नया रेल बजट हर साल कई सवालों के जवाब देता है: टिकट की कीमतें, नई ट्रेन, स्टेशन सुधार आदि। इस बार सरकार ने यात्रियों को सीधे लाभ पहुँचाने पर फोकस किया है। अगर आप नियमित यात्रा करते हैं या कभी‑कभी ट्रेनों से सफ़र करते हैं, तो ये जानकारी आपके लिए काम आएगी।
सबसे बड़ी खबर यह है कि अगले पाँच साल में 12,000 किलोमीटर नया पटरियां जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इससे दूर‑दराज़ शहरों को जल्दी कनेक्ट किया जाएगा और मौजूदा ट्रैफ़िक कम होगा। साथ ही हाई-स्पीड ट्रेन के लिए दो नए रूट्स घोषित हुए हैं – मुंबई–अहमदाबाद और दिल्ली–पटना। इन रूट्स पर यात्रा समय 30 % तक घटाने की उम्मीद है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार भी बजट का अहम हिस्सा है। लगभग ₹15,000 करोड़ स्टेशन रीफ़ॉर्म, इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम और प्लेटफ़ॉर्म एन्हांसमेंट के लिए आवंटित किए गए हैं। इससे देरी कम होगी और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी। छोटे शहरों में स्वच्छता सुविधाओं को अपडेट करने का भी वादा किया गया है।
टिकट की कीमतों पर बड़ा असर पड़ेगा। सेक्टर‑बेस्ड सब्सिडी से 200 की.मी. तक की यात्रा में औसत किराया 10 % घटेगा। वरिष्ठ नागरिक और छात्र वर्ग के लिए अतिरिक्त छूट भी जोड़ दी गई है – अब 60 सेक्शन वाले सीनियर को 15 % और छात्रों को 20 % की रियायत मिलेगी।
भारी सामान ले जाने वालों के लिए नई “बिज़नेस‑पैकेज” पेश की गई है, जिसमें अतिरिक्त बगेज फ्री मिलती है और सीट अपग्रेड का विकल्प रहता है। साथ ही ऑनलाइन बुकिंग पर प्रोमो कोड से 5 % तक कैश बैक मिलेगा, जो तुरंत आपके अकाउंट में जुड़ जाएगा।
यदि आप अक्सर देर‑से-आने वाले ट्रेन से परेशान होते हैं, तो अब “रियल‑टाइम अलर्ट” सिस्टम के जरिए मोबाइल पर ट्रैकिंग और अनुमानित आगमन समय मिल सकेगा। यह सेवा सभी वर्गों की टिकट धारकों को मुफ्त में दी जाएगी।
सारांश में कहा जाए तो 2025 का रेल बजट यात्रा को सस्ता, तेज़ और सुविधाजनक बनाने की दिशा में कदम रखता है। नई पटरियां, हाई‑स्पीड रूट्स, बेहतर स्टेशन और किराया कटौती सभी यात्रियों के लिए फायदेमंद हैं। अब बस अपनी अगली ट्रेन बुक करें और इन लाभों का पूरा इस्तेमाल करें।
इस लेख में भारतीय रेलवे की उन परियोजनाओं पर चर्चा की गई है जो बुलेट ट्रेन, समर्पित माल ढुलाई कॉरिडोर और वर्ल्ड-क्लास स्टेशनों जैसी उच्च प्रोफ़ाइल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जबकि साधारण यात्रियों की जरूरतों को नजरअंदाज करते हैं। सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता में गिरावट आने पर रेलवे की अत्याधुनिक परियोजनाओं को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।