अगर आप या आपके आस‑पास कोई धूम्रपान करता है तो यह समझना ज़रूरी है कि तंबाकू सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है। भारत में हर साल लाखों लोगों की मृत्यु सीधे तंबाकू से जुड़ी होती है। इसलिए सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं और आम जनता को quit करने के लिए आसान उपाय भी सुझाए हैं।
पिछले कुछ सालों में भारत ने तंबाकू नियंत्रण में कई कदम उठाए – पैकेज पर ग्राफिक चेतावनी, सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध और टैक्स बढ़ाना। 2024‑25 बजट में अतिरिक्त कर के साथ सिगरेट की कीमत में 15% तक बढ़ोतरी की घोषणा की गई थी। इससे खरीदारी का खर्च बढ़ता है और कई लोग खुद को रोकते हैं।
हाल ही में कुछ राज्यें स्कूलों के आसपास धूम्रपान प्रतिबंध क्षेत्र (SMOKE‑FREE ZONE) लागू कर रही हैं। यह कदम युवा वर्ग को तंबाकू की लत से बचाने में मददगार साबित हो रहा है। यदि आप अपने इलाके में ऐसे नियम देखना चाहते हैं, तो स्थानीय निकाय या पंचायत से संपर्क करके समर्थन दे सकते हैं।
धूम्रपान के कारण फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और कई तरह की श्वसन समस्याएं बढ़ती हैं। अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि quit करना कितना कठिन होगा, तो छोटे‑छोटे बदलाव से शुरू करें:
साथ ही, अपने दोस्तों और परिवार से सपोर्ट माँगें। कई बार सामाजिक समर्थन quit करने की सफलता दर को दोगुना कर देता है। अगर आप एक महीने तक धूम्रपान नहीं करते तो खुद को कोई छोटा इनाम दें – यह प्रेरणा बनी रहेगी।
अंत में, याद रखें कि तंबाकू नियंत्रण सिर्फ सरकार का काम नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है। छोटे‑छोटे कदम उठाकर आप अपने स्वास्थ्य को बड़ा बदलाव दे सकते हैं और आसपास के लोगों को भी प्रोत्साहित कर सकते हैं। आज ही एक कदम बढ़ाएँ – आपका फेफड़ा धन्यवाद देगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) पर, बच्चों को तंबाकू उद्योग के हानिकारक प्रभाव से बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। भारत में तंबाकू उपयोग एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें लगभग 28.6% वयस्क और 13-15 आयु वर्ग के 14.6% बच्चे तंबाकू का उपयोग करते हैं। विशेषज्ञ प्रारंभिक वार्तालाप, तंबाकू-मुक्त रोल मॉडल बनने, और कड़ी नीति की सिफारिश करते हैं।