
सारांश में, मेडिकल स्टोर लाइसेंस के लिए सही फ़ॉर्म, जरूरी दस्तावेज़ और फीस की तैयारी करिए, स्थानीय ड्रग कंट्रोल ऑफिस में जमा कीजिये, निरीक्षण पास करें और समय पर रीन्यूअल याद रखें। यह प्रक्रिया थोड़ी पेपरवर्क लगाती है, लेकिन एक बार लाइसेंस मिल जाने से आपका व्यवसाय कानूनी रूप से चलना शुरू हो जाता है और आप ग्राहकों को भरोसे के साथ दवा बेच सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर के ड्रग रेगुलेटर ने दवाओं की गलत बिक्री को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करते हुए 8 फार्मेसी के लाइसेंस रद्द किए और 75 खुदरा दुकानों को सस्पेंड कर दिया। इस ऑपरेशन का मकसद नशीली दवाओं की अनियमित बिक्री पर लगाम लगाना और कानून का पालन सुनिश्चित करना है।