अगर आप मोबाइल या इंटरनेट यूज़र हैं तो टेलीकॉम की हर छोटी बड़ी खबर आपके दिन‑चर्या को असर कर सकती है। इस पेज पर हम रोज़ाना होने वाले बदलाव, नई स्कीमें और तकनीकी उन्नति को आसान भाषा में बताते हैं। पढ़ते रहिए, ताकि आप अपने डेटा प्लान, नेटवर्क कवरेज या नए फ़ीचर से पीछे न रहें।
सरकार ने हाल ही में 5G बैंड के लिए नया ऑक्शन जारी किया है। कई बड़े ऑपरेटर अब तेज़ डेटा और कम लॅटेंसी वाले नेटवर्क बनाने की तैयारी में हैं। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये फाइबर‑ऑप्टिक परियोजनाओं को भी तेजी दी गई है। अगर आप छोटे शहर या गाँव में रहते हैं तो इन नीतियों से आपके इंटरनेट की गति और कीमत दोनों पर असर पड़ेगा।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव डेटा वैल्यू‑एडेड सर्विसेज (DVAS) का नियमन है। अब ऑपरेटर को सिर्फ नेटवर्क नहीं, बल्कि ऐप‑बेस्ड सेवाएँ जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा या कृषि समाधान भी पेश करने की ज़िम्मेदारी होगी। इसका फायदा सीधे उन लोगों को मिलेगा जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर निर्भर हैं।
डेटा प्लान चुनते समय केवल कीमत नहीं, बल्कि डेटा रिफ़िल और नेटवर्क कवरेज देखना चाहिए। कई बार वही ऑपरेटर अलग‑अलग शहरों में अलग‑अलग सिग्नल देता है। अगर आप अक्सर यात्रा करते हैं तो राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कवरेज वाला प्लान बेहतर रहेगा।
5G के शुरुआती दौर में कुछ क्षेत्रों में कनेक्शन अभी भी सीमित हो सकता है। इसलिए, नया फ़ीचर आज़माने से पहले अपने फोन की सॉफ़्टवेयर अपडेट कर लें और नेटवर्क सेटिंग्स को रीसेट करें। इससे अक्सर मिलते‑जुलते कॉन्फ़्लिक्ट दूर होते हैं।
यदि आपको बार‑बार बिल में अनपेक्षित खर्च दिखता है, तो अपने डेटा उपयोग को ट्रैक करने वाले ऐप का इस्तेमाल करें। अधिकांश स्मार्टफ़ोन में इनबिल्ट मॉनीटरिंग टूल्स भी होते हैं जो रोज़ाना कितना डेटा ख़पत हुआ, यह दिखाते हैं। इस जानकारी से आप जरूरत‑मुताबिक प्लान बदल सकते हैं और अतिरिक्त खर्च बचा सकते हैं।
अंत में, अगर आपके पास कोई सवाल या फ़ीडबैक है तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें। शौर्य समाचार की टीम आपके प्रश्नों का जवाब देगी और टेलीकॉम उद्योग के बारे में नई जानकारी लाती रहेगी। पढ़ते रहें, जुड़े रहें!
भारती एयरटेल ने 3 जुलाई से अपने मोबाइल टैरिफ में वृद्धि की है, जो रिलायंस जियो की दरों में बढ़ोतरी के बाद आई है। एयरटेल का मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर के वित्तीय स्वस्थ व्यवसाय मॉडल के लिए औसत प्रति उपयोगकर्ता राजस्व ₹300 से अधिक होना चाहिए। इस बदलाव से प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स में 10% से 21% तक की वृद्धि हुई है।